गन्ने का एफआरपी 25 रुपये बढ़ाकर 340 रुपये प्रति क्विंटल करने की दी मंजूरी: केंद्र
केंद्र गवर्नमेंट ने बुधवार को 2024-25 सत्र के लिए गन्ने का मुनासिब और फायदेमंद मूल्य (एफआरपी) 25 रुपये बढ़ाकर 340 रुपये प्रति क्विंटल करने की स्वीकृति दी। गन्ने का नया सत्र अक्टूबर से प्रारम्भ होता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) गवर्नमेंट के 2014 में सत्ता में आने के बाद यह अब तक की सबसे बड़ी एफआरपी है। मात्रा के संदर्भ में, यह दूसरी बार है जब मोदी गवर्नमेंट ने एफआरपी में एक बार में 25 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की है।
गन्ने की एफआरपी बढ़ाने का निर्णय पीएम नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में लिया गया।
यह कदम आम चुनाव से पहले उठाया गया है।
गन्ना मुख्य रूप से महाराष्ट्र, यूपी और कर्नाटक में उगाया जाता है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने यहां संवाददाताओं से बोला कि सीसीईए ने 2024-25 के लिए 10.25 फीसदी की चीनी रिकवरी रेट पर गन्ने की एफआरपी 340 रुपये प्रति क्विंटल को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
उन्होंने कहा, यह गन्ने की अब तक की सबसे अधिक मूल्य है, जो मौजूदा सत्र 2023-24 के लिए गन्ने की एफआरपी से लगभग आठ फीसदी अधिक है।
ठाकुर ने बोला कि नई एफआरपी गन्ने के तय फार्मूले से 107 फीसदी अधिक है और इससे गन्ना किसानों की समृद्धि सुनिश्चित होगी।
मंत्री ने कहा, भारत, पूरे विश्व में गन्ने की सबसे अधिक मूल्य चुका रहा है।
संशोधित एफआरपी एक अक्टूबर 2024 से लागू होगी।
आधिकारिक बयान के मुताबिक, केंद्र गवर्नमेंट के इस निर्णय से पांच करोड़ से अधिक गन्ना किसानों (परिवार के सदस्यों सहित) और चीनी क्षेत्र से जुड़े लाखों अन्य लोगों को लाभ होगा।
बयान में बोला गया, यह किसानों की आय दोगुनी करने की मोदी की गारंटी को पूरा करने की प्रतिबद्धता को दोहराता है।