मुर्शिदाबाद जिले की तीन सीटों में से मुर्शिदाबाद सीट मिल सकती है माकपा को…
कोलकाता। आगामी लोकसभा चुनाव में मुर्शिदाबाद में वाम-कांग्रेस गठबंधन देखने को मिलेगा। सूत्रों के अनुसार मुर्शिदाबाद जिले की तीन सीटों में से मुर्शिदाबाद सीट माकपा को मिल सकती है। इस सीट से सीपीआइएम के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम (Mohammad Salim) उम्मीदवार हो सकते हैं। सियासी गलियारों में धीरे-धीरे यह अटकलें तेज होने लगी है। पार्टी सूत्र बताते हैं कि पिछले कुछ महीनों में मोहम्मद सलीम की मुर्शिदाबाद यात्रा में उनका अधिकतर कार्यक्रम मुर्शिदाबाद लोकसभा क्षेत्र में ही देखा गया हैं। पंचायत चुनाव के बाद से उन्होंने इस लोकसभा क्षेत्र के जिन-जिन विभिन्न इलाकों का दौरा किया है, तुलनात्मक रूप से वाम कांग्रेस पार्टी गठबंधन ने पंचायतों में अच्छा प्रदर्शन किया है।
वर्ष 1980 से 2004 तक इस लोकसभा क्षेत्र पर वामपंथियों का कब्जा रहा
वाम कांग्रेस पार्टी गठबंधन ने रानीनगर में एक पंचायत समिति पर भी कब्जा कर लिया है। आंकड़ों की बाते करें तो साल 1980 से 2004 तक इस लोकसभा क्षेत्र पर वामपंथियों का कब्जा रहा। 2004 से 2014 तक कांग्रेस पार्टी का कब्जा रहा। फिर 14 से 19 सालों तक वामपंथियों का कब्जा रहा। 2019 में वामपंथियों को राज्य में खाली हाथ लौटना पड़ा। क्योंकि वामपंथी अपना गढ़ फिर से हासिल करने के लिए बेताब हैं, इसलिए जिला नेतृत्व को लगता है कि सलीम को उम्मीदवार बनाना पार्टी के लिए अधिक लाभ वाला साबित हो सकता है।
मुर्शिदाबाद जिले की इस लोकसभा सीट पर करीब 75 प्रतिशत अल्पसंख्यक वोट
बताया जा रहा है कि मुर्शिदाबाद जिले की इस लोकसभा सीट पर करीब 75 प्रतिशत अल्पसंख्यक वोट हैं। उस दिशा में भी पार्टी का अतिरिक्त ध्यान है। अभी किसी भी पार्टी नेतृत्व की तरफ से इस तरह के गठबंधन की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गयी है। इस बीच बीजेपी ने इस सीट से मुर्शिदाबाद विधानसभा के विधायक गौरी शंकर घोष को उम्मीदवार बनाया है।