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चीफ प्रकाश आंबेडकर : अगर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा-आरएसएस फिर से सत्ता में आए तो…

संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के पोते और वंचित बहुजन अघाड़ी (VBA) के चीफ प्रकाश आंबेडकर ने बोला है कि यदि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा-आरएसएस फिर से सत्ता में आए तो निश्चित रूप से संविधान को बदल देंगे क्योंकि लोकतंत्र से उनलोगों को वैचारिक कठिनाई है. मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में प्रकाश आंबेडकर ने दृढ़ता से विपक्षी इण्डिया अलायंस की क्षमता पर भी शक जताते हुए बोला कि लोकसभा चुनावों में इस गठबंधन में अब दम नहीं कि वो बीजेपी और मोदी को हरा सके.

वंचित बहुजन अघाड़ी के नेता ने बोला कि मजबूत विपक्ष की गैर मौजूदगी में अब आम जनता ही विपक्ष है और लोगों ने अब मोदी को हराने का निर्णय कर लिया है. आंबेडकर ने बोला कि यह लोकसभा चुनाव अब मोदी बनाम जनता की लड़ाई बन चुकी है.

प्रकाश आंबेडकर महाराष्ट्र की अकोला संसदीय सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. अपने निर्वाचन क्षेत्र में अपने चुनाव प्रचार के बीच में आंबेडकर ने बोला कि मौजूदा लोकसभा चुनावों में 400 सीटें जीतने के लक्ष्य के पीछे बीजेपी का एकमात्र मकसद संविधान में परिवर्तन करना है. उन्होंने बोला कि भाजपा और प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा तय किए गए ‘400 प्लस’ लक्ष्य के पीछे का मकसद हिंदुस्तान के संविधान को बदलना ही है. आंबेडकर ने कहा, “सबसे पहले, हमें यह समझने की आवश्यकता है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ-साथ बीजेपी और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को भी लोकतंत्र के साथ वैचारिक समस्याएं हैं. लोकतंत्र उन लोगों की मानसिकता और कार्यशैली के अनुकूल नहीं है.

उन्होंने इल्जाम लगाया कि संघ और संघ से जुड़े लोग जातीय वर्चस्व में भरोसा करते हैं जबकि हिंदुस्तान का संविधान उनकी विचारधारा को लागू करने में बाधक है. आंबेडकर ने कहा, “चूंकि आरएसएस और भाजपा 2029 में जीत को लेकर आश्वस्त नहीं हैं, इसलिए 2024 में सत्ता में आने पर वे हिंदुस्तान के संविधान को बदल देंगे और चीन की तरह एकल पार्टी शासन की संस्कृति लाएंगे ताकि 2029 में उनकी हार का कोई खतरा न रह सके.

जब उनसे पूछा गया कि आपने इण्डिया अलायंस क्यों नहीं ज्वाइन किया और आप भाजपा की बी टीम के रूप में काम कर रहे हैं तो उन्होंने उन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए बोला कि ये सभी इल्जाम आधारहीन हैं. उन्होंने कहा, “मैं इण्डिया अलायंस वाले एमवीए गठबंधन से दोस्ती को तैयार था लेकिन एमवीए ने मुझे सिर्फ़ दो सीटों की पेशकश की थी. मैं इसे कैसे स्वीकार कर सकता था?” आंबेडकर ने भी कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना (यूबीटी) के कुछ नेताओं पर बीजेपी के लिए काम करने का इल्जाम लगाया.

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