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एयर इंडिया के खिलाफ DGCA का ऐक्शन, जानें पूरा मामला

विमानन क्षेत्र के नियामक DGCA ने एयर इण्डिया पर शुक्रवार को भारी जुर्माना लगाने का निर्णय लिया. रिपोर्ट के मुताबिक, टाटा समूह के नियंत्रण वाली एयर इण्डिया पर 80 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. यह फाइन उड़ान सेवा अवधि सीमित करने के लिए लगाया गया है. साथ ही इस विमानन कंपनी पर चालक दल के लिए थकान प्रबंधन प्रणाली से संबंधित मानकों को नजरअंदाज करने का इल्जाम है. नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने जनवरी में एयर इण्डिया का मौके पर ऑडिट किया था. इस दौरान जमा किए गए सबूतों के आधार पर यह निर्णय किया गया है.

DGCA की ओर से इसे लेकर आज एक बयान जारी किया गया. इसमें बोला गया, ‘रिपोर्टों और सबूतों के विश्लेषण से पता चला कि एयर इण्डिया लिमिटेड ने कुछ मामलों में 60 वर्ष से अधिक उम्र के दोनों चालक दल के सदस्यों के साथ उड़ान भरी थी.‘ बयान के मुताबिक, एयरलाइन ने चालक दल को पर्याप्त साप्ताहिक आराम और लंबी उड़ानों से पहले और बाद में पर्याप्त आराम देने में कोताही बरती. नियामक ने 1 मार्च को उल्लंघनों के संबंध में एयर इण्डिया को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. इस नोटिस पर एयरलाइन के उत्तर को संतोषजनक नहीं पाया गया.

पायलटों को आराम के पर्याप्त समय देने को लेकर नियम  
दूसरी ओर, डीजीसीए ने पायलटों के संशोधित उड़ान सेवा मानदंडों को लागू करने के लिए तय 1 जून की समय सीमा को आगे नहीं बढ़ाने का निर्णय किया है. विमानन नियामक ने एयरलाइंस को 15 अप्रैल तक संशोधित योजनाएं प्रस्तुत करने को बोला है. फेडरेशन ऑफ भारतीय एयरलाइंस (FIA) ने नियामक को इसे लेकर कम से कम 2 बार पत्र लिखा था. इसमें 8 जनवरी को जारी संशोधित उड़ान सेवा समय सीमा मानदंडों को लागू करने के लिए अधिक समय मांगा गया था. एफआईए में एयर इंडिया, स्पाइसजेट और इंडिगो शामिल हैं. 1 जून से कारगर होने जा रहे नए नियमों के अनुसार पायलटों को आराम करने का पर्याप्त समय दिया किया गया है, जिससे उनकी थकान को दूर किया जा सके.

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