राष्ट्रीय

पुंछ जिले में आतंकी हमले में शहीद हुए भारतीय सेना के चार जवानों को आज किया जाए सुपुर्द-ए-खाक

जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में आतंकवादी हमले में शहीद हुए इंडियन आर्मी के चार जवानों को आज सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा हिंदुस्तान के इतिहास में यह पहली बार होगा, जब शहीद जवानों का आखिरी संस्कार उसी जगह पर किया जाएगा, जहां उन्होंने राष्ट्र के लिए आतंकियों से लड़ते हुए अपनी जान गंवाई थी दरअसल, गुरुवार को जम्मू और कश्मीर के पुंछ जिले में हथियारबंद आतंकवादियों ने सेना की दो गाड़ियों पर धावा कर दिया इस आतंकवादी हमले में 4 जवान शहीद हो गए अधिकारियों ने कहा कि दोनों शहीद जवानों के मृतशरीर क्षत-विक्षत थे

आज शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाएगी

बताया जा रहा है कि पुंछ के डेरा गली में आतंकवादी हमले में शहीद हुए चारों जवानों को आज यानी रविवार सुबह 9.30 बजे राजौरी में श्रद्धांजलि दी जाएगी इतिहास में यह पहली बार होगा कि शहीदों का आखिरी संस्कार उसी जगह पर किया जाएगा जहां वे शहीद हुए थे भारत माता के वीर सपूतों को आखिरी विदाई देने के लिए उनके परिवारों को भी बुलाया गया है माना जा रहा है कि इस मौके पर सेना के उच्च अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे गुरुवार शाम करीब 4.45 बजे, सेना के जवानों को घेराबंदी और तलाशी अभियान स्थल पर ले जा रहे वाहनों पर सुरनकोट थाने के भीतर ढेरा की गली और बफलियाज़ के बीच धत्यार मोड़ पर धावा किया गया

हमले की जिम्मेदारी किसने ली?

पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तौबा (एलईटी) की एक शाखा पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट (पीएएफएफ) ने हमले की जिम्मेदारी ली जम्मू में रक्षा विभाग के जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल सुनील बर्तवाल ने बोला कि आतंकियों की मौजूदगी के बारे में ‘मजबूत इनपुट’ के आधार पर, बुधवार रात पुंछ जिले के डेरा की गली क्षेत्र में एक संयुक्त तलाशी अभियान प्रारम्भ किया गया था पिछले चार दिनों से सर्च ऑपरेशन जारी है अधिकारियों ने कहा कि जब सैनिक घटना स्थल की ओर बढ़ रहे थे तो आतंकियों ने दो वाहनों – एक ट्रक और एक जिप्सी – पर गोलीबारी की

अप्रैल में 5 जवान शहीद हुए थे

इस हमले से कुछ सप्ताह पहले, पास के राजौरी जिले के बाजीमल वन क्षेत्र के धरमसाल बेल्ट में गोलीबारी के दौरान दो कैप्टन सहित पांच सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे नवंबर में राजौरी जिले में सुरक्षा बलों के साथ एनकाउंटर में अफगानिस्तान में प्रशिक्षित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के कमांडर क्वारी सहित दो आतंकी मारे गए थे राजौरी और पुंछ जिलों की सीमा पर ढेरा की गली और बफलियाज के बीच का क्षेत्र घने जंगलों से घिरा हुआ है और चमरेर जंगल और फिर भाटा धुरिया जंगल की ओर जाता है, जहां इस वर्ष 20 अप्रैल को सेना के एक गाड़ी पर धावा किया गया था इसमें पांच जवान शहीद हो गये

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