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त्रिपुरा में सभी हितधारकों को आश्‍वस्त करते हुए देबबर्मा ने कहा…

नई दिल्ली केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में केंद्र, त्रिपुरा गवर्नमेंट और टीआईपीआरए मोथा के बीच एक त्रिपक्षीय समझौता हुआ, जिसका उद्देश्य राज्य में स्वदेशी समुदायों के सामने आने वाली चुनौतियों का स्थायी निवारण करना है

इस अवसर पर अमित शाह ने बोला कि यह समझौता ऐतिहासिक अन्यायों को सुधारने और उज्‍ज्‍वल भविष्य का मार्ग प्रशस्त करने के लिए वास्तविकताओं को अपनाने की गवर्नमेंट की प्रतिबद्धता को दर्शाता है

इससे पहले टीआईपीआरए मोथा के नेता प्रद्योत देबबर्मा ने स्वदेशी लोगों के सामने आने वाले मुद्दों के स्थायी निवारण की मांग करते हुए ‘आमरण अनशन’ का सहारा लिया था हालांकि, केंद्र गवर्नमेंट के वार्ताकारों के आश्‍वासन के बाद देबबर्मा राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे और अंततः समझौते पर सहमति जताई

प्रद्योत देबबर्मा ने समझौते के महत्व पर विचार करते हुए आभार जताया और बोला कि यह मेरे लोगों के लिए उन गरीब ग्रामीणों के लिए एक जीत है, जो बेहतर कल की आकांक्षा रखते हैं, जो मुख्यधारा में एकीकरण चाहते हैं और जो बच्‍चों के उज्‍जवल भविष्य हासिल करने में विश्‍वास करते हैं मैं अगरतला लौटूंगा और अपना उपवास खत्‍म करूंगा

त्रिपुरा में सभी हितधारकों को आश्‍वस्त करते हुए देबबर्मा ने बोला कि अब आपको अपने अधिकारों के लिए लड़ने की आवश्यकता नहीं होगी केंद्र गवर्नमेंट आपके हितों की रक्षा के लिए एक्टिव रूप से तंत्र स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है

केंद्रीय गृहमंत्री ने इस समझौते तक पहुंचने की दिशा में त्रिपुरा स्वदेशी प्रगतिशील क्षेत्रीय गठबंधन टीआईपीआरए मोथा और सभी आदिवासी दलों के साथ-साथ त्रिपुरा गवर्नमेंट के निष्ठावान प्रयासों द्वारा निभाई गई रचनात्मक किरदार की भी सराहना की

अमित शाह ने पीएम मोदी के नेतृत्व में 11 शांति और सीमा समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने का हवाला देते हुए यह भी बोला कि पूर्वोत्तर में शांति और स्थिरता के लिए गवर्नमेंट प्रतिबद्ध है उन्होंने घोषणा की कि विद्रोही संगठन नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (एनएलएफटी) के साथ शांति समझौता एक जरूरी कदम है और आनें वाले लोकसभा चुनाव से पहले यह आखिरी समझौता होगा

 

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