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2024 के लोकसभा चुनाव से पहले महिलाओं को बेवकूफ बनाने वाला है विधेयक :नेता आतिशी

नई दिल्ली आम आदमी पार्टी (आप) की वरिष्ठ नेता आतिशी (Atishi) ने मंगलवार को इल्जाम लगाया कि स्त्री आरक्षण विधेयक (Women’s Reservation Bill) वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Polls 2024) से पहले स्त्रियों को बेवकूफ बनाने वाला विधेयक है. गवर्नमेंट ने संसद के निचले सदन, राज्य विधानसभाओं और दिल्ली विधानसभा में स्त्रियों को एक तिहाई आरक्षण प्रदान करने से संबंधित ऐतिहासिक ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ लोकसभा में पेश किया है.

परिसीमन के बाद लागू होगा बिल

आतिशी ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए इल्जाम लगाया कि बीजेपी (भाजपा) को स्त्रियों की भलाई और कल्याण में कोई दिलचस्पी नहीं है. उन्होंने कहा, “विधेयक के प्रावधानों को गौर से पढ़ने पर पता चलता है कि यह ‘महिला बेवकूफ बनाओ’ विधेयक है.” विधेयक के अनुसार, परिसीमन प्रक्रिया प्रारम्भ होने के बाद आरक्षण लागू होगा और 15 सालों तक जारी रहेगा. विधेयक के अनुसार, प्रत्येक परिसीमन प्रक्रिया के बाद लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में स्त्रियों के लिए आरक्षित सीटों की अदला-बदली होगी.

लोकसभा चुनाव से पहले लागू नहीं होगा बिल

दिल्ली में अरविंद केजरीवाल नीत गवर्नमेंट में मंत्री आतिशी ने कहा, “परिसीमन और जनगणना के प्रावधानों को क्यों शामिल किया गया है? इसका मतलब है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले स्त्री आरक्षण लागू नहीं किया जाएगा.” उन्होंने कहा, “हम मांग करते हैं कि परिसीमन और जनगणना के प्रावधानों को हटाया जाए तथा 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए स्त्री आरक्षण लागू किया जाए.

महिला आरक्षण का समर्थन करती है आप

इससे पहले, आतिशी ने ‘पीटीआई वीडियो’ से बोला था कि यदि ऐसा कोई विधेयक लाया जाता है, तो आम आदमी पार्टी इसका स्वागत करेगी, लेकिन उन्होंने रेखांकित किया कि पार्टी को इसकी बारीकियों का शोध करना होगा. आतिशी ने बोला था, “आप सैद्धांतिक रूप से स्त्री आरक्षण का समर्थन करती है. यदि ऐसा कोई विधेयक लाया जाता है, तो हम इसका स्वागत करेंगे. पार्टी के किसी भी लोकसभा या राज्यसभा सदस्य को विधेयक की प्रति नहीं मिली है. इसलिए इसकी विशिष्टताओं और इसका क्या असर पड़ेगा, इसका शोध करने की आवश्यकता है.

पंचायत और नगर पालिका स्तरों पर पहले से आरक्षण

‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ नये संसद भवन में पेश होने वाला पहला विधेयक है. स्त्री एवं बाल विकास विभाग का कार्यभार संभाल रहीं आतिशी ने बोला था कि पंचायत और नगर पालिका स्तरों पर पहले से ही आरक्षण है “लेकिन इससे आम स्त्रियों के जीवन में कोई परिवर्तन नहीं आया है.” आतिशी ने ‘पीटीआई वीडियो’ से कहा, “सरकार से हमारा निवेदन सिर्फ़ निर्वाचित प्रतिनिधियों को आरक्षण देने से आगे बढ़ने का होगा. हम चाहते हैं कि स्त्रियों के लिए सभी सरकारी नौकरियों में 50 फीसदी आरक्षण होना चाहिए.” आप नेता ने बोला था कि सिर्फ़ ‘संसद, विधानसभा, नगर पालिका और पंचायत में आरक्षण प्रदान करना’ पर्याप्त नहीं है.

तत्काल लागू करें आरक्षण: चड्ढा

आप के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने स्त्रियों के लिए आरक्षण तुरन्त लागू करने की मांग की. केंद्र गवर्नमेंट पर निशाना साधते हुए उन्होंने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “हम स्त्री आरक्षण लाएंगे लेकिन तारीख का खुलासा नहीं करेंगे. स्त्री आरक्षण विधेयक के खंड 5 के अनुसार, आरक्षण परिसीमन कवायद और नई जनगणना के बाद ही लागू होगा.

चड्ढा ने कहा, “क्या इसका मतलब यह है: 2024 के चुनावों के लिए कोई स्त्री आरक्षण नहीं है? राष्ट्र और स्त्रियों को स्त्री आरक्षण के लिए नई जनगणना और परिसीमन का प्रतीक्षा करना होगा? विधेयक को लागू करने की ख़्वाहिश के बिना तैयार किया गया है? हम बिना किसी देरी के स्त्री आरक्षण को तुरन्त लागू करने की मांग करते हैं.

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