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किसानों के आंदोलन की आशंका में दिल्ली पुलिस ने बढ़ाई सुरक्षा

किसान नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों के बीच एक जरूरी बैठक सोमवार देर रात बिना किसी निवारण के खत्म हो गई, जिसके बाद किसानों ने आज अपने ‘दिल्ली चलो’ विरोध को आगे बढ़ाया. घंटों की वार्ता के बावजूद, दोनों पक्ष प्रमुख मांगों पर किसी समझौते पर पहुंचने में विफल रहे. हालाँकि, गवर्नमेंट ने बोला कि अधिकतर मुद्दों पर सहमति बन गई है और एक समिति के गठन के माध्यम से कुछ अन्य को हल करने का एक फॉर्मूला प्रस्तावित किया गया है.

किसानों के आंदोलन की संभावना में, दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा तरीका बढ़ा दिए हैं, सभाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है और प्रबंध बनाए रखने के लिए सीमाओं को मजबूत कर दिया है. केंद्रीय मंत्रियों के साथ पांच घंटे की बैठक बेनतीजा रहने के बाद किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने मार्च करने के निर्णय की घोषणा की. पंधेर ने कहा, “हमें नहीं लगता कि गवर्नमेंट हमारी किसी भी मांग पर गंभीर है. हमें नहीं लगता कि वे हमारी मांगों को पूरा करना चाहते हैं… यदि गवर्नमेंट ने हमें कुछ भी पेशकश की होती, तो हम अपने आंदोलन पर पुनर्विचार कर सकते थे.

खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल के साथ वार्ता में भाग लेने वाले केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने वार्ता के बारे में आशावाद व्यक्त किया. मुंडा ने संकेत दिया कि अधिकतर मुद्दों पर आम सहमति बन गई है, एक समिति के गठन के माध्यम से शेष चिंताओं के निवारण के लिए प्रस्ताव रखे गए हैं. उन्होंने कहा, ”हमें अब भी आशा है कि किसान संगठन वार्ता करेंगे.

समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से कहा कि केंद्र 2020-21 के आंदोलन से किसानों के विरुद्ध मुद्दे वापस लेने पर सहमत हो गया, लेकिन न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी की मांग करने वाले नेताओं को समझाने में विफल रहा. पिछले विरोध प्रदर्शनों में मृत किसानों के परिवारों को मुआवजा देने पर सहमति बनी, फिर भी यह नियोजित मार्च को रोकने के लिए पर्याप्त नहीं था.

सिंघू, टिकरी और ग़ाज़ीपुर सीमाओं पर भारी पुलिस उपस्थिति है, जहां सड़कों के जरूरी हिस्से को कंक्रीट ब्लॉकों से अवरुद्ध कर दिया गया है और कंटीले तारों से मजबूत कर दिया गया है. किसान दिल्ली की सीमाओं पर भारी बैरिकेडिंग से अप्रभावित हैं, उनका दावा है कि वे “आधे घंटे में बैरिकेड तोड़ देंगे”.

किसान समूहों के प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली की सीमाओं के आसपास वाणिज्यिक वाहनों के लिए यातायात में परिवर्तन किया गया है. निजी वाहनों पर आज से प्रतिबंध लागू हो जाएगा. पुलिस ने यात्रियों को तदनुसार अपनी यात्रा की योजना बनाने और सीमाओं से बचने की राय दी है. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने भी रविवार को एक एडवाइजरी जारी कर वैकल्पिक रास्ते सुझाए.

दिल्ली की सीमाओं पर तरीकों के अलावा, हरियाणा में ऑफिसरों ने पंजाब के साथ राज्य की सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ा दी है. अंबाला, जिंद, फतेहाबाद, कुरूक्षेत्र और सिरसा सहित क्षेत्रों में राज्य में प्रवेश करने का कोशिश कर रहे प्रदर्शनकारियों के मार्ग को बाधित करने के लिए कंक्रीट ब्लॉक, लोहे की कीलें और कंटीले तार लगाए गए हैं.

हरियाणा में, विभिन्न जिलों में अर्धसैनिक बलों की 64 कंपनियां और हरियाणा पुलिस की 50 कंपनियां तैनात की गई हैं. ये जवान दंगा-रोधी उपकरणों से लैस हैं और सीमा और संवेदनशील जिलों में तैनात हैं. साथ ही ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों का इस्तेमाल किया जा रहा है. ‘दिल्ली चलो’ मार्च आज सुबह 10 बजे प्रारम्भ हुआ, जिसमें पंजाब के संगरूर से 2,500 ट्रैक्टर ट्रॉलियों में किसान हरियाणा से होते हुए दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं. फसलों के लिए एमएसपी की गारंटी देने वाला कानून बनाने सहित विभिन्न मांगों को पूरा करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के उद्देश्य से, ‘दिल्ली चलो’ मार्च में राष्ट्र भर के 200 से अधिक किसान संघों की भागीदारी की आशा है.

 

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