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Arvind Kejriwal Arrest: ईडी से बचने के लिए विपक्षी नेताओं ने निकाली ये तरकीब

Arvind Kejriwal: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार की रात को अरैस्ट कर लिया है. शराब नीति मुकदमा में लगातार कई नोटिस भेजने के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने देर रात सीएम आवास पर छापा मारा और अरविंद केजरीवाल को हिरासत में ले लिया. मुख्यमंत्री केजरीवाल का आज मेडिकल होगा, जिसके बाद उन्हें PMLA न्यायालय में पेश किया जाएगा.

हालांकि यह पहली बार नहीं है जब प्रवर्तन निदेशालय ने किसी बड़ी सियासी शख़्सियत पर शिकंजा कसा है. इससे पहले भी कई राजनेता प्रवर्तन निदेशालय के निशाने पर आ चुके हैं.भारतीय एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, विपक्षी नेताओं पर प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दाखिल 95 फीसदी मुद्दे 2014 के बाद दर्ज हुए हैं. तो आइए जानते हैं कि प्रवर्तन निदेशालय से बचने के लिए विपक्षी नेताओं ने कौन सी तरकीब निकाली? वहीं कुछ नेता राजनीति छोड़ने के बाद भी प्रवर्तन निदेशालय से नहीं छिप सके.

शारदा चिट फंड केस

असम के सीएम हिमंत बिस्वा शर्मा के घर भी प्रवर्तन निदेशालय ने 2014 में छापा मारा था. उस दौरान हिमंत कांग्रेस पार्टी पार्टी का हिस्सा थे. लिहाजा शारदा चिट फंड मुकदमा में प्रवर्तन निदेशालय ने हिमंत के घर रेड मारी और उनसे पूछताछ भी की. मगर 2016 में हिमंत ने कांग्रेस पार्टी का हाथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया, जिसके बाद इस मुकदमा में कोई अपडेट सामने नहीं आया.

नारदा घोटाला

ममता बनर्जी की पार्टी तृण मूल काँग्रेस के नेता रहे सुवेंदु अधकारी और मुकुल रॉय पर भी प्रवर्तन निदेशालय ने नारदा घोटाले में एक्शन लिया था. मगर 2017 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के दौरान दोनों तृण मूल काँग्रेस लीडर ने भाजपा ज्वॉइन कर ली. इसके बाद नारदा मुद्दे में दोनों के नाम पर कोई अपडेट सामने नहीं आया. हालांकि मुकुल रॉय ने कुछ वर्षों बाद फिर से पाला बदलकर तृण मूल काँग्रेस का हाथ थाम लिया.

आय से अधिक संपत्ति

2019 में प्रवर्तन निदेशालय ने TDP के सासंद रहे वाईएसचौधरी के घर पहली बार छापा मारा था. चौधरी पर आय से अधिक संपत्ति होने का इल्जाम था. मगर बाद में चौधरी भी TDP छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए जिसके बाद इस मामसे पर कोई जानकारी सामने नहीं आई.

पूर्व नेताओं को भी नहीं छोड़ा

ईडी के शिकंजे से कई वरिष्ठ नेता भी नहीं बच सके हैं. राजनीति को अलविदा कह चुके कई नेताओं को प्रवर्तन निदेशालय ने प्रश्नों के कठघरे में खड़ा किया है. इस लिस्ट में महाराष्ट्र के पूर्व सीएम अशोक चौहान (आदर्श हाउसिंग केस), सुरेश कलमाड़ी (कॉमनवेल्थ गेम्स केस), नवीन जिंदल (कोयला ब्लॉक केस), डीएमके नेता ए राजा और कनीमोझी (2 जी घोटाला), दयानिधि मारन और कलानिधि मारन (ऐयरसेल-मैक्सिस केस) का नाम शामिल है.

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