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चुनाव आयोग : समय आने पर चुनावी बांड से जुड़े सभी विवरण का किया जाएगा खुलासा

Electoral Bonds:चुनावी बांड को लेकर चुनाव आयोग का बड़ा बयान सामने आया है चुनाव आयोग ने बोला है कि समय आने पर चुनावी बांड से जुड़े सभी विवरण का खुलासा किया जाएगा सीईसी राजीव कुमार ने बोला कि फर्जी खबरों की रोकथाम के लिए सभी जिलों में सोशल मीडिया प्रकोष्ठ स्थापित किए जाएंगे उन्होंने बोला कि सभी उम्मीदवारों को पर्याप्त सुरक्षा दी जाएगी इसके साथ ही केंद्रीय बलों की भी तैनाती की जाएगी उल्लेखनीय है कि सीईसी राजीव कुमार का बयान एसबीआई की ओर से चुनाव आयोग को चुनावी बांड के सभी विवरण सौंपने के एक दिन बाद आया है

गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने चुनाव आयोग से 15 मार्च को शाम 5 बजे तक अपनी वेबसाइट पर चुनावी बांड का विवरण प्रकाशित करने को बोला था एसबीआई ने शीर्ष न्यायालय के समक्ष एक अनुपालन हलफनामा दाखिल किया है, जिसमें 12 अप्रैल के बीच खरीदे और भुनाए गए चुनावी बांड के विवरण का उल्लेख किया गया है इसी कड़ी में एसबीआई ने आज यानी बुधवार को उच्चतम न्यायालय को कहा कि एक अप्रैल 2019 से 15 फरवरी के बीच सियासी दलों ने कुल 22,217 चुनावी बॉण्ड खरीदे, जिनमें से 22,030 बॉण्ड को भुनाया गया

सुप्रीम न्यायालय में दाखिल एक अनुपालन हलफनामें में स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया ने बोला कि न्यायालय के निर्देशानुसार हिंदुस्तान निर्वाचन आयोग को चुनावी बॉण्ड का विवरण मौजूद करा दिया है एसबीआई ने बोला कि हलफनामें में इसकी जानकारी दी गई है कि प्रत्येक चुनावी बॉण्ड की खरीद की तारीख, खरीददार के नाम और खरीदे गए बॉण्ड की मूल्य सहित सभी विवरण प्रस्तुत किए गए हैं अपने हलफनामे में एसबीआई ने उसके द्वारा निर्वाचन आयोग को भेजे गए आंकड़े के प्रमाण के रूप में पत्र की एक प्रति भी संलग्न किया है

गौरतलब है कि 11 मार्च मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने यह आंकड़ा आयोग को मौजूद कराने के लिये समय बढ़ाने की मांग करने वाली एसबीआई की याचिका को खारिज कर दिया था और उसे 12 मार्च को व्यावसायिक घंटों की समापन तक निर्वाचन आयोग को चुनावी बॉण्ड का विवरण उपलब्ध कराने का आदेश दिया था

इससे पहेल उच्चतम न्यायालय की पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 15 फरवरी को दिए ऐतिहासिक निर्णय में केंद्र की चुनावी बॉण्ड योजना को रद्द कर दिया था, जिसमें गुमनाम सियासी फंडिंग को अनुमति मिल रही थी न्यायालय ने इसे गैरकानूनी करार देते हुये दानदाताओं, उनके द्वारा दान की गई राशि और इसे प्राप्त करने वालों का नाम 13 मार्च तक निर्वाचन आयोग को बताने का निर्देश दिया था योजना को बंद करने का आदेश देते हुए उच्चतम न्यायालय ने इसके लिये अधिकृत वित्तीय संस्थान एसबीआई को 12 अप्रैल, 2019 से अब तक खरीदे गए चुनावी बॉण्ड का विवरण छह मार्च तक चुनाव आयोग को सौंपने का निर्देश दिया था

 

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