Akhilesh Mishra: कौन हैं ये अखिलेश मिश्रा, जिसने दिया ऐसा बयान, बौखला गई कांग्रेस बोली…
India’s ambassador to Ireland Akhilesh Mishra: क्या कोई नौकरशाह विदेश में पीएम की प्रशंसा नहीं कर सकता है। आपकी इस पर क्या राय है? हम ये जरूर जानना चाहेंगे। वैसे ये प्रश्न इसलिए, क्योंकि हिंदुस्तान से करीब 8000 KM दूर आयरलैंड में तैनात भारतीय विदेश मंत्रालय के अधिकारी अखिलेश मिश्र की एक प्रतिक्रिया वहां के प्रमुख अखबार में छपे संपादकीय लेख को लेकर आई तो हिंदुस्तान में कांग्रेस पार्टी ने हंगामा काट दिया। दरअसल ‘द आयरिश टाइम्स’ में प्रकाशित एक संपादकीय लेख को लेकर दी गई प्रतिक्रिया पर प्रश्न उठाते हुए कांग्रेस पार्टी ने नाराजगी जताई है।
एडिटोरियल में क्या लिखा था?
‘Modi tightens his grip’ नाम से लिखे संपादकीय में हिंदुस्तान के लोकसभा चुनावों पर चर्चा के साथ हिंदुस्तान के ज्वलंत मुद्दों का जिक्र किया गया था। 11 अप्रैल को प्रकाशित संपादकीय में 2024 के लोकसभा चुनावों के संभावित नतीजों, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की गिरफ्तारी और विपक्षी नेताओं के विरुद्ध कर चल रहे कानूमी मुकदमों की बात लिखी थी।
एडिटोरियल के विवादित हिस्सों की बात करें तो लेख में पीएम मोदी के बारे में लिखा गया है कि मोदी के हिंदू राष्ट्रवाद को अपनाने से मुसलमान विरोधी तनाव और अत्याचार को बढ़ावा मिला है और उनकी राजनीति ने ट्रेडिशनल नेहरू-प्रेरित धर्मनिरपेक्षता की भावना को समाप्त कर दिया गया है। आज हिंदुस्तान की लोकतांत्रिक साख धूमिल हो गई है।‘
संपादकीय में हाल ही में शराब नीति मुद्दे में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और कांग्रेस पार्टी पार्टी के बैंक खातों को फ्रीज करने, कांग्रेस पार्टी नेताओं के चुनाव प्रचार करने की क्षमता को कम करने का हवाला देते हुए बोला गया, ’95 प्रतिशत सियासी मुद्दे विपक्ष के विरुद्ध दाखिल किए गए हैं।‘
दूतावास ने दिया जवाब
भारतीय दूतावास ने इस एडिटोरियल पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, ‘ यह संपादकीय बहुत पक्षपातपूर्ण और पूर्वाग्रह से ग्रसित है।‘
अखिलेश मिश्र ने क्या बोला था?
संपादकीय को लेकर भेजे उत्तर में मिश्रा ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को न सिर्फ़ हिंदुस्तान में बल्कि विश्व स्तर पर अभूतपूर्व लोकप्रियता और कद हासिल है। यह नवीन, समावेशी शासन और सतत विकास पर त्रुटिहीन पर्सनल चरित्र और ईमानदारी और विचारवान नेतृत्व के कारण है।’ राजदूत ने ये भी लिखा, ‘भ्रष्टाचार की गहरी जड़ें जमा चुके तंत्र (भारत में एक ही वंशवादी पार्टी द्वारा 55 वर्ष के शासन द्वारा निर्मित) के विरुद्ध लड़ाई मोदी की लगातार बढ़ती लोकप्रियता के पीछे एक प्रमुख कारक है।’
कांग्रेस ने की कार्रवाई की मांग
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने उनकी टिप्पणी के उत्तर में कहा, ‘एक राजदूत से पार्टी जानकार की तरह विपक्षी दलों पर खुलेआम धावा करने की आशा नहीं की जाती है। गवर्नमेंट का बचाव करना एक बात है। लेकिन एक पार्टी एक्सपर्ट की तरह विपक्षी दलों पर खुलेआम धावा गैर-पेशेवर और अपमानजनक व्यवहार है।‘
कौन हैं अखिलेश मिश्रा?
अखिलेश मिश्रा 1989 बैच के आईएफएस अधिकारी हैं। उन्होंने कई राष्ट्रों में अहम पदों पर काम किया है। मिश्रा, कनाडा, मालदीव में भी काम कर चुके हैं। अगस्त 2021 में उन्हें आयरलैंड में तैनाती दी गई थी।