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दिल्ली हाईकोर्ट ने डीपफेक वीडियो पर जनहित याचिका का किया निपटारा, कहा…

नई दिल्ली. दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को एक जनहित याचिका (पीआईएल) का निपटारा कर दिया, जिसमें चल रहे लोकसभा चुनाव के दौरान डीपफेक वीडियो के प्रसार को रोकने के तरीकों की मांग की गई थी. न्यायालय ने हिंदुस्तान निर्वाचन आयोग से इस मामले का निवारण करने को कहा.

लॉयर्स वॉयस द्वारा दाखिल जनहित याचिका में चुनावी प्रक्रिया पर डीपफेक सामग्री के संभावित असर के बारे में चिंता जताई गई और न्यायालय से हस्तक्षेप की मांग की गई.

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत पीएसअरोड़ा की खंडपीठ ने बोला कि न्यायालय चुनाव के बीच में निर्देश जारी नहीं कर सकती और इसके बजाय याचिकाकर्ता को हिंदुस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीआई) को एक विस्तृत अगुवाई पेश करने का निर्देश दिया.

खंडपीठ ने मुद्दे की तात्कालिकता पर बल देते हुए चुनाव आयोग को अगुवाई की समीक्षा में तेजी लाने और 6 मई तक मुनासिब कार्रवाई करने का निर्देश दिया.

याचिकाकर्ता का अगुवाई कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता जयंत मेहता ने तेजी से गलत सूचना फैलाने की क्षमता का हवाला देते हुए बोला कि डीपफेक वीडियो के खतरे से निपटने के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है. हालांकि, न्यायालय ने इस मामले का कारगर ढंग से निवारण करने के लिए ईसीआई पर भरोसा जताते हुए तुरन्त आदेश जारी करने से परहेज किया.

जनहित याचिका में वीडियो संदेशों को सत्यापित करने, चुनावी संचार में डीपफेक प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल पर रोक लगाने और चुनाव अवधि के दौरान उनके इस्तेमाल पर डेटा एकत्र करने के लिए दिशानिर्देश तैयार करने के लिए ईसीआई से विशिष्ट निर्देश मांगे गए थे.

इसके अलावा, याचिकाकर्ता ने गूगल, मेटा और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों से चुनाव रिज़ल्ट घोषित होने तक सियासी नेताओं से संबंधित डीपफेक सामग्री को हटाने और ब्लॉक करने का आग्रह किया. जनहित याचिका में उद्धृत डीपफेक वीडियो के उदाहरणों में मुम्बई फिल्म इंडस्ट्री अदाकार रणवीर सिंह और आमिर खान के साथ-साथ राहुल गांधी और अमित शाह जैसी सियासी शख़्सियतों के भ्रामक क्लिप भी शामिल हैं.

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