फार्मा क्षेत्र के लिए केंद्र सरकार ने जारी की ये सख्त गाइडलाइन
नई दिल्ली: केंद्र गवर्नमेंट की ओर से दवा कंपनियों को कठोर गाइडलाइन जारी की गई है। इस गाइडलाइन के अनुसार फार्मा कंपनी या उसका एजेंट किसी भी चिकित्सक और उनके परिजनों को कोई उपहार नहीं देगा। साथ ही विदेशों के दौरे का प्रस्ताव देना भी क्राइम की श्रेणी में आएगा। जी हां, इन्हीं चीजों को लेकर गवर्नमेंट ने मंगलवार को फार्मास्युटिकल विपणन के लिए एक समान संहिता (यूसीपीएमपी) अधिसूचित की है। देशभर के फार्मास्युटिकल्स एसोसिएशन को लिखे पत्र में केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के संयुक्त सचिव रविंद्र प्रताप सिंह ने बोला है कि सभी एसोसिएशन को आचार समिति का गठिन करना होगा और अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर यूसीपीएमपी पोर्टल का जिक्र भी करना होगा।
कॉन्फ्रेंस के नाम पर नहीं होंगे टूर
अधिसूचित संहिता में लिखा है कि फार्मा कंपनियां किसी कान्फ्रेंस, सेमिनार या कार्यशालाओं के नाम पर डॉक्टरों को विदेश दौरों का प्रस्ताव नहीं दे पाएंगी। इतना ही नहीं, पांच सितारा होटल में ठहरने और महंगे रेसिपी और रिजॉर्ट जैसे शान शौकत भरे ऑफर भी नहीं दिए जा सकेंगे। संहिता में नकद या मौद्रिक आर्थिक सहायता के भुगतान पर भी रोक लगाई है।
फ्री सैंपल का भी होगा पूरा हिसाब
केंद्र गवर्नमेंट की ओर से जारी गाइडलाइन में साफ बोला गया है कि दवाओं के नि:शुल्क नमूने किसी ऐसे आदमी को नहीं दिए जाएंगे, जो ऐसे उत्पाद को लिखने के लिए योग्य नहीं है। इसके अतिरिक्त प्रत्येक कंपनी को उत्पाद का नाम, चिकित्सक का नाम, दिए गए सैंपल की मात्रा, निःशुल्क नमूनों की आपूर्ति की तारीख जैसे विवरण रखना होगा। इसके साथ ही वितरित सैंपल का मौद्रिक मूल्य प्रति साल कंपनी की घरेलू बिक्री के दो फीसदी से अधिक नहीं होना चाहिए।