डकैती से पहले नया गैंग बनाता था और फिर देता था वारदात को अंजाम, जानें पूरा मामला…
पुलिस ने कहा कि मुखबिर से सूचना मिलने के बाद मिराज को पकड़ने के लिए द्वारका के एक गांव में जाल बिछाया गया। जब पुलिस टीम ने मिराज को देखा और उसे सेरेण्डर करने के लिए कहा, तो उसने और उसके साथी ने पुलिस टीम पर गोलीबारी प्रारम्भ कर दी। जिसमें से एक गोली इंस्पेक्टर अक्षय की बुलेट प्रूफ जैकेट में लगी। इस दौरान शाहिद की गोली से हेड कांस्टेबल गौरव बाल-बाल बच गए।
अशोक विहार में 2 करोड़ रुपये की डकैती को अंजाम दिया गया
बांग्लादेशी डकैत मिराज ने अशोक विहार में 2 करोड़ रुपये की बड़ी डकैती को अंजाम दिया था। उन्होंने वहां से 2 किलो सोना लूट लिया। इसके बाद 13 मार्च को दिल्ली के प्रीत विहार में परिवार को बंधक बनाकर डकैती की बड़ी घटना को अंजाम दिया गया। पुलिस के अनुसार जानकारी मिली है कि यहां से 29 लाख रुपये कैश और बड़ी मात्रा में सोने के आभूषण लूटे गए हैं।
वे नए लड़कों को शामिल कर क्राइम के लिए नए रैकेट बनाते थे
क्राइम ब्रांच की टीम काफी समय से मिराज की तलाश कर रही थी। दिल्ली पुलिस के अनुसार मिराज पुलिस से बचने के लिए मोबाइल टेलीफोन का इस्तेमाल भी नहीं करता था। यहां तक कि उन्होंने कार या गाड़ी का भी इस्तेमाल नहीं किया। इतना ही नहीं, वह इतना शातिर था कि किसी भी डकैती को अंजाम देने से पहले नए लड़कों को शामिल कर एक नया गैंग बना लेता था। लूटे गए धन का हिस्सा देने के बाद वह उन्हें फिर कभी नहीं देखेगा। रैकेट के क्रिमिनल भी एक-दूसरे को नहीं जानते थे। मिराज ने स्वयं सास्बी से सीधे संपर्क किया।