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मोटे बच्‍चों में प्‍यूवर्टी एज में टाइप-2 डायबिटीज होने के मामले बढ़े

  हिंदुस्तान में बच्‍चों में मोटापा अच्‍छा माना जाता है यदि बच्‍चा मोटा है तो उसे स्‍वस्‍थ और सुंदर बोला जाता है, यही वजह है कि पतले बच्‍चों का वजन बढ़ाने के लिए पेरेंट्स एड़ी चोटी का बल लगा देते हैं, जबकि मोटे बच्‍चों को पतला करने के लिए शायद ही ऐसा करते हों लेकिन आपकी ये धारणा आपके बच्‍चे के लिए बहुत हानिकारक साबित हो सकती है मोटापे की आड़ में आपका बच्‍चा एक ऐसी गंभीर रोग का शिकार हो सकता है जिससे जीवनभर छुटकारा पाना कठिन है

नई दिल्‍ली के जीटीबी अस्‍पताल (GTB Hospital) में सेंटर ऑफ डायबिटीज, एंडोक्राइनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्‍म के एचओडी प्रोफेसर एसवी मधु कहते हैं कि पिछले कुछ दशकों से बच्‍चों में ही नहीं बल्कि बड़ों में भी मोटापा घातक होता जा रहा है यदि मोटापे के साथ कुछ निश्चित लक्षण भी दिखाई देने लगें तो यह खतरे की घंटी हो सकती है

डॉ मधु कहते हैं कि मोटापे की वजह से होने वाली ये गंभीर रोग है टाइप-टू डायबिटीज खराब लाइफस्‍टाइल की वजह से होने वाली ये रोग बच्‍चे के पूरे जीवन को बदलकर रख देती है जो उम्र बच्‍चों के खाने, पीने और खेलने की होती है वह उपचार और परहेज के बीच में झूलती रहती है कुछ दिन पहले आई एक रिसर्च बताती है कि मोटे बच्‍चों में टाइप-2 डायबिटीज होने की आसार इसलिए भी ज्‍यादा है क्‍योंकि इससे जूझ रहे 85 प्रतिशत बच्‍चों में ओवरवेट या मोटापा एक कॉमन कारण है

मोटापे के साथ ये लक्षण हैं खतरे की घंटी
बच्‍चों में यदि मोटापे के साथ कुछ निश्चित लक्षण दिखाई दें तो समझ लीजिए कि डायबिटीज की रोग आने की तैयारी कर रही है में इन लक्षणों को ध्‍यान से देखें और तुरंत बच्‍चे के शुगर लेवल की जांच कराएं
बार-बार पेशाब जाना या पेशाब का बिना पता चले निकल जाना
बहुत ज्‍यादा थकान होना
बार-बार प्‍यास लगना और पानी पीने के बाद फिर से प्‍यासा महसूस करना
संक्रमण या बुखार का बार-बार होना
आंखों में धुंधलापन आना
भूख ज्‍यादा लगना

इस उम्र में बच्‍चों में ज्‍यादा हो रही टाइप-टू डायबिटीज
गंगाराम हॉस्पिटल की पीडियाट्रिक एंडोक्राइनोलॉजिस्ट चिकित्सक अर्चना डी आर्य बताती हैं कि टाइप-2 डायबिटीज बच्चों में प्यूवर्टी एज यानि 8 से 12 वर्ष की उम्र में सबसे अधिक देखने को मिल रही है इस उम्र में यदि आपका बच्‍चा मोटापे से ग्रस्‍त है तो उसको डायबिटीज होने की आसार सामान्‍य बच्‍चों के मुकाबले बहुत ज्‍यादा है वहीं यदि ऐसी स्थिति पेरेंट्स में से किसी एक को भी डायबिटीज है तो बच्चों में ब्लड शुगर बढ़ने की आसार डबल हो जाती है

न बढ़ने दें बच्‍चों का वजन
डॉ एसवी मधु कहते हैं कि बच्‍चों का वजन बढ़ने देना खतरे से खाली नहीं है बच्‍चों को डायबिटीज जैसी लाइफलांग रोग से बचाना है तो बच्‍चों को खेलने-कूदने दें प्रतिदिन व्यायाम और व्‍यायाम कराएं वजन बढ़ाने वाले फूड्स कम से कम खाने के लिए दें प्रतिदिन डाइट में मिलेट, फ्रूट्स, जूस और नट्स शामिल करें मैदा से बने ज्‍यादा ऑइली फूड खाने के लिए न दें

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