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चुनावी बॉन्ड को लेकर SC के फैसले के बाद कांग्रेस ने पीएम मोदी पर साधा निशाना, कहा…

Electoral Bonds Case: चुनावी बॉन्ड को लेकर आए उच्चतम न्यायालय के निर्णय के बाद कांग्रेस पार्टी ने पीएम मोदी गवर्नमेंट पर निशाना साधा है वायनाड सांसद राहुल गांधी ने इल्जाम लगाए हैं कि बीजेपी ने बॉन्ड को ‘रिश्वत और कमीशन’ लेने का जरिया बनाया था गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने बॉन्ड योजना को रद्द कर दिया है साथ ही इसे गैरकानूनी करार दिया है

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने लिखा, ‘नरेंद्र मोदी की करप्ट नीतियों का एक और सबूत आपके सामने है बीजेपी ने इलेक्टोरल बॉण्ड को घूस और कमीशन लेने का माध्यम बना दिया था आज इस बात पर मुहर लग गई है

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने लिखा, ‘उच्चतम कोर्ट ने मोदी गवर्नमेंट की बहुप्रचारित चुनावी बॉन्ड योजना को संसद द्वारा पारित कानूनों के साथ-साथ हिंदुस्तान के संविधान का भी उल्लंघन माना है लंबे समय से प्रतीक्षित निर्णय बहुत स्वागत योग्य है और यह नोट पर वोट की शक्ति को मजबूत करेगा’ उन्होंने इल्जाम लगाया कि मोदी गवर्नमेंट ‘चंदादाताओं’ को विशेषाधिकार देते हुए अन्नदाताओं पर किसी भी तरह का अत्याचार कर रही है

विपक्ष ने भी उठाए सवाल
शिवसेना (UBT) ने आदित्य ठाकरे ने कहा, ‘एक गैरकानूनी योजना को माननीय शीर्ष कोर्ट ने समाप्त कर दिया इसके बाद महाराष्ट्र को आशा है कि गैरकानूनी शासन भी खतम किया जाएगा चुनावी बॉन्ड योजना समाप्त करने के आज के निर्णय का स्वागत करता हूं अब हमें आशा है कि पारदर्शिता आएगी

वाम नेता सीताराम येचुरी ने भी निर्णय का स्वागत किया है उन्होंने इस मुद्दे में न्यायालय पहुंचे वकील शादान फरासत का भी धन्यवाद किया है

चुनाव आयोग को भी घेरा
रमेश ने कहा, ‘हमें यह भी आशा है कि सुप्रीम कोर्ट इस बात पर ध्यान देगा कि चुनाव आयोग वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) के मामले पर सियासी दलों से मिलने से लगातार इनकार कर रहा है यदि मतदान प्रक्रिया में सब कुछ पारदर्शी है तो फिर इतनी जिद क्यों?’ राजस्थान के पूर्व सीएम और वरिष्ठ कांग्रेस पार्टी नेता अशोक गहलोत ने भी न्यायालय के निर्णय का स्वागत किया है

क्या कहा सुप्रीम कोर्ट
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर दो भिन्न-भिन्न लेकिन सर्वसम्मत निर्णय सुनाए प्रधान न्यायाधीश ने बोला कि यह संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) के अनुसार बोलने तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन है पीठ ने बोला कि नागरिकों की निजता के मौलिक अधिकार में सियासी गोपनीयता, संबद्धता का अधिकार भी शामिल है

क्या है चुनावी बॉन्ड योजना
चुनावी बॉन्ड योजना को गवर्नमेंट ने दो जनवरी 2018 को अधिसूचित किया था इसे सियासी वित्तपोषण में पारदर्शिता लाने के प्रयासों के अनुसार सियासी दलों को दिए जाने वाले दान के विकल्प के रूप में पेश किया गया था योजना के प्रावधानों के अनुसार, चुनावी बॉन्ड हिंदुस्तान के किसी भी नागरिक या राष्ट्र में निगमित या स्थापित इकाई द्वारा खरीदा जा सकता है कोई भी आदमी अकेले या अन्य व्यक्तियों के साथ संयुक्त रूप से चुनावी बॉन्ड खरीद सकता है

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