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मतदान प्रतिशत पर कांग्रेस सुप्रीमो खड़गे ने उठाए सवाल

क अभूतपूर्व कार्रवाई में, चुनाव आयोग ने आज शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को मौजूदा लोकसभा चुनाव में बाधा डालने के लिए फटकार लगाई. आयोग ने बोला कि कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष ने चल रहे चुनावों के बीच में मतदाता मतदान डेटा जारी करने के संबंध में निराधार इल्जाम लगाए हैं, जो स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के संचालन में भ्रम, गलत दिशा और बाधाएं पैदा करने के लिए गढ़े गए हैं. आयोग ने आगे बोला कि इस तरह के बयान मतदाताओं की भागीदारी पर नकारात्मक असर डाल सकते हैं और राज्यों में बड़ी चुनाव मशीनरी को हतोत्साहित कर सकते हैं.

रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष को कड़े शब्दों में भेजे गए प्रत्युत्तर में, चुनाव आयोग ने उनके बयानों को “लाइव चुनाव संचालन के जरूरी पहलुओं पर आक्रामकता” बताया. इसमें बोला गया है कि आयोग “ऐसे विकासों के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसका उसके मूल जनादेश के वितरण पर सीधा असर पड़ता है.” आयोग ने मतदाता मतदान आंकड़ों पर INDIA गठबंधन के नेताओं को संबोधित खड़गे के पत्र का संज्ञान लिया है और इसे बहुत अवांछनीय पाया है. आयोग ने खड़गे की दलीलों को साफ रूप से खारिज कर दिया, उन्हें आक्षेप और गलत संकेत कहा.

चुनाव आयोग ने बल देकर बोला कि मतदाता, मतदान डेटा के संग्रह और प्रसार में कोई चूक या विचलन नहीं; सभी अतीत और वर्तमान प्रक्रियाओं और प्रथाओं का संचालन; और खड़गे की दलीलों को खारिज करने के लिए बिंदु-दर-बिंदु काउंटर उत्तर प्रदान किए. आयोग ने मतदान डेटा देने में किसी भी देरी से भी इनकार किया और कहा कि अपडेटेड टर्नआउट डेटा हमेशा मतदान के दिन से अधिक ही रहा है. आयोग ने 2019 के आम चुनाव के बाद से एक तथ्यात्मक मैट्रिक्स प्रदान किया. आयोग ने बोला कि वह कांग्रेस पार्टी के अतीत और वर्तमान के गैर-जिम्मेदाराना बयानों की श्रृंखला में एक ‘पैटर्न’ पाता है और इसे ‘चिंताजनक’ मानता है. आयोग ने कहा, सभी तथ्यों के साथ, कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष एक पक्षपातपूर्ण कहानी को आगे बढ़ाने का कोशिश कर रहे हैं.

चुनाव आयोग ने विशेष रूप से खड़गे के बयान की आलोचना करते हुए बोला कि, “क्या यह आखिरी परिणामों से छेड़छाड़ का कोशिश हो सकता है”, और कहा, यह शक और असामंजस्य के अतिरिक्त एक अराजक स्थिति पैदा कर सकता है. दरअसल, 7 मई को मल्लिकार्जुन खड़गे ने चुनाव आयोग (ECI) द्वारा जारी मतदान आंकड़ों में कथित विसंगतियों पर इण्डिया ब्लॉक के नेताओं को पत्र लिखा. अपने पत्र में, खड़गे ने इण्डिया ब्लॉक के नेताओं से मतदान डेटा विसंगतियों के विरुद्ध आवाज उठाने का आग्रह किया था, उनका बोलना था कि, “हमारा एकमात्र उद्देश्य एक जीवंत लोकतंत्र और संविधान की संस्कृति की रक्षा करना है”. कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष ने इल्जाम लगाया कि पीएम मोदी और बीजेपी (भाजपा) पहले दो चरणों में मतदान के रुझान और अपनी घटती चुनावी किस्मत से ‘स्पष्ट रूप से घबराए हुए’ और ‘निराश’ हैं.

खड़गे ने बोला था कि, “इस संदर्भ में, मैं आप सभी से आग्रह करूंगा कि हमें सामूहिक रूप से, एकजुट होकर और साफ रूप से ऐसी विसंगतियों के विरुद्ध आवाज उठानी चाहिए, क्योंकि हमारा एकमात्र उद्देश्य एक जीवंत लोकतंत्र की संस्कृति और संविधान की रक्षा करना है. आइए हम हिंदुस्तान के चुनाव आयोग की स्वतंत्रता सुनिश्चित करें और इसे जवाबदेह बनाएं.

एक्स पर एक पोस्ट में, खड़गे ने बोला था कि, “30 अप्रैल 2024 को, चुनाव आयोग ने 2024 लोकसभा के लिए चुनाव के पहले 2 चरणों के लिए आखिरी मतदान डेटा जारी किया. यह डेटा 19 अप्रैल को पहले चरण के मतदान के 11 दिन बाद और 26 अप्रैल 2024 को मतदान के दूसरे चरण के 4 दिन बाद जारी किया गया. इस संबंध में चुनाव आयोग से हमारा पहला प्रश्न है – आयोग ने मतदान फीसदी डेटा जारी करने में देरी क्यों की? पहले के अवसरों पर, आयोग ने मतदान के 24 घंटों के भीतर मतदाता मतदान डेटा प्रकाशित किया है. इस बार क्या बदला है?  राजनीतिक दलों और सियासी कार्यकर्ताओं द्वारा बार-बार प्रश्न उठाए जाने के बावजूद, आयोग देरी को मुनासिब ठहराने के लिए कोई स्पष्टीकरण जारी करने में क्यों विफल रहा है?”

उन्होंने आगे कहा, “हम पहले चरण के लिए आयोग से पूछते हैं कि मतदान खत्म होने की तारीख (19.04.2024 को शाम 7 बजे) से लेकर मतदान फीसदी डेटा जारी करने (30.04.2024 को) में देरी तक आखिरी मतदान फीसदी में 5.5% की वृद्धि क्यों हुई है? दूसरे चरण के लिए, मतदान समापन की तारीख (26.04.2024 को शाम 7 बजे) से डेटा जारी होने में देरी (30.04.2024 को) तक आखिरी मतदान फीसदी में 5.74 फीसदी से अधिक की वृद्धि हुई है?”

खड़गे ने आगे बोला था कि “”देरी के अलावा, आयोग द्वारा जारी मतदाता मतदान डेटा में जरूरी अभी तक संबंधित आंकड़ों का उल्लेख नहीं किया गया है, जैसे कि प्रत्येक संसदीय निर्वाचन क्षेत्र और संबंधित विधानसभा क्षेत्रों में डाले गए वोट. यदि जरूरी आंकड़ों के साथ मतदान के 24 घंटों के भीतर मतदाता मतदान का डेटा प्रकाशित किया जाता, तो हमें पता चल जाता कि सभी निर्वाचन क्षेत्रों में (~5%) की वृद्धि देखी गई है. या सिर्फ़ उन निर्वाचन क्षेत्रों में जहां सत्तारूढ़ शासन ने 2019 के चुनावों में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था?” बता दें कि, अब तक तीन चरणों का मतदान हो चुका है और 4 चरण और निर्धारित हैं. वोटों की गिनती 4 जून को होगी .

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