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महादेव बेटिंग एप मामले में, ‘भाजपा ने जबरदस्ती जोड़ा मेरा नाम…

रायपुर: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने रविवार को आर्थिक क्राइम शाखा (EOW) द्वारा महादेव ऐप सट्टेबाजी घोटाले में उनके विरुद्ध दर्ज की गई पहली सूचना रिपोर्ट (FIR) पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बोला कि यह मुद्दा पूरी तरह से सियासी है और उनका नाम बीजेपी (भाजपा) के नेतृत्व वाली गवर्नमेंट द्वारा जबरदस्ती जोड़ा गया था.

रायपुर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बघेल ने कहा, “मेरे विरुद्ध EOW ने 4 मार्च को FIR दर्ज की थी, तो इसे अब तक ईओडब्ल्यू की वेबसाइट पर क्यों नहीं प्रकाशित किया गया? बाद में दबाव देकर मेरा नाम जोड़ा गया. इसका मतलब है कि बीजेपी को राजनांदगांव सीट और छत्तीसगढ़ खोने का डर है, क्योंकि वे जानते हैं कि मेरी उम्मीदवारी का पूरे राज्य में असर पड़ेगा.” बघेल ने बोला कि यह उनकी गवर्नमेंट थी जिसने अतीत में ऐसे सट्टेबाजी ऐप्स के विरुद्ध कार्रवाई की थी. उन्होंने कहा, कांग्रेस पार्टी गवर्नमेंट ने महादेव सट्टेबाजी ऐप के संबंध में 72 FIR दर्ज कीं और छत्तीसगढ़ और राष्ट्र भर में 450 से अधिक लोगों को अरैस्ट किया था.

पूर्व सीएम ने दावा किया कि उनके लोकसभा चुनाव लड़ने से न केवल राजनांदगांव, बल्कि पूरे प्रदेश में भाजपा को हानि होगा. उन्होंने बोला कि, “हमने महादेव ऐप को बंद करने के लिए Google को भी लिखा था, लेकिन बहुत सारे सट्टेबाजी ऐप हैं जो अभी भी एक्टिव हैं. बीजेपी छत्तीसगढ़ में चार महीने से और केंद्र में पिछले 10 वर्ष से सत्ता में है, वे क्या कर रहे हैं?” उन्होंने इल्जाम लगाया कि भाजपा वास्तविक दोषियों को पकड़ना नहीं चाहती. बघेल ने पुछा कि, “शुभम सोनी ने महावाणिज्य दूतावास की उपस्थिति में उत्तर दिया, फिर उन्हें अरैस्ट क्यों नहीं किया गया? उन आरोपियों को हिंदुस्तान वापस क्यों नहीं लाया जा रहा है?”

बघेल ने आगे बोला कि 200 से अधिक एटीएम कार्ड बरामद किए गए, लेकिन ये कहीं और से ऑपरेट किए गए थे. उन्होंने इल्जाम लगाया कि, “हमने रवि उप्पल के विरुद्ध लुकआउट नोटिस भी जारी किया है. उन्हें पकड़ना हिंदुस्तान गवर्नमेंट की जिम्मेदारी थी लेकिन उन्होंने उन्हें नहीं पकड़ा गया.

उल्लेखनीय है कि, छत्तीसगढ़ पुलिस ने महादेव औनलाइन बुक ऐप घोटाले में पूर्व सीएम भूपेश बघेल को आरोपी के रूप में नामित करते हुए एक मुद्दा दर्ज किया है, जिसकी अनुमानित मूल्य 6,000 करोड़ है. ये घटनाक्रम लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी नेता के लिए कानूनी समस्याएं पैदा कर सकता है. प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) में बघेल पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के अनुसार धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, विश्वासघात और जालसाजी से संबंधित विभिन्न धाराओं और करप्शन निवारण अधिनियम की धारा 7 और 11 के अनुसार इल्जाम लगाए गए हैं.

FIR में बघेल के साथ जिन लोगों के नाम हैं, उनमें महादेव के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल, 16 अन्य नामित आरोपी व्यक्ति, और मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान “अनाम” नौकरशाह, पुलिस अधिकारी और विशेष कर्तव्य पर अधिकारी (ओएसडी) शामिल हैं. वित्तीय क्राइम जांच एजेंसी ने नवंबर 2023 में इल्जाम लगाया था कि चंद्राकर और उप्पल ने बघेल को 508 करोड़ की घूस दी थी. दोनों वर्तमान में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की एक सुविधा में हिरासत में हैं और प्रत्यर्पण निवेदन पहले ही विदेश मंत्रालय के माध्यम से भेजा जा चुका है.

 

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