राष्ट्रीय

गौरव गोगोई का आरोप, कि CM की पत्नी के कंपनी को कर्ज तौर पर मिली 10 करोड़ रुपये

लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के उपनेता गौरव गोगोई ने इल्जाम लगाया था कि सीएम की पत्नी की कंपनी को ऋण से जुड़ी रियायत के तौर पर 10 करोड़ रुपये मिले इसके उत्तर में सीएम की पत्नी रिंकी भुइयां शर्मा ने बोला कि वह उनकी कंपनी के विरुद्ध ‘‘मिथ्या अभियान’’ चलाने को लेकर मानहानि का केस दाखिल करेंगी

असम की राजनीति में इस हफ्ते उस समय बड़ा हंगामा हो गया जब कांग्रेस पार्टी ने सीएम की पत्नी पर वित्तीय अनियमितता का इल्जाम लगाया दूसरी ओर मणिपुर में शांति कायम होते होते अचानक अत्याचार हो जाने से राज्य गवर्नमेंट का सिरदर्द बढ़ा हुआ है त्रिपुरा में दो विधानसभा सीटों का उपचुनाव जीतकर बीजेपी के हौसले बुलंद हैं तो मिजोरम में चुनावी तैयारियों ने बल पकड़ लिया है वहीं नगालैंड विधानसभा ने प्रस्ताव पारित कर स्वयं को यूसीसी से बाहर रखने की मांग की है उधर अरुणाचल प्रदेश को लगातार विकास की परियोजनाएं मिल रही हैं आइये डालते हैं एक नजर पूर्वोत्तर हिंदुस्तान से इस हफ्ते की बड़ी खबरों पर सबसे पहले बात करते हैं असम की

असम

असम के सीएम हिमंत विश्व शर्मा की पत्नी से जुड़ी एक कंपनी को सरकारी सब्सिडी दिये जाने के इल्जाम पर चर्चा की मांग को लेकर शुक्रवार को विधानसभा में विपक्षी सदस्यों ने जोरदार बवाल किया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ी विपक्षी सदस्यों के बहिर्गमन से पहले सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी थी कांग्रेस पार्टी सदस्य कमलाख्या डे पुरकायस्थ ने सबसे पहले प्रश्नकाल के दौरान यह मामला उठाया था उन्होंने राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री जोगेन मोहन से पूछा था कि क्या रिंकी भुइयां शर्मा को कलियाबोर क्षेत्र में राज्य गवर्नमेंट की ‘वसुंधरा’ योजना के अनुसार जमीन आवंटित की गई थी उन्होंने पूछा कि भूमि आवंटित करने के लिए कौन से डॉक्यूमेंट्स जमा कराये गए थे जिससे संबंधित कंपनी को कथित तौर पर केंद्रीय सब्सिडी प्राप्त हुई थी विधानसभा अध्यक्ष बिश्वजीत दैमारी ने बोला कि यह मुद्दा पुरकायस्थ द्वारा सूचीबद्ध मूल प्रश्न से संबंधित नहीं है और सीएम सदन में उपस्थित नहीं हैं हालांकि, पुरकायस्थ अपने प्रश्न पर अड़े रहे और इस दौरान कई मंत्री अपने जगह से खड़े हो गए और विपक्षी सदस्यों के विरुद्ध टिप्पणी करने लगे सदन में बवाल जारी रहने के कारण कार्यवाही को 30 मिनट तक के लिए स्थगित कर दिया गया सदन की कार्यवाही दोबारा प्रारम्भ होने पर विपक्ष के नेता कांग्रेस पार्टी सदस्य देवव्रत सैकिया ने शून्यकाल के दौरान मुद्दे पर चर्चा के लिए दिए गए नोटिस की ओर सभापति का ध्यान आकर्षित किया इसे लेकर उपाध्यक्ष नुमल मोमिन ने तुरन्त चर्चा की अनुमति नहीं दी, जिसके बाद कांग्रेस पार्टी के सदस्यों ने सदन में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के इकलौते सदस्य और एक निर्दलीय विधायक के साथ आसन के समक्ष आकर धरना प्रारम्भ कर दिया सैकिया ने सीएम की पत्नी पर लगे आरोपों की जांच की भी मांग की इस दौरान बीजेपी के सदस्य भी आसन के समक्ष आ गए और बवाल प्रारम्भ हो गया, जिसे देखते हुए सदन की कार्यवाही को पांच मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया दूसरे स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही फिर प्रारम्भ होने के उपरांत भी बवाल नहीं रुका और कार्यवाही फिर 15 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी हिमंत की पत्नी पर लगे आरोपों को लेकर बृहस्पतिवार को भी विधानसभा में बवाल हुआ था, जिसके बाद कांग्रेस पार्टी ने बहिर्गमन किया था असम के सीएम हिमंत विश्व शर्मा ने बृहस्पतिवार को बोला था कि केंद्र गवर्नमेंट से उनकी पत्नी या उनकी किसी कंपनी के पैसे लेने का कोई सबूत दिये जाने पर वह कोई भी सजा स्वीकार करने को तैयार हैं, जिसमें सार्वजनिक जीवन से संन्यास लेना भी शामिल है गौरतलब है कि लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के उपनेता गौरव गोगोई ने बुधवार को इल्जाम लगाया था कि सीएम की पत्नी की कंपनी को ऋण से जुड़ी रियायत के तौर पर 10 करोड़ रुपये मिले सीएम ने गोगोई के विरुद्ध न्यायालय जाने की धमकी दी इसके कुछ घंटे बाद सीएम की पत्नी रिंकी भुइयां शर्मा ने बोला कि वह उनकी कंपनी के विरुद्ध ‘‘मिथ्या अभियान’’ चलाने को लेकर कांग्रेस पार्टी सांसद के खिलाफ 10 करोड़ रुपये की मानहानि का केस दाखिल करेंगी इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस पार्टी ने बोला कि यह केस केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के विरुद्ध दाखिल किया जाना चाहिए क्योंकि संसद में उनके उत्तर ने ‘‘सच का पर्दाफाश’’ कर दिया है सीएम ने लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के उपनेता गौरव गोगोई के एक पोस्ट के उत्तर में ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘मैं फिर इस बात पर बल देना चाहता हूं कि न तो मेरी पत्नी और न ही कंपनी (जिससे वह जुड़ी हैं) ने हिंदुस्तान गवर्नमेंट से कोई राशि प्राप्त की है या इसका दावा किया है यदि कोई आदमी सबूत दे सके तो मैं सार्वजनिक जीवन से संन्यास सहित कोई भी सजा स्वीकार करने को तैयार हूं’’ केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के उत्तर को कांग्रेस पार्टी नेता द्वारा एक्स पर पोस्ट किए जाने के बाद बुधवार से ही गोगोई और शर्मा के बीच जुबानी जंग छिड़ी हुई है गोयल ने लोकसभा में 22 मार्च, 2023 को असम के बीजेपी सांसद पल्लब लोचन दास द्वारा पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर दिया था गोगोई ने कहा, ‘‘क्या माननीय सीएम केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से कम्पलेन कर रहे हैं? वह कह रहे हैं कि गोयल ने शर्मा की पत्नी को सिर्फ़ आर्थिक सहायता की स्वीकृति दी, लेकिन राशि जारी नहीं की बीजेपी के कितने और नेताओं ने पीएम कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) का इस्तेमाल अपने परिवारों को संपन्न बनाने में किया?’’ हिमंत विश्व शर्मा ने एक पोस्ट में गोगोई के पिता एवं पूर्व सीएम तरुण गोगोई का नाम लिए बगैर बोला कि कोविड-19 वायरस महामारी के दौरान ‘‘असम के कद्दावर नेताओं में से एक को Covid-19 के बाद कुछ स्वास्थ्य समस्याएं हुईं हमने उनके परिवार को बेहतर इलाज के लिए उन्हें दिल्ली ले जाने की राय दी और इसका खर्च राज्य गवर्नमेंट द्वारा वहन किए जाने की बात कही हालांकि, उनके नामी बेटे ने रोगी को दिल्ली ले जाने से इनकार कर दिया था’’ इसके उत्तर में गोगोई ने एक यूट्यूब वीडियो का लिंक साझा किया जिसमें उनके पिता को असमी में यह कहते हुए सुना गया कि ‘‘वह कभी ऐसे आदमी से नहीं मिले जो आपके पैर छूए और साथ ही पीठ में खंजर भी घोंपे’’ शर्मा 2015 में कांग्रेस पार्टी छोड़कर बीजेपी (भाजपा) में शामिल हो गए थे इस बीच, असम के सीएम हिमंत विश्व शर्मा की पत्नी रिंकी भुइयां शर्मा ने बुधवार को बोला कि वह उनकी कंपनी के विरुद्ध कथित ‘मिथ्या अभियान’ चलाने के लिए लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के उपनेता गौरव गोगोई के खिलाफ 10 करोड़ रुपये की मानहानि का केस दाखिल करेंगी भुइयां शर्मा ने एक बयान में इल्जाम लगाया कि गोगोई ने एक स्त्री उद्यमी की प्रतिनिधित्व वाली असम की 17 वर्ष पुरानी कंपनी को बदनाम करने के इरादे से उस पर धावा किया है, जिसने कानून के हर पहलू का पालन किया है उन्होंने कहा, ‘‘सांसद गौरव गोगोई द्वारा इस मिथ्या अभियान से अपने मेहनती कर्मचारियों की प्रतिष्ठा की रक्षा करने के लिए, मैं न्यायालय में उनके विरुद्ध 10 करोड़ रुपये का केस दाखिल करने के लिए बाध्य हूं’’

इसके अलावा, असम के सीएम हिमंत विश्व सरमा ने शुक्रवार को आनें वाले लोकसभा चुनावों को “सभ्यता की लड़ाई” करार दिया, जिसमें राष्ट्र के लोग “सनातन धर्म की रक्षा” के लिए मतदान करेंगे पटना हवाई अड्डे पर पत्रकारों से वार्ता में बीजेपी के नेता ने बीजेपी के विरुद्ध विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ को “हमारी सभ्यता और संस्कृति को नष्ट करने के एकमात्र इरादे से गठित” किये जाने का इल्जाम लगाया शर्मा नालंदा जिले में आयोजित भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के कार्यक्रम ‘वैशाली फेस्टिवल ऑफ डेमोक्रेसी’ में हिस्सा लेने के लिए बिहार में हैं इस आयोजन में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी भी शामिल थीं कांग्रेस पार्टी छोड़कर 2014 में बीजेपी का दामन थामने वाले असम के सीएम ‘सनातन धर्म विवाद’ से जुड़े प्रश्नों का उत्तर दे रहे थे तमिलनाडु में द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के एक नेता की एक विवादास्पद टिप्पणी के बाद यह टकराव प्रारम्भ हुआ था पीएम नरेन्द्र मोदी ने भी बृहस्पतिवार को इस पर कड़ी विरोध जताई थी शर्मा ने कहा, “सनातन धर्म के विरुद्ध की गई टिप्पणी से पता चलता है कि (विपक्ष का) गठबंधन हमारी सभ्यता और संस्कृति को नष्ट करने के इरादे से बनाया गया है इसलिए, मैं लोकसभा चुनाव को एक सभ्यतागत लड़ाई के रूप में देखता हूं जिसमें राष्ट्र के लोग सनातन धर्म की रक्षा के लिए भाग लेंगे” उनकी इस टिप्पणी को वहां उपस्थित बीजेपी समर्थकों से व्यापक समर्थन मिला विदेश राज्य मंत्री लेखी से भी एयरपोर्ट पहुंचने पर इस टकराव को लेकर प्रश्न पूछे गए उन्होंने कहा, “सनातन धर्म लोकतंत्र और स्वतंत्रता के लिए खड़ा है क्योंकि इसका पालन करने वाले परमात्मा के साथ जुड़ने की खातिर अपनी इच्छानुसार मार्ग चुनने के लिए स्वतंत्र हैं लेकिन यह कुछ ऐसा है जिसकी विपक्षी गठबंधन सराहना नहीं कर सकता क्योंकि वह वंशवाद में विश्वास करता है और इसलिए अलोकतांत्रिक है

इसके अलावा, असम में सत्तारूढ़ बीजेपी (भाजपा) के एक विधायक ने बृहस्पतिवार को विधानसभा में दावा किया कि राज्य वन विभाग ने लगातार दो सालों तक एक क्षेत्र में ही पौधरोपण अभियान चलाया और इल्जाम लगाया कि पहले साल में ‘‘एक भी पौधा’’ वहां नहीं बचा बीजेपी विधायक अतुल बोरा ने प्रश्नकाल के दौरान मुद्दा उठाते हुए बोला कि पिछले वर्ष तत्कालीन वन मंत्री परिमल शुक्लाबैद्य ने वन महोत्सव के दौरान उनके दिसपुर निर्वाचन क्षेत्र के सोनापुर क्षेत्र में आठ लाख रुपये के पौधे लगवाए थे उन्होंने यह भी बोला कि शुक्लाबैद्य के बाद वन विभाग का कार्यभार संभालने वाले चंद्र मोहन पटवारी ने उसी कार्यक्रम के दौरान उसी जगह पर फिर से पौधरोपण अभियान चलाया और दावा किया कि पिछले साल कोई भी पौधा वहां नहीं बचा था वन मंत्री पटवारी ने बोला कि यह ठीक नहीं है उन्होंने बोला कि इस वर्ष विभिन्न क्षेत्रों में पौधरोपण अभियान चलाया गया जो उस जगह के निकट हैं जहां पिछली बार ऐसी कवायद की गई थी मंत्री ने यह भी बोला कि पिछले वर्ष पौधरोपण अभियान उस जगह के एक ओर चलाया गया था और इस साल, यह दूसरी तरफ किया गया उन्होंने यह भी दावा किया कि कुछ पौधे बच गए मंत्री ने बोला कि पौधों की खरीद के लिए किसी अन्य योजना के अनुसार कोई पैसा खर्च नहीं किया गया, और वन महोत्सव कार्यक्रम के अनुसार खर्च किया गया था उत्तर से असहमति जताते हुए बोरा ने बोला कि वन विभाग की नर्सरी में पौधे तैयार करने में करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं और यह बोलना गलत होगा कि पौधों पर खर्च नहीं किया जाता है बीजेपी विधायक ने यह भी दावा किया कि सोनपुर क्षेत्र में सीमेंट कारखानों के भारी वाहनों की आवाजाही के कारण प्राकृतिक जलाशयों का कब्ज़ा हो रहा है और सड़कें क्षतिग्रस्त हो रही हैं

इसके अलावा, असम के हैलाकांडी जिले में फर्जी डॉक्यूमेंट्स तैयार कर बाल शादी कराने के इल्जाम में 15 लोगों को अरैस्ट किया गया है पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी उन्होंने कहा कि एक दर्ज़ काजी की कम्पलेन पर कार्रवाई करते हुए जिले के विभिन्न हिस्सों में एक अभियान प्रारम्भ किया गया इस अभियान में 16 लोग पकड़े गए जो काजी बनकर बाल शादी कराने में शामिल थे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक समीर दप्तरी बरुआ ने कहा कि आरंभ में 16 लोगों को हिरासत में लिया गया था लेकिन एक आदमी को सबूत के अभाव में छोड़ दिया गया उन्होंने कहा कि अरैस्ट किए गए लोग फर्जी डॉक्यूमेंट्स बनाकर बाल शादी करा रहे थे बरुआ ने बोला कि ये गिरफ्तारियां जिले के हैलाकांडी शहर, पंचग्राम, कटलीचेरा, अल्गापुर, लाला, रामनाथपुर और बिलाईपुर इलाकों से की गई हैं अरैस्ट किए गए लोगों को न्यायालय के समक्ष पेश किया गया था जहां से इन्हें पूछताछ के लिए पुलिस की हिरासत में भेज दिया गया राज्य गवर्नमेंट ने बाल शादी को लेकर फरवरी में बड़ा अभियान चलाया था जिसमें अबतक 4,000 से अधिक लोगों को अरैस्ट किया गया है

इसके अलावा, असम के आबकारी मंत्री परिमल शुक्लबैद्य ने बुधवार को विधानसभा में बोला कि राज्य में रोजाना 5.30 लाख ‘बल्क लीटर’ (बीएल) से अधिक शराब की बिक्री होती है जिससे राज्य को प्रतिदिन 10 करोड़ रुपये का आबकारी राजस्व मिलता है ‘बल्क’ लीटर किसी द्रव का असली आयतन (परिमाण) होता है जबकि मानक तापमान एवं घनत्व पर द्रव का आयतन मानक ‘लीटर’ कहलाता है कांग्रेस पार्टी विधायक सीबामोनी बोरा के प्रश्न के उत्तर में शुक्लबैद्य ने बोला कि विदेशी शराब (आईएमएफएल) की औसत प्रतिदिन बिक्री 3,06,772.577 बीएल है आबकारी मंत्री के मुताबिक बीयर के मुद्दे में यह रोजाना 1,66,589.883 बीएल है जबकि देशी शराब की खपत 57,818.365बीएल है उन्होंने बोला कि पिछले वित्त साल के आंकड़ों के हिसाब से आबकारी से प्रतिदिन औसत राजस्व 10.85 करोड़ रुपये है मंत्री ने बोला कि अब तक शराब की 1684 दुकानों और 896 बार को लाइसेंस दिया गया है उन्होंने बोला कि नये लाइसेंस शहरी क्षेत्रों में आवश्यकता के हिसाब से दिये गये जबकि सीमा पर शराब की स्मग्लिंग रोकने के लिए अंतरराज्यीय सीमा पर दिये गये कांग्रेस पार्टी के जाकिर हुसैन सिकदर के प्रश्न के उत्तर में शुक्लबैद्य ने बोला कि राज्य ने इस वित्त साल में अगस्त तक 1,718.75 करोड़ रुपये का आबकारी राजस्व अर्जित किया है

इसके अलावा, असम के सीमा सुरक्षा एवं विकास मंत्री अतुल बोरा ने बुधवार को विधानसभा में बोला कि राज्य के 82,000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र पर उसके चार पड़ोसी राज्यों ने कब्ज़ा किया है बोरा ने बोला कि सीमा विवादों को पड़ोसी राज्यों के साथ वार्ता और कानूनी तरीकों के माध्यम से सुलझाया जा रहा है कांग्रेस पार्टी विधायक कमलाख्या डे पुरकायस्थ के एक प्रश्न का उत्तर देते हुए बोरा ने दावा किया कि असम की 59,490.210 हेक्टेयर भूमि पर नगालैंड का कब्जा है उन्होंने बोला कि अरुणाचल प्रदेश ने 16,144.00117 हेक्टेयर, मेघालय ने 3,441.8601 हेक्टेयर और मिजोरम ने 3,675.7800 हेक्टेयर क्षेत्र पर कब्ज़ा किया हुआ है विवादों के निवारण के संबंध में बोरा ने बोला कि मिजोरम के साथ विभिन्न स्तरों पर वार्ता चल रही है, जबकि नगालैंड से संबंधित मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है कांग्रेस पार्टी के देबब्रत सैकिया के एक अन्य प्रश्न के उत्तर में, बोरा ने बोला कि मेघालय और अरुणाचल प्रदेश के साथ सीमा विवादों को केंद्रीय गृह मंत्रालय के सुझाव से गठित क्षेत्रीय समितियों के माध्यम से सुलझाया जा रहा है उन्होंने बोला कि अरुणाचल प्रदेश के मुद्दे में, अरुणाचल प्रदेश के दावे वाले 123 गांवों के टकराव के निस्तारण के लिए इस वर्ष 20 अप्रैल को दोनों राज्यों के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे उन्होंने बोला कि विवादित क्षेत्रों के मुद्दे से निपटने के लिए बारह क्षेत्रीय समितियां बनाई गई हैं और इनमें से 71 गांवों की सीमाएं पहले ही तय हो चुकी हैं मंत्री ने बोला कि शेष गांवों को लेकर समझौता करने की प्रक्रिया चल रही है और समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर होने के छह महीने के भीतर इसे पूरा कर लिया जाएगा बोरा ने बोला कि मेघालय के साथ मतभेद वाले 12 क्षेत्रों की पहचान की गई है और इनमें से छह क्षेत्रों के निवारण के लिए एक समझौता ज्ञापन पर 29 मार्च, 2022 को हस्ताक्षर किए गए थे

इसके अलावा, असम विधानसभा ने मंगलवार को एक निजी संकल्प खारिज कर दिया, जिसमें संसद से स्त्री आरक्षण विधेयक को स्वीकृति देने के आग्रह की मांग की गयी थी सीएम हिमंत विश्व शर्मा ने तर्क दिया कि यह मामला राज्य विधानमंडल के अधिकार क्षेत्र से बाहर है कांग्रेस पार्टी विधायक शिवमणि बोरा ने उस विधेयक के संबंध में प्रस्ताव पेश किया था, जिसमें लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में स्त्रियों के लिए 33 फीसदी आरक्षण का वादा किया गया है उन्होंने बोला कि पंचायतों और शहरी निकायों में स्त्रियों के लिए आरक्षण सुनिश्चित किया गया है, लेकिन “सच्चा सियासी सशक्तीकरण” तभी हो सकता है जब अधिक महिलाएं संसद में अगुवाई करें बोरा ने कहा कि मौजूदा असम विधानसभा में 126 सदस्यों में से छह महिलाएं हैं, जबकि जनसंख्या के अनुपात के मुताबिक स्त्री विधायकों की संख्या 63 होनी चाहिए थी, और यदि 33 फीसदी आरक्षण दिया गया होता, तो यह आंकड़ा 42 होता उन्होंने दावा किया कि बीजेपी ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव के घोषणा पत्र में स्त्री आरक्षण विधेयक पारित करने का वादा किया था कांग्रेस पार्टी विधायक ने कहा, “आज, असम विधानसभा को एक प्रस्ताव पारित करना चाहिए, जिसमें संसद से विधेयक को स्वीकृति देने का आग्रह किया जाए अन्य राज्य विधानसभाओं ने भी ऐसा किया है” शर्मा ने बोरा को उत्तर देते हुए बोला कि विधेयक विधानसभा के अधिकार क्षेत्र के दायरे से बाहर है और इस मुद्दे पर निर्णय संसद को लेना है उन्होंने बल देकर बोला कि केंद्र गवर्नमेंट ने पूरे राष्ट्र में स्त्रियों के नेतृत्व वाला विकास मॉडल तैयार किया है जिसमें वे (महिलाएं) जीवन के सभी क्षेत्रों में प्रमुख किरदार में हैं सीएम ने कहा, “मैं नहीं चाहता कि विधानसभा इस प्रस्ताव को पारित करे और मोदी जी (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी) पर दबाव डाले, इसकी कोई जरूरत नहीं है हमें उनके नेतृत्व पर पूरा भरोसा है” उन्होंने कहा, “हमने मनमोहन सिंह या देवेगौड़ा या गुजराल (पूर्व प्रधानमंत्रियों) पर ऐसा कोई दबाव नहीं डाला था” राज्य गवर्नमेंट ने प्रस्ताव का समर्थन करने से इनकार कर दिया, लेकिन बोरा ने इसे वापस नहीं लिया प्रस्ताव ध्वनि मत से गिर गया

मणिपुर

मणिपुर से आई खबरों की बात करें तो आपको बता दें कि राज्य में मई से प्रारम्भ हुई जातीय अत्याचार में अब तक कम से कम 175 लोगों की मृत्यु हो चुकी है जबकि 1108 लोग घायल हुए हैं और 32 लोग लापता हैं पुलिस ने यह जानकारी दी पुलिस ने कहा कि इस अत्याचार में कुल 4,786 मकानों को आग के हवाले किया गया और 386 धार्मिक स्थलों को नष्ट किया गया पुलिस महानिरीक्षक (अभियान) आईके मुइवा ने कहा, ‘‘मणिपुर इस समय जिस चुनौतीपूर्ण समय का सामना कर रहा है, ऐसे में हम आपको भरोसा दिला सकते हैं कि केंद्रीय बल, पुलिस और नगर निकाय प्रशासन सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहा है’’ मुइवा ने कहा कि जो हथियार ‘‘खोए’’ थे, उनमें से 1,359 आग्नेयास्त्र और 15,050 गोला-बारूद बरामद कर लिए गए हैं अत्याचार के दौरान कथित तौर पर दंगाइयों ने बड़ी संख्या में पुलिस के हथियार और गोला-बारूद लूट लिए थे मुइवा ने कहा कि इस दौरान आगजनी के कम से कम 5,172 मुद्दे दर्ज किए गए और 254 गिरजाघर एवं 132 मंदिर समेत 386 धार्मिक स्थलों में तोड़-फोड़ की गई पुलिस महानिरीक्षक (प्रशासन) के जयंत ने कहा कि मारे गए 175 लोगों में से नौ की अब भी पहचान नहीं हो पाई है उन्होंने कहा, ‘‘79 शवों के परिजन का पता चल गया है जबकि 96 मृतशरीर लावारिस हैं इम्फाल स्थित रिम्स (क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान) और जेनीएमएस (जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान) में क्रमशः 28 और 26 मृतशरीर रखे हैं, 42 मृतशरीर चुराचांदपुर हॉस्पिटल में हैं’’ जयंत ने कहा कि 9,332 मुद्दे दर्ज किए गए और 325 लोगों को अरैस्ट किया गया पुलिस महानिरीक्षक (जोन-3) निशित उज्ज्वल ने कहा कि एनएच-32 और एनएच-2 सामान्य रूप से चालू हैं अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में जनजातीय एकजुटता मार्च के आयोजन के बाद तीन मई को राज्य में जातीय अत्याचार भड़क गई थी मणिपुर की जनसंख्या में मेइती लोगों की जनसंख्या लगभग 53 फीसदी है और वे ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं नगा और कुकी 40 फीसदी से कुछ अधिक हैं और पर्वतीय जिलों में रहते हैं

इसके अलावा, इंफाल घाटी स्थित मेइती समूहों के संगठन ‘कॉर्डिनेशन कमेटी ऑन मणिपुर इंटीग्रिटी’ (कोकोमी) के प्रतिनिधियों ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से राजधानी दिल्ली में मुलाकात की और राज्य से असम राइफल्स को वापस बुलाने की मांग करते हुए इल्जाम लगाया कि यह बल पक्षपातपूर्ण ढंग से काम कर रहा है मेइती समुदाय के संगठनों का अगुवाई करने वाले समूह कोकोमी ने एक बयान में बोला कि उनके प्रतिनिधियों ने बृहस्पतिवार को दिल्ली में राजनाथ सिंह के आवास पर उनसे मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंपा उन्होंने ज्ञापन में दावा किया कि कुकी समूहों ने मणिपुर संकट के निवारण के लिए संयुक्त देश से संपर्क साधकर गवर्नमेंट को असहज स्थिति में डाला है बयान के मुताबिक, उन्होंने सिंह के साथ वार्ता में नार्को-आतंकवाद (मादक पदार्थों की स्मग्लिंग में आतंकी संगठनों की संलिप्तता), गैरकानूनी प्रवासियों और उनकी पहचान के साथ ही अभियान संबंधी समझौतों के निलंबन के मामले उठाए दूसरी तरफ कुकी समूह राज्य पुलिस पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का इल्जाम लगा रहे हैं पिछले महीने राज्य के 10 कुकी विधायकों ने पीएम नरेन्द्र मोदी से अपील की थी कि राज्य से असम राइफल्स को हटाया नहीं जाए उन्होंने बोला कि ऐसा किया गया तो आदिवासियों की सुरक्षा प्रभावित हो सकती है मणिपुर में अनुसूचित जनजाति के दर्जे की मेइती समुदाय की मांग के विरुद्ध पर्वतीय जिलों में गत तीन मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ निकाला गया था इसी दौरान जातीय अत्याचार भड़क गई, जो कई दिनों तक चलती रही और इसमें करीब 175 लोग मारे जा चुके हैं तथा लगभग 1,100 घायल हुए हैं

इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर में विभिन्न समूहों के बीच कथित रूप से शत्रुता को बढ़ावा देने के मुद्दे में एडिटर्स गिल्ड ऑफ इण्डिया (ईजीआई) के चार सदस्यों के विरुद्ध दर्ज दो प्राथमिकियों के सिलसिले में उन्हें दंडात्मक कार्रवाई से दिए गए संरक्षण को शुक्रवार को दो हफ्ते के लिए बढ़ा दिया प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला तथा न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने ईजीआई और उसके चार सदस्यों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने वाले शिकायतकर्ता से पूछा कि उनके विरुद्ध जातीय समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने का मुद्दा कैसे बनता है मणिपुर गवर्नमेंट की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने बोला कि शीर्ष न्यायालय कुछ और समय तक ईजीआई और उसके सदस्यों को संरक्षण प्रदान कर सकती है और यदि पीठ चाहे तो याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट हस्तांतरित किया जा सकता है शीर्ष न्यायालय ने ईजीआई और उसके सदस्यों को दंडात्मक कार्रवाई से दिए गए संरक्षण को 11 सितंबर को शुक्रवार तक के लिए बढ़ा दिया था

इसके अलावा, मणिपुर में सत्तारुढ़ बीजेपी के 23 विधायकों ने एक प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए है, जिसमें हिंसाग्रस्त राज्य की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने का संकल्प लिया गया है विधायकों ने यह भी संकल्प लिया कि वे जल्द से जल्द दिल्ली जाएंगे ताकि वर्तमान संकट का जल्द से जल्द निवारण करने के लिए केंद्रीय नेतृत्व को राजी किया जा सके दिलचस्प बात यह है कि सीएम एन बीरेन सिंह हस्ताक्षरकर्ताओं में शामिल नहीं हैं संकल्प में हस्ताक्षर करने वाले नेताओं ने नवगठित नागरिक समाज संगठन ‘यूथ ऑफ मणिपुर’ (वाईओएम) के सदस्यों के साथ सोमवार रात सीएम सचिवालय में बैठक के बाद कहा कि कुकी-जो समुदाय की एक अलग प्रशासन की मांग उन्हें स्वीकार्य नहीं है प्रस्ताव में बोला गया, ‘‘विधानसभा के सभी अधोहस्ताक्षरी सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया है कि हम मणिपुर राज्य की क्षेत्रीय अखंडता के लिए खड़े रहेंगे और किसी भी प्रकार के अलग प्रशासन पर सहमत नहीं होंगे’’ वाईओएम के हजारों सदस्यों ने सीएम से मुलाकात करने के लिए उनके बंगले की तरफ जुलुस निकाला लेकिन सुरक्षाबलों ने कुछ सदस्यों को इसकी इजाजत दी गई सीएम के साथ मुलाकात के दौरान, वाईओएम सदस्यों ने कुकी समुदाय के उन 10 विधायकों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की मांग की है, जिन्होंने मणिपुर में उनके समुदाय के लिए अलग प्रशासन की मांग की है उन्होंने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए एक विधानसभा का विशेष सत्र आहूत किए जाने और राज्य में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) लागू करने की भी मांग की मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद राज्य में भड़की जातीय अत्याचार में अब तक 160 से अधिक लोगों की मृत्यु हो चुकी है राज्य की जनसंख्या में मेइती समुदाय की हिस्सेदारी लगभग 53 फीसदी है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की जनसंख्या करीब 40 फीसदी है और उनमें से ज्यादातर पर्वतीय जिलों में रहते हैं

इसके अलावा, प्रतिबंधित समूहों यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) से जुड़े आतंकी कथित तौर पर उस भीड़ का हिस्सा थे, जिसने मणिपुर में एक सेना अधिकारी पर गोलियां चलाईं ऑफिसरों ने यह जानकारी दी उन्होंने बोला कि केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने अब अशांत मणिपुर में तनाव बढ़ाने के लिए किसी भी विरोध-प्रदर्शन के दौरान भीड़ में आतंकियों के शामिल होने की संभावना के बारे में चेताया है यह चेतावनी पिछले सप्ताह सेना के एक लेफ्टिनेंट कर्नल के घायल होने के बाद आई है, जो लोगों के एक समूह के साथ विवाद के दौरान घायल हो गए थे इस समूह ने टेंगनौपाल जिले के पलेल के पास मोलनोई गांव में आदिवासियों पर धावा करने का कोशिश किया था, लेकिन सेना और असम राइफल्स ने इसे विफल कर दिया विवाद के दौरान एक गोली लेफ्टिनेंट कर्नल रमन त्यागी के हाथ में लगी, जिसके बाद आदिवासी गांव की ओर मार्च करने पर अड़े प्रदर्शनकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की गई ऑफिसरों ने बोला कि लेफ्टिनेंट कर्नल त्यागी को हेलीकॉप्टर के जरिये मणिपुर से गुवाहाटी ले जाया गया, जहां उनकी सर्जरी की गई उन्होंने कहा कि घटना की जांच से सुरक्षा एजेंसियां इस नतीजे पर पहुंचीं कि प्रतिबंधित समूहों के आतंकी प्रदर्शनकारी भीड़ का हिस्सा थे ऑफिसरों ने बोला कि वे पिछले कुछ हफ्तों से राज्य में यूएनएलएफ, पीएलए, कांगलेई यावोल कनबा लूप (केवाईकेएल) और पीपुल्स रिवॉल्यूशनरी पार्टी ऑफ कांगलेइपाक (पीआरईपीएके) जैसे लगभग निष्क्रिय प्रतिबंधित समूहों के दोबारा एक्टिव होने के बारे में चेतावनी दे रहे थे उन्होंने बोला कि वर्तमान में यूएनएलएफ के 330 कैडर हैं, इसके बाद पीएलए के 300 और केवाईकेएल के 25 कैडर हैं, जो बहुसंख्यक समुदाय के समूहों के भीतर एक्टिव हैं इन प्रतिबंधित संगठनों के कैडर को मिल रहा जबरदस्त समर्थन 24 जून को तब दिखा, जब सेना और असम राइफल्स ने विशिष्ट खुफिया जानकारी के आधार पर पूर्वी इम्फाल में केवाईकेएल के 12 सदस्यों को पकड़ लिया, जिनमें स्वयंभू ‘लेफ्टिनेंट कर्नल’ मोइरांगथेम तम्बा उर्फ उत्तम भी शामिल था उत्तम साल 2015 में 6, डोगरा रेजिमेंट पर घात लगाकर किए गए हमले के मुख्य साजिशकर्ता में से एक था इस हमले में सेना के 18 जवान मारे गए थे यूएनएलएफ अतीत में बड़े पैमाने पर ठेकेदारों और व्यापारियों को निशाना बनाकर जबरन वसूली में शामिल रहा है पीएलए, जिसने आरंभ में मणिपुर के प्राचीन नाम ‘पोलेई’ के नाम से आकार लिया था, का उद्देश्य मणिपुर को कथित तौर पर स्वतंत्र कराना और इम्फाल घाटी में एक स्वतंत्र मैतेई शासन स्थापित करना था केवाईकेएल जबरन वसूली से पैसा जुटाता है और खुले तौर पर अन्य आतंकी समूहों का समर्थन करता है इसे भाड़े पर काम करने वाला समूह माना जाता है, जिसकी कोई विचारधारा नहीं है पीआरईपीएके को अलगाववादी विचारधारा के लिए गवर्नमेंट द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया और यह समूह मुख्य रूप से व्यवसायियों से जबरन वसूली के जरिये पैसा जुटाता है यह आतंकवादी समूह पीएलए और यूएनएलएफ की ओर से जबरन वसूली में भी शामिल है यह समूह वसूली की धनराशि में से अपना हिस्सा रखने के बाद बाकी पैसे आतंकवादी समूहों को पहुंचाता है ऑफिसरों ने बोला कि ऐसी संभावना है कि मणिपुर पुलिस शस्त्रागार से लूटे गए हथियार और गोला-बारूद इन आतंकी समूहों के पास पहुंचे होंगे

मेघालय

मेघालय से आये समाचार की बात करें तो आपको बता दें कि राज्य के सीएम कॉनराड के संगमा ने बोला कि उनके मंत्रिमंडल ने दो बिजली परियोजनाओं को रद्द कर दिया है, क्योंकि वे आर्थिक रूप से अव्यवहारिक पाई गई हैं सीएम ने बोला कि जिन जलविद्युत परियोजनाओं को रद्द किया गया है, उनमें किंशी चरण प्रथम और ऊपरी खरी चरण प्रथम एवं द्वितीय परियोजनाएं शामिल हैं संगमा ने संवाददाताओं से कहा, “आर्थिक मुद्दों और विभिन्न कंपनियों द्वारा इन परियोजनाओं को लागू करने में देरी के कारण मंत्रिमंडल ने यह निर्णय किया है कि इन परियोजनाओं को रद्द कर दिया जाएसीएम ने कहा, “लेकिन राज्य गवर्नमेंट और संबंधित विभाग नये प्रारूप में जल्द ही नये साझेदारों या पुराने साझेदारों की किरदार खंगालेंगे” उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने शिलांग में पुलिस मुख्यालय में एक इंजीनियरिंग शाखा के निर्माण के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी है

मिजोरम

मिजोरम से आई खबरों की बात करें तो आपको बता दें कि राज्य के सियाहा जिले में मंगलवार को म्यांमा के दो नागरिकों सहित तीन लोगों को अरैस्ट किया गया उनके पास से एके-47 की 1,800 गोलियां बरामद की गई हैं असम राइफल्स ने यह जानकारी दी उसने कहा कि गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए असम राइफल्स और मिजोरम पुलिस की संयुक्त टीम ने त्लांगपुइकॉन के पास जांच के लिए तीन दोपहिया वाहनों को रोका उन्होंने कहा कि जांच के बाद म्यांमा के दो नागरिकों सहित तीन लोगों को पकड़ लिया गया और उनके पास से एके-47 की 1,800 गोलियां बरामद की गईं

इसके अलावा, मिजोरम के सत्तारुढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) ने राज्य के कुल 40 विधानसभा क्षेत्रों में से 38 के लिए अपने उम्मीदवारों के नामों को आखिरी रूप दे दिया है पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने यह जानकारी दी इस वर्ष के अंत में मिजोरम विधानसभा के चुनाव प्रस्तावित हैं इसका वर्तमान कार्यकाल 17 दिसंबर को खत्म हो जाएगा वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘शनिवार को पार्टी की नामांकन समिति की बैठक में, हमने 38 उम्मीदवारों के नामों को आखिरी रूप दिया है छालफिल और आइजॉल दक्षिण (द्वितीय) सीटों के लिए किसी भी उम्मीदवार का चयन नहीं किया गया है’’ उन्होंने बोला कि इन दोनों सीटों पर भी जल्द ही उम्मीदवार तय कर लिये जायेंगे तुरन्त उन कारणों की जानकारी नहीं मिल सकी है कि एमएनएफ नेतृत्व ने अन्य सीटों के साथ-साथ इन दोनों सीटों के लिए उम्मीदवार तय क्यों नहीं किये सूत्रों ने कहा कि एमएनएफ नामांकन समिति ने हरंगतुर्जो सीट पर एल छंगटे को उम्मीदवार बनाया है क्योंकि मौजूदा विधायक और राज्य के गृह मंत्री लालचमलियाना ने इस बार चुनाव नहीं लड़ने का निर्णय किया है

त्रिपुरा से आये समाचारों की बात करें तो आपको बता दें कि बांग्लादेश के गंगासागर से त्रिपुरा के निश्चिंतपुर तक नवनिर्मित रेलवे ट्रैक पर तकनीकी परीक्षण बृहस्पतिवार को सफलतापूर्वक किया गया, जिससे हिंदुस्तान के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र और पड़ोसी राष्ट्र के बीच संपर्क मजबूत करने का मार्ग प्रशस्त हो गया एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी अधिकारी ने कहा कि यह रेल लाइन 6.7 किलोमीटर लंबी है जिसका परीक्षण पूरा किया गया यह त्रिपुरा की राजधानी अगरतला को बांग्लादेश के ब्राह्मणबरिया जिले के गंगासागर से जोड़ने वाले 15 किलोमीटर लंबे रेल लिंक का हिस्सा है टेक्समैको रेल एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड गंगासागर से निश्चिंतपुर रेलवे स्टेशन तक रेलवे ट्रैक बनाने के कार्य में शामिल रही है टेक्समैको रेल एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड के उपाध्यक्ष सरत शर्मा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘गंगासागर से निश्चिंतपुर में जीरो पॉइंट तक 20 मिनट की यात्रा सुचारू रही और कोई मुश्किल नहीं हुई ट्रेन की गति 30 किमी प्रति घंटा थी अब, रेलवे पटरी ट्रेन सेवा के लिए तैयार है’’ उन्होंने बोला कि यह गवर्नमेंट तय करेगी कि वह नवनिर्मित पटरियों पर ट्रेन सेवा कब प्रारम्भ करेगी

इसके अलावा, त्रिपुरा के बॉक्सानगर और धनपुर सीटों पर आठ सितंबर को हुए उपचुनाव में जीत दर्ज करने वाले बीजेपी (भाजपा) नेता तफज्जल हुसैन और बिंदू देबनाथ ने मंगलवार को त्रिपुरा विधानसभा सदस्य के रूप में शपथ ली विधानसभा अध्यक्ष विश्वबंधु सेन ने सीएम माणिक साहा और मंत्रिमंडल के उनके सहयोगियों की उपस्थिति में दोनों को शपथ दिलाई इस दौरान विपक्षी दलों के विधायक शपथ ग्रहण कार्यक्रम से दूर रहें सीएम ने कहा, “हमने बॉक्सानगर और धनपुर में उपचुनाव पुरी ताकत से लड़ा और दोनों सीटों पर व्यापक अंतर से जीत हासिल की लोगों ने उपचुनाव में बीजेपी उम्मीदवारों को बड़े पैमाने पर वोट दिया है मेरा मानना है कि नये विधायक लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेंगे” मंत्रिमंडल विस्तार से जुड़े प्रश्न पर साहा ने कहा, “जब भी हम ऐसा कोई फैसला लेंगे तो आप सभी को सूचित कर दिया जाएगा” वर्तमान में साहा के नेतृत्व वाली गवर्नमेंट में नौ मंत्री हैं तथा इनमें अभी भी तीन और मंत्रियों के लिये स्थान खाली है

इसके अलावा, त्रिपुरा के सिपाहीजाला जिले में सत्तारूढ़ बीजेपी (भाजपा) और विपक्षी दल टिपरा मोथा के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प में एक पुलिस अधिकारी और दो अन्य कर्मियों सहित कम से कम 12 लोग घायल हो गए पुलिस ने यह जानकारी दी घटना राज्य के आदिवासी बहुल क्षेत्र जम्पुईजाला क्षेत्र में उस दौरान हुई जब सोमवार को बीजेपी कार्यकर्ताओं ने हाल में हुए उपचुनावों में जीत के बाद विशाल रैली निकाली सहायक महानिरीक्षक (कानून-व्यवस्था) ज्योतिष्मान दास चौधरी ने कहा, ‘‘टिपरा मोथा के कार्यकर्ताओं के एक समूह ने कुछ बीजेपी कार्यकर्ताओं को रैली में भाग लेने से कथित तौर पर रोका था जिसके बाद यह झड़प हुई’ उन्होंने कहा, ‘‘झड़प में दोनों दलों के कार्यकर्ताओं समेत कम से कम 12 लोग घायल हुए हैं जिन्हें पास के हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया’’ चौधरी ने कहा कि पुलिस दल ने जब हस्तक्षेप की प्रयास की तो तकर्जला के थाना प्रभारी रथिन देबबर्मा और दो अन्य कर्मियों पर पथराव किया गया, जिससे वे घायल हो गए इसके बाद कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए झड़प में शामिल समूहों पर लाठीचार्ज किया गया घटना के बाद रैली स्थल को तकर्जला में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राजीव भट्टाचार्य ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘विपक्ष के शांति को बाधित करने के प्रयासों को रोकने के मकसद से बीजेपी कार्यकर्ता सड़कों पर उपस्थित थे’’

अरुणाचल प्रदेश

अरुणाचल प्रदेश से आई खबरों की बात करें तो आपको बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को जम्मू और कश्मीर के सांबा जिले में, 2,941 करोड़ रुपये की लागत से पूरी हुई सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की 90 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन किया पीएम कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह के साथ पहुंचे सिंह का जम्मू हवाई अड्डे पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और सेना एवं भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के वरिष्ठ ऑफिसरों ने स्वागत किया सिंह ने सांबा जिले में बिश्नाह-कौलपुर-फूलपुर रोड पर अत्याधुनिक 422.9 मीटर लंबे देवक पुल के अतिरिक्त 89 अन्य परियोजनाओं का डिजिटल माध्यम से उद्घाटन किया बीआरओ के एक प्रवक्ता ने बोला कि देवक पुल रक्षा बलों के लिए सामरिक महत्व का है और इससे सैनिकों, भारी उपकरणों और मशीनीकृत वाहनों को अग्रिम क्षेत्रों में तेजी से भेजने में सहायता मिलेगी और क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा उन्होंने बोला कि बीआरओ परियोजनाओं में 10 सीमावर्ती राज्यों और उत्तरी एवं पूर्वोत्तर क्षेत्रों के केंद्र शासित प्रदेशों में 22 सड़कें, 63 पुल, एक सुरंग, दो हवाई पट्टियां और दो हेलीपैड शामिल हैं, जिनका निर्माण अधिकतर दुर्गम इलाकों में चुनौतीपूर्ण मौसम की स्थिति में किया गया है अधिकारी ने बोला कि डिजिटल रूप से जिन 89 परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया उनमें से 36 अरुणाचल प्रदेश में, 25 लद्दाख में, 11 जम्मू और कश्मीर में, पांच मिजोरम में, तीन हिमाचल प्रदेश में, दो-दो सिक्किम, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में और एक-एक नगालैंड, राजस्थान और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हैं प्रवक्ता ने बोला कि बीआरओ ने जरूरी सामरिक परियोजनाओं को रिकॉर्ड समय में पूरा किया और उनमें से कई का निर्माण अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करके एक ही कार्य सत्र में किया गया उन्होंने बोला कि अरुणाचल प्रदेश में बालीपारा-चारदुआर-तवांग रोड पर 500 मीटर लंबी नेचिफू सुरंग रणनीतिक तवांग क्षेत्र को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करेगी और यहां तैनात सशस्त्र बलों तथा प्राचीन तवांग क्षेत्र का दौरा करने वाले पर्यटकों दोनों के लिए लाभ वाला होगी अरुणाचल प्रदेश के सीएम पेमा खांडू डिजिटल रूप से इस कार्यक्रम में शामिल हुए प्रवक्ता ने बोला कि पश्चिम बंगाल में बागडोगरा और बैरकपुर हवाई अड्डों के पुनर्निर्माण एवं पुनरुद्धार से न सिर्फ़ सीमाओं पर भारतीय वायु सेना की रक्षात्मक और आक्रामक क्षमताओं में सुधार होगा, बल्कि क्षेत्र में वाणिज्यिक उड़ान संचालन की सुविधा भी मिलेगी प्रवक्ता ने बोला कि रक्षा मंत्री ने पूर्वी लद्दाख में न्योमा हवाई पट्टी की डिजिटल रूप से नींव भी रखी, जिसे 218 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जाएगा उन्होंने बोला कि इस हवाई पट्टी के निर्माण से लद्दाख में हवाई बुनियादी ढांचे को काफी बढ़ावा मिलेगा और उत्तरी सीमाओं पर भारतीय वायुसेना की क्षमता में वृद्धि होगी रक्षा मंत्री ने बाद में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) जम्मू के जगती परिसर में जारी ‘नॉर्थ टेक संगोष्ठी’ में भी भाग लिया उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एम वी सुचिन्द्र कुमार ने सोमवार को तीन दिवसीय संगोष्ठी का उद्घाटन किया था

इसके अलावा, निर्वाचन आयोग ने पवन कुमार सैन को अरुणाचल प्रदेश का अगला मुख्य निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया है निर्वाचन आयोग की ओर से बृहस्पतिवार को जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई है सैन एजीएमयूटी (अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम, केंद्र शासित प्रदेश) कैडर के 2005 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं और वह पद्मिनी सिंगला की स्थान लेंगे राज्य गवर्नमेंट प्रधान सचिव स्तर पर कार्यरत तीन ऑफिसरों के नाम आयोग को भेजती है और चुनाव निकाय मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पद पर नियुक्ति के लिये उनमें से एक अधिकारी का चयन करता है

इसके अलावा, असम के साथ दशकों से जारी सीमा टकराव को सुलझाने के एक प्रस्ताव के अनुसार अरुणाचल प्रदेश के लोअर सियांग जिले का एक गांव अपने इस पड़ोसी राज्य का हिस्सा बन गया, लेकिन इस कवायद से ग्रामीण एकदम भी खुश नहीं हैं कंग्कू क्षेत्र के भीतर आने वाले दुर्पाई गांव के लोग अरुणाचल प्रदेश में ही रहना चाहते हैं और उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वे प्रदर्शन करेंगे दुर्पाई ग्रामीण विकास समिति (डीवीडीसी) के बैनर तले ग्रामीणों ने तुरन्त इसमें सुधार करने और दुर्पाई को पूर्ववत रखने की मांग की है प्रस्ताव को अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन ग्रामीणों का बोलना है कि उन्हें कुछ ऑफिसरों से इसकी जानकारी मिली है असम और अरुणाचल प्रदेश गवर्नमेंट ने इस वर्ष 20 अप्रैल को नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे, ताकि सीमा टकराव को सुलझाया जा सके अंतर-राज्यीय सीमा टकराव के बाद मुद्दे पर गौर करने के लिए क्षेत्रीय समितियों का गठन किया गया था डीवीडीसी अध्यक्ष रेली केना ने कहा, ‘समझौता ज्ञापन के मुताबिक, दुर्पाई को इस तरह से दूसरे गांव के साथ मिलाया गया है कि वह खुद-ब-खुद असम में आ जाएगा’ उन्होंने दावा किया कि ग्रामीणों को भिन्न-भिन्न वर्ग से आश्वासन मिला है कि उनका गांव अरुणाचल प्रदेश में बना रहेगा केना ने कहा, ‘लेकिन अब लगता है कि प्रत्येक आश्वासन केवल एक छलावा था राज्य गवर्नमेंट को यह पता होना चाहिए कि इस तरह की कवायद क्षेत्र में केवल टकराव पैदा करेगी दुर्पाई क्षेत्र के दो मालिक कैसे हो सकते हैं? दुर्पाई में बना एक-एक ढांचा अरुणाचल प्रदेश गवर्नमेंट द्वारा निर्मित है’ उन्होंने बोला कि दुर्पाई के क्षेत्रीय लोग ही जमीन के वास्तविक मालिक हैं और वे असम में नहीं जाएंगे केना ने कहा, ‘अगर हमारी परेशानी का हल नहीं किया गया तो ग्रामीण अपने खून से पत्र लिखकर सीएम को भेजेंगे, लेकिन दुर्पाई को असम का हिस्सा नहीं बनने देंगे’ असम के सीएम हिमंत विश्व शर्मा और उनके अरुणाचल प्रदेश समकक्ष पेमा खांडू ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने सीमा टकराव खत्म करने के लिए पिछले वर्ष 15 जुलाई को भी एक समझौता पर हस्ताक्षर किया था और विवादित गांवों की संख्या 123 से घटाकर 86 करने का निर्णय किया था इसे नामसई घोषणापत्र के नाम से जाना जाता है असम और अरूणाचल 804.1 किमी लंबी सीमा साझा करते हैं

नगालैंड

नगालैंड से आये समाचारों की बात करें तो आपको बता दें कि राज्य विधानसभा ने बृहस्पतिवार को आम-सहमति से राज्य में वन (संरक्षण) संशोधन अधिनियम, 2023 को लागू नहीं करने का प्रस्ताव पारित किया नगालैंड के पर्यावरण, वन और जलवायु बदलाव मंत्री सी एल जॉन ने प्रस्ताव पेश करते हुए बोला कि नगालैंड विधानसभा का 14वां सदन संकल्प करता है कि वन (संरक्षण) संशोधन अधिनियम 2023 सिर्फ़ हिंदुस्तान के संविधान के अनुच्छेद 371 (ए) में प्रदान की गई कानूनी गारंटी के अधीन राज्य पर लागू होगा उन्होंने बोला कि संसद ने वन (संरक्षण) संशोधन अधिनियम, 2023 पारित किया, जिसे केंद्र गवर्नमेंट द्वारा चार अगस्त को अधिसूचित किया गया था मंत्री ने बोला कि अधिनियम मुख्य रूप से भूमि और उसके संसाधनों (वनों) से संबंधित है उन्होंने बोला कि संशोधित अधिनियम में एक नया खंड अर्थात् धारा 1 (ए) (2) को शामिल किया गया है, जो मूल अधिनियम के संचालन से ऐसी वन भूमि को छूट देता है जो अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के साथ 100 किलोमीटर की दूरी के भीतर स्थित है मंत्री ने बोला कि अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं से 100 किलोमीटर की छूट वाला क्षेत्र नगालैंड राज्य के अधिकतर हिस्सों को कवर करेगा उन्होंने बोला कि नगालैंड में अधिकतर वन भूमि का स्वामित्व आदिवासी समुदायों के पास है उन्होंने बोला कि संविधान के अनुच्छेद 371ए में बोला गया है कि नगाओं की धार्मिक या सामाजिक प्रथाओं, नगा प्रथागत कानून और नागरिक या आपराधिक इन्साफ की प्रक्रिया प्रशासन से संबंधित मुद्दे में संसद का कोई भी अधिनियम नगालैंड पर लागू नहीं होगा, जिसमें नगा प्रथागत कानून और स्वामित्व के मुताबिक फैसला शामिल होंगे मंत्री ने बोला कि भूमि और उसके संसाधनों का हस्तांतरण राज्य पर तब तक लागू नहीं होगा जब तक कि इसकी विधानसभा एक प्रस्ताव द्वारा ऐसा फैसला नहीं लेती विधानसभा अध्यक्ष शेरिंगेन लोबगकुमेर ने प्रस्ताव को मतदान के लिए रखा और इसे सदन ने आम-सहमति से पारित कर दिया

इसके अलावा, नगालैंड विधानसभा ने मंगलवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर राज्य को प्रस्तावित समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के दायरे से अलग रखे जाने का आग्रह किया सीएम नेफ्यू रियो ने सदन के मानसून सत्र के दूसरे दिन यह प्रस्ताव पेश किया उन्होंने कहा, ‘‘नगालैंड गवर्नमेंट और नगा लोगों का मानना है कि यूसीसी से नगा लोगों के रस्मी कानूनों, सामाजिक प्रथाओं और उनकी धार्मिक प्रथाओं के लिए खतरा पैदा होगा’’ उन्होंने बोला कि यूसीसी का साफ उद्देश्य शादी और तलाक, अभिरक्षा और अभिभावकत्व जैसे पर्सनल मामलों के संबंध में एक समान कानून बनाना है रियो ने बोला कि नगालैंड गवर्नमेंट ने मंत्रिमंडल के एक फैसला के माध्यम से चार जुलाई को संबंधित आयोग को इस विषय पर अपने विचार से अवगत कराया और स्वतंत्रता-पूर्व ब्रिटिश काल के बाद से नगालैंड के ‘अद्वितीय इतिहास’ के आधार पर अपना विरोध व्यक्त किया उन्होंने यह भी जिक्र किया कि यूसीसी विषय पर चर्चा के लिए एक सितंबर को राज्य गवर्नमेंट द्वारा विभिन्न हितधारकों के साथ आयोजित बैठक में कई जनजातीय संगठनों और नागरिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने यूसीसी के संबंध में अपनी नाराजगी और विरोध व्यक्त की थी

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