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रक्षाबंधन के मौके पर आसमान में दिखेगा ब्लू सुपरमून

भोपाल, 29 अगस्त (हि) खगोल विज्ञान में रुचि रखने वालों के लिए बुधवार, 30 अगस्त का दिन बहुत खास होने जा रहा है इस दिन रक्षाबंधन के मौके पर आसमान में ब्लू सुपरमून नजर आने वाला है ब्लूमून नाम से दिखने जा रहे इस सुपरमून की चमक जहां आम पूर्णिमा की तुलना में अधिक होगी, वहीं उसका आकार भी कुछ बड़ा दिखेगा यह जानकारी मंगलवार को भोपाल की नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने दी

उन्होंने कहा कि बुधवार को हमसे लगभग 3 लाख 57 हजार 181 किलोमीटर दूर रहकर चांद पृथ्वी की परिक्रमा करते हुए निकट बिंदु पर होगा इस कारण वह माइक्रोमून की तुलना में लगभग 14 फीसदी बड़ा और 30 फीसदी अधिक चमकदार दिखेगा

सारिका ने कहा कि दो पूर्णिमा के बीच 29.5 दिन का अंतर होता है और यदि पहली पूर्णिमा महीने की 1 या 2 तारीख को आती है तो दूसरी पूर्णिमा भी उस ही माह आ जाती है एक ही अंग्रेजी कैलेंडर माह में दो पूर्णिमा आने पर दूसरी पूर्णिमा के चंद्रमा को मंथली ब्लूमून नाम दिया गया है एक अगस्त को पूर्णिमा के बाद बुधवार, 30 अगस्त को दूसरी पूर्णिमा है

उन्होंने कहा कि ब्लूमून का दूसरा प्रकार सीजनल ब्लूमून होता है यदि तीन महीने के किसी खगोलीय सीजन में चार पूर्णिमा आती है, तो तीसरी पूर्णिमा का चांद सीजनल ब्लूमून कहलाता है सीजनल ब्लूमून कम बार आता है एक अनुसंधान के मुताबिक 1100 वर्षों में 408 सीजनल ब्लूमून तथा 456 मंथली ब्लूमून की घटना की गणना की गई है अगला ब्लूमून 2024 में 19 अगस्त को होगा और यह सीजनल ब्लूमून होगा

सारिका ने कहा कि यह सुपरब्लूमून नीला नहीं दिखेगा, बल्कि पूर्णिमा के चांद की तरह ही चमक रहा होगा दुर्लभ वस्तुओं या घटनाओं के नाम के आगे ब्लू लगा दिया जाता है अत: मान्यता के मुताबिक कुछ लोगों ने इसे ब्लूमून नाम दिया है

उन्होंने कहा कि नीले नहीं सफेद चमक के साथ दिखने जा रहे ब्लूमून नाम के सुपरमून की चमक को रक्षाबंधन बनाते हुए आसमान में देखने का लुफ्त उठा सकते हैं इसे तिरंगामून नाम भी दे सकते हैं, क्योंकि इस चांद के शिवशक्ति पाइंट के आसपास हमारे तिरंगे के साथ प्रज्ञान रोवर भी चहलकदमी कर रहा है

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