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दिल्ली की अदालत ने ब्रिटेन के पते पर BBC को नया समन किया जारी

नई दिल्ली दिल्ली की एक न्यायालय (Delhi Court) ने सोमवार को विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ के सिलसिले में ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) को नया समन जारी किया है. न्यायालय ने बीबीसी के ब्रिटेन के पते पर समन भेजा है. समन जारी करने के पहले कोशिश असफल होने के बाद न्यायालय ने यह नया समन जारी किया है. इस मुद्दे को सुनवाई के लिए 27 अगस्त 2024 को सूचीबद्ध किया गया है.

बता दें कि बीजेपी नेता बिनय कुमार सिंह द्वारा मानहानि का केस दाखिल करने के बाद रोहिणी न्यायालय ने मई 2023 में मीडिया को समन जारी किया था. पीएम मोदी पर बनी डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ को लेकर मीडिया के अतिरिक्त विकिपीडिया और इंटरनेट आर्काइव को भी समन भेजा गया था.

कुमार ने अपनी याचिका में इल्जाम लगाया था कि डॉक्यूमेंट्री में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस), विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बीजेपी (भाजपा) जैसे संगठनों को बदनाम किया गया है. इस तरह के निराधार आरोपों से संगठनों और उनके स्वयंसेवकों की प्रतिष्ठा और छवि को हानि पहुंचने की आसार है.

डॉक्यूमेंट्री में 2002 में गुजरात दंगों के दौरान एक विशेष समुदाय के विरुद्ध कथित अत्याचारों के लिए पीएम मोदी को उत्तरदायी कहा गया है. इसके अतिरिक्त दावा किया गया कि अत्याचार के दौरान कम से कम 2,000 लोगों की मर्डर कर दी गई, जिनमें से अधिकतर मुसलमान थे और उक्त अत्याचार चरमपंथी हिंदू राष्ट्रवादी समूहों द्वारा आयोजित की गई थी. याचिकाकर्ता ने इस दावे का खंडन किया और इसे निराधार और अपमानजनक करार दिया है. उन्होंने बोला कि मीडिया ने दावों की प्रामाणिकता की पुष्टि किए बिना रणनीतिक और जानबूझकर निराधार अफवाहें फैलाईं.

याचिकाकर्ता ने प्रतिवादियों को यह निर्देश देने की भी मांग की है कि वे वादी के साथ-साथ आरएसएस और वीएचपी से दो खंडों वाली डॉक्यूमेंट्री श्रृंखला में प्रकाशित अपमानजनक और अपमानजनक सामग्री के लिए बिना शर्त माफी मांगें. साथ ही डॉक्यूमेंट्री के कारण हुई कथित मानहानि के लिए 10 लाख रुपये का हर्जाना भी मांगा है.

गौरतलब है कि मीडिया ने पिछले वर्ष जनवरी में ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ नामक दो भाग में एक नयी डाक्यूमेंट्री सीरीज बनाई थी. यह सीरीज गुजरात में 2002 में हुए दंगों पर आधारित है जब नरेंद्र मोदी राज्य के सीएम थे. इसमें पीएम मोदी के शुरुआती दौर के सियासी यात्रा पर बातें की गईं हैं. वहीं, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ उनके जुड़ाव, बीजेपी में बढ़ते कद और गुजरात के सीएम के रूप में उनकी नियुक्ति की चर्चा भी इसमें की गई है. हालांकि, हिंदुस्तान गवर्नमेंट ने मीडिया डाक्यूमेंट्री की आलोचना की थी और इसे यूट्यूब और ट्विटर जैसे चुनिंदा प्लेटफार्मों से हटा दिया था.

 

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