CM मोहन यादव के अमेठी दौरे से बदलेंगे सियासी समीकरण
Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव में दो चरणों का मतदान हो गया है। बाकि बचे हुए चरणों के लिए बीजेपी- कांग्रेस पार्टी सहित सभी सियासी पार्टियां अपनी- अपनी रणनीति बनाने में जुटी हुई है। इसी बीच राष्ट्र की सबसे हाईप्रोफाइल सीटों में एक उत्तर प्रदेश की अमेठी लोकसभा सीट से एक बड़ी समाचार सामने आई है। बता दें कि यहां से भाजपा प्रत्याशी और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी आज अपना नामांकन करेंगी। उनके नामांकन में एमपी के मुख्यमंत्री मोहन यादव भी शामिल होंगे। नामांकन के जरिए भाजपा बड़ी सेंधमारी की तैयारी में है। मोहन के अमेठी दौरे से न सिर्फ़ अमेठी लोकसभा बल्कि आस- पास के संसदीय क्षेत्र पर भी असर पड़ेगा।
नामांकन में शामिल होंगे मोहन यादव
अमेठी लोकसभा सीट से सांसद और भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी आज अपना नामांकन करेंगी। नामांकन में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव भी शामिल होंगे। नामांकन के अतिरिक्त मुख्यमंत्री मोहन यादव रोड शो भी करेंगे, साथ ही साथ जनता को संबोधित भी करेंगे। उनके दौरे से अमेठी लोकसभा सीट के अतिरिक्त रायबरेली, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़ संसदीय क्षेत्र में भी इसका असर देखा जाएगा। बता दें कि इन सीटों पर भी यादव वोटों की अच्छी खासी संख्या हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री मोहन यादव भाजपा के लिए ट्रंप कार्ड साबित हो सकते हैं।
इन सीटों पर भी पड़ेगा असर
मोहन यादव के दौरे से अमेठी के अतिरिक्त रायबरेली, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़ संसदीय क्षेत्र पर भी असर पड़ेगा। इन सीटों पर यादव वोटर काफी संख्या में हैं। अमेठी की बात करें तो यहां पर करीब 1 लाख 85 हजार यादव वोटरों की संख्या है। इन वोटरों पर भाजपा का फोकस है, ऐसे में मोहन यादव का दौरा कई मायनों में अहम साबित हो सकता है। बता दें कि सुल्तानपुर और प्रतापगढ़ लोकसभा सीट भाजपा के खाते में है, जबकि रायबरेली पर कांग्रेस पार्टी का कब्जा है, इस सीट पर भी मोहन यादव के दौरे का असर पड़ सकता है।
स्मृति ईरानी ने लगाई थी सेंध
अमेठी लोकसभा सीट की बात करें तो इसे कांग्रेस पार्टी का गढ़ बोला जाता है। इस सीट पर कांग्रेस पार्टी का कब्जा रहता था। हालांकि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने यहां पर बड़ा उलटफेर किया था। यहां से स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को चुनावी मैदान में मात दी थी। बता दें की वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन भाजपा गवर्नमेंट बनने के बाद उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में स्थान मिली थी। जिसका असर हुआ कि उन्होंने 2019 के चुनाव में जीत हासिल की।
इस बार के चुनाव की बात करें तो राजनीतिक रहनुमाओं की नजरें अमेठी लोकसभा सीट पर टिकी हुई है। क्योंकि यहां से अभी तक कांग्रेस पार्टी ने अपना प्रत्याशी नहीं घोषित किया है। राहुल गांधी के यहां से फिर से चुनाव लड़ने के कायास लगाए जा रहे हैं। हालांकि अब देखने वाली बात होगी कि कांग्रेस पार्टी किस पर दांव लगाती है।