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Brij Bhushan के खिलाफ आरोप तय करने पर आदेश सुनाएगा दिल्ली कोर्ट आज

दिल्ली की राउज़ एवेन्यू न्यायालय शुक्रवार को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के विरुद्ध छह स्त्री पहलवानों द्वारा उनके विरुद्ध दर्ज कराए गए यौन उत्पीड़न मुद्दे में ‘आरोप तय करने’ पर आदेश सुनाने के लिए तैयार है. प्रारम्भ में मंगलवार के लिए निर्धारित आदेश को अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत ने स्थगित कर दिया था. उन्होंने उल्लेख किया कि ऑर्डर पूरा होने वाला है लेकिन कुछ आखिरी संपादन की जरूरत है. इसलिए, घोषणा के लिए नयी तारीख 10 मई तय की गई है.

सिंह की याचिका खारिज कर दी गई

इससे पहले 26 अप्रैल को राउज एवेन्यू न्यायालय ने भूषण की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने मुद्दे में अतिरिक्त जांच की मांग की थी. उन्होंने दावा किया कि वह 7 सितंबर, 2022 को कथित यौन उत्पीड़न की घटना के दौरान राष्ट्र में उपस्थित नहीं थे, उन्होंने बोला कि वह उस समय सर्बिया में थे. सिंह ने नयी दिल्ली में भारतीय कुश्ती महासंघ कार्यालय में एक कथित घटना से संबंधित कोच विजेंदर के कॉल डिटेल रिकॉर्ड को प्रस्तुत करके अपने दावे का समर्थन किया.

अतिरिक्त लोक अभियोजक ने क्या दलील दी?

अतिरिक्त लोक अभियोजक (एपीपी) अतुल श्रीवास्तव ने पहले बोला था कि यदि बचाव पक्ष के वकील ने किसी बात पर बहस नहीं की है, तो यह अभियोजन पक्ष की गलती नहीं है. एपीपी ने प्रस्तुत किया कि सीडीआर के विश्लेषण पर, यह पाया गया कि कोच का जगह उसी क्षेत्र में था जहां डब्ल्यूएफआई कार्यालय स्थित है. बृजभूषण की ओर से वकील राजीव मोहन पेश हुए. उन्होंने तर्क दिया कि पीड़िता अगस्त 2022 में बुल्गारिया गई थी. इसके बाद वह सितंबर 2022 में डब्ल्यूएफआई में चली गई. दिल्ली पुलिस ने पिछले वर्ष 15 जून को बृज भूषण शरण सिंह और विनोद तोमर के विरुद्ध इल्जाम पत्र दाखिल किया था. इसमें बोला गया है कि दोनों आरोपियों को ‘बिना गिरफ्तारी’ के मुकदमे के लिए आरोपपत्र सौंपा जाता है क्योंकि उन्होंने जांच में शामिल होकर सीआरपीसी की धारा 41ए के अनुसार निर्देशों का अनुपालन किया है.

1599 पेज की चार्जशीट दाखिल की गई

आरोप पत्र भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354, 354 (ए), 354 (डी) के अनुसार दाखिल किया गया था. आरोपी विनोद तोमर ने कथित तौर पर क्राइम में सहायता/सुविधा प्रदान की. तदनुसार, उसे आईपीसी की धारा 354, 354 (ए), 109 और 506 के अनुसार मुकदमे के लिए भेजा जा रहा है. मुद्दे में 1599 पेज के आरोपपत्र में सीआरपीसी 164 के अनुसार 44 गवाहों के बयान दर्ज हैं. आरोपपत्र में दिल्ली पुलिस ने घटनाओं के दौरान खींची गई तस्वीर सहित कई फोटोज़ भी जमा कीं.

दिल्ली पुलिस के इल्जाम पत्र में बोला गया है कि छह शीर्ष पहलवानों की शिकायतों की “अब तक की जांच” के आधार पर, सिंह पर “यौन उत्पीड़न, छेड़छाड़ और पीछा करने के अपराधों के लिए केस चलाया जा सकता है और दंडित किया जा सकता है.इल्जाम पत्र में बोला गया है कि मुद्दे के गवाहों ने उल्लेख किया है कि उन्होंने तत्कालीन डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के “शारीरिक रूप से गलत हावभाव” को भी देखा था. यह मुद्दा स्त्री पहलवानों की कम्पलेन पर दर्ज किया गया था.

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