भीलवाड़ा में विश्व की सबसे बड़ी रोटी बनाने का दावा, जिसका वजन 185 किलो और चौडाई…
भीलवाड़ा। राजस्थान के भीलवाड़ा शहर में विश्व की सबसे बड़ी रोटी बनाने का दावा किया गया है। यहां 185 किलो वजनी रोटी बनाई गई। इसकी साइज 11.25 x11.25 फीट बताई जा रही है। जबकि इसकी मोटाई लगभग 80 एमएम है। आयोजक ने इसका रिकॉर्ड दर्ज करवाने के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड और लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में आवेदन किया है। रोटी बनाने का बाकायदा पूरा वीडियो बनाया गया है। उसके बाद इसके लंबाई चौड़ाई का माप लेकर और वजन किया गया है।
अक्सर हम अपना जन्मदिन केक काटकर और अन्य पार्टी करके कई उपायों से मनाते हैं। लेकिन भीलवाड़ा निवासी कैलाश सोनी ने अपने जन्मदिन को अनोखे ढंग से मनाया है। कैलाश सोनी का जन्मदिन 8 अक्टूबर को आता है। उन्होंने इस मौके को खास बनाने के लिए हरी सेवा उदासीन आश्रम में सबसे बड़ी रोटी बनवाई। इस रोटी को बनाने के लिए करीब एक महीने से तैयारियां की जा रही थी।
21 हलवाइयों की टीम ने इसे तैयार किया
इस बड़ी रोटी को बनाने के लिए मिट्टी की 2000 ईटों पर मिट्टी का लेप कर चूल्हा बनाया गया। रोटी बनाने के लिए 1000 किलो कोयला जुटाया गया। फिर 21 हलवाइयों की टीम ने लोहे के तवे पर इसकी सिकाई कर इसे तैयार किया है। आटे को गूंथने के बाद इलेक्ट्रॉनिक कांटे पर परात में रखकर उसका वजन किया गया। इस रोटी को 20 फीट लंबे स्टील के पाइप से बेला गया।
रोटी पर 15 किलो घी लगाया गया
इसको बनाने के लिए एक विशेष प्रकार का विशालकाय लोहे का तवा तैयार करवाया गया। तवे का वजन 1000 किलो था। इसको तैयार करने के लिए विशेष कारीगर को बुलाए गए थे। जब यह रोटी बनाकर तैयार हुई इसका वजन 198 किलो रहा। स्टील की परात का वजन हटाने के बाद के यह 185 किलो की रही। धीमी आंच में इस रोटी की सिकाई की गई। रोटी के ऊपर भी तवा रखकर उस पर गर्म कंडे रखे गए। इससे रोटी की ऊपर से भी सिकाई हो गई। उसके बाद इस रोटी पर 15 किलो घी लगाया गया। रोटी का व्यास 11.25 x11.25 फीट रहा। इसकी मोटाई लगभग 80 एमएम से 90 एमएम रही।
वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए की लाइव रिकॉर्डिंग
रोटी बनाने के इस कार्यक्रम की लाइव रिकॉर्डिंग भी की गई है। कैलाश सोनी ने इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड और लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज कराने के लिए पहले ही आवेदन कर दिया। उनका दावा है कि यह विश्व की सबसे बड़ी रोटी है। रोटी बनने के बाद उसका ईश्वर के भोग लगाया गया। फिर उसे प्रसाद के रूप में अनुकूट की सब्जी के साथ मौजूद लोगों को खिलाया गया। इस प्रसाद को पाने के लिए वहां लोगों की भारी भीड़ उमड़ी।
संतों की रही मौजूदगी
रोटी बनाने के इस कार्यक्रम में संतों की भी मौजूदगी रही। कार्यक्रम का आयोजन ही हरी सेवा धर्मशाला में हुआ। वहां महामंडलेश्वर हंसराम महाराज, बाबू गिरी आदि संत पहुंचे। उन्होंने पहले भूमि पूजन किया। उसके बाद भट्टी का पूजन किया। फिर दीप प्रज्वलित करके पूरे मंत्रोचारण के साथ भट्टी में अग्नि प्रज्जवलित की गई। पुराने विश्व रिकार्ड को तोड़ने एवं नया विश्व रिकॉर्ड कायम करने की कवायद में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।
लोगों ने रोटी के साथ जमकर सेल्फियां ली
इस आयोजन को देखने के लिए भारी संख्या में लोग उमड़े। लोगों ने रोटी के साथ जमकर सेल्फियां ली और परिजनों के साथ फोटो खींचे। गौरतलब है कि इससे पहले जामनगर (गुजरात) में सबसे बड़ी रोटी बनाने का रिकॉर्ड कहा जाता है। उस रोटी का वजन करीब 145 किलो था। वह गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है।