अशोक गहलोत को कांग्रेस में मिली नई जिम्मेदारी, संभालेंगे अमेठी की कमान
Jaipur News: पूर्व सीएम अशोक गहलोत एक बार फिर से चर्चा में हैं और इस बार कारण है गहलोत को कांग्रेस पार्टी में मिली नयी ज़िम्मेदारी। राष्ट्र भर की निगाहें अमेठी और रायबरेली के चुनाव पर रहती हैं। इस बार भी ऐसा ही है हालांकि अबकी बार राहुल गांधी के रायबरेली जाने के चलते अमेठी से गांधी परिवार का कोई सदस्य चुनाव नहीं लड़ रहा है लेकिन फिर भी किशोरीलाल शर्मा और अशोक गहलोत की मौजूदगी अमेठी के चुनाव को रोचक बनाती दिख रही है। हालांकि इस चुनाव में प्रत्याशी केएल शर्मा ही होंगे लेकिन गहलोत के रणनीतिक कौशल के चलते भी इस बार अमेठी के चुनाव पर राष्ट्र की निगाहें बनी रहेंगी।
गांधी परिवार के दो लॉयलिस्ट एक साथ दिखेंगे। यह तस्वीर होगी अमेठी के लोकसभा चुनाव की। दरअसल कांग्रेस पार्टी ने राहुल गांधी को अमेठी से रायबरेली शिफ्ट कर दिया है… और इसके साथ ही अमेठी से किशोरी लाल शर्मा को प्रत्याशी बनाया। गांधी परिवार के लॉयलिस्ट और अब तक यहां कांग्रेस पार्टी के प्रतिनिधि के रूप में काम संभालने वाले शर्मा विद्यार्थी राजनीति में रहे हैं। लेकिन गांधी परिवार का काम संभालने के चलते वे बड़े चुनाव लड़ने से दूर ही रहे।
अबकी बार अमेठी से केन्द्रीय मन्त्री स्मृति ईरानी का मुकाबला किशोरीलाल शर्मा से होगा लेकिन किशोरी लाल इस चुनाव में अकेले नहीं होंगे। उनके रणनीतिकार के रूप में पार्टी ने अशोक गहलोत को ज़िम्मेदारी सौंपी है। कांग्रेस पार्टी ने राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत को अमेठी चुनाव के लिए पार्टी का सीनियर ऑब्ज़र्वर नियुक्ति किया है। इसके साथ ही रायबरेली के चुनाव में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को सीनियर ऑब्ज़र्वर की ज़िम्मेदारी दी गई है लेकिन इस आदेश में दो नाम होने के बावजूद चर्चा अधिक गहलोत को लेकर ही है।
गहलोत की सियासी समझ और रणनीतिक व्यूह रचना
कांग्रेस पार्टी में अशोक गहलोत होने के क्या अर्थ हैं। इसका पता हर उस आदेश से चलता है… जो विकट समय और परिस्थितियों के समय कांग्रेस पार्टी नेतृत्व की तरफ़ से जारी किया जाता है हालांकि किशोरी लाल शर्मा अमेठी से अच्छी तरह वाकिफ़ हैं और हर बार गांधी परिवार के प्रतिनिधि के लिए चुनाव संभालने का काम करते रहे हैं। लेकिन अबकी बार वे स्वयं चुनाव में होंगे। लिहाजा उनका चुनाव पार्टी के लोग और क्षेत्रीय नेतृत्व संभालेगा। इस लिहाज से अशोक गहलोत के कंधों पर दो ज़िम्मेदारी होगी। पहला तो किशोरी लाल शर्मा के चुनाव प्रबंधन में रणनीति बनाना और दूसरा उनके चुनाव में सारा काम तय रणनीति के अनुसार हो। कहीं कोई भीतरघात ना हो इसका ऑब्ज़र्वेशन करना।
दरअसल कांग्रेस पार्टी में अशोक गहलोत को मजबूत रणनीतिकार माना जाता है और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि इस लिहाज से ही उन्हें अमेठी की ज़िम्मेदारी दी गई है। ज़िम्मेदारी मिलने के साथ ही गहलोत एक्टिव भी हो गए हैं। अमेठी में कांग्रेस पार्टी कार्यालय के बाहर गाड़ियों में हुई तोड़-फोड़ को लेकर गहलोत ने ट्वीट करते हुए बोला कि ऐसी घटनाएं कांग्रेस पार्टी उम्मीदवार की जीत के अन्तर को और बढ़ाएंगी।
अशोक गहलोत का सोशल मीडिया पर बयान।
अमेठी में कांग्रेस पार्टी कार्यालय पर तोड़फोड़ निंदनीय है।
ऐसी घटनाएं बीजेपी की हार की बौखलाहट का साफ प्रमाण है।
उत्तर प्रदेश पुलिस इस घटना में लिप्त आरोपियों पर
सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करे।
ऐसी घटनाओं से अमेठी में कांग्रेस पार्टी के लोकप्रिय उम्मीदवार
के एल शर्मा की जीत का अंतर और बढ़ाएगी – गहलोत।
चुनाव तक गहलोत का कैम्प और फोकस अमेठी ही रहेगा
माना जा रहा है कि अब चुनाव तक गहलोत का कैम्प और फोकस अमेठी ही रहेगा क्योंकि किशोरी लाल का मुकाबला स्मृति ईरानी से है और ईरानी पहले राहुल गांधी को चुनाव हरा चुकी हैं। इस लिहाज से गहलोत के ऑब्ज़र्वेशन में कांग्रेस पार्टी की जीत के लिए रणनीति बनाना चुनौतीपूर्ण रहेगा लेकिन इससे पहले पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव और गुजरात चुनाव के समय गुजरात कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रभारी महासचिव के रूप में भी गहलोत ने अपनी किरदार से अलग छाप छोड़ी है। ऐसे में एक बार फिर गहलोत गांधी परिवार के मजबूत सिपहसालार और लॉयलिस्ट के रूप में काम करते हुए किशोरी लाल शर्मा को जिताने के लिए ज़ोर लगाते दिखेंगे।