राष्ट्रीय

कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, रिटायरमेंट की उम्र 62 से बढ़कर 65 साल

नई दिल्ली: राष्ट्र भर के कर्मचारियों-वैज्ञानिकों के लिए एक बड़ी समाचार आ रही है जिसमे कहा जा रहा है कि एक बार फिर से सेवानिवृत्ति उम्र में 3 साल की बढ़ोतरी की जा सकती है इसके लिए प्रस्ताव तैयार करने पर काम किया जा रहा है प्राप्त समाचार के अनुसार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा वैज्ञानिकों कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति उम्र बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय वैज्ञानिकों की सेवानिवृत्ति उम्र को बढ़ाकर 65 साल कर सकता है बता दे वर्तमान में वैज्ञानिकों की सेवानिवृत्ति उम्र 62 वर्ष है जबकि गवर्नमेंट के ज्यादातर विंगों में वैज्ञानिक 60 साल की उम्र में सेवानिवृत्त होते हैं हालांकि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद एवं भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद में काम करने वाले वैज्ञानिक वर्तमान में 62 वर्ष की उम्र में रिटायर हो रहे हैं इस साल 6 अक्टूबर को विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा एक नोट जारी किया गया था इसमें कहा गया है कि विज्ञान विभाग मंत्रालय में सहायक निकायों में वैज्ञानिकों के सेवानिवृत्ति उम्र को बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा वित्तपोषित 14 स्वायत्त निकायों को यह नोट भेजा गया है जिसमें संस्थाओं के प्रमुख से वैज्ञानिकों की कुल स्वीकृत संख्या समेत अगले 5 वर्षों में सेवानिवृत्त होने वाले वैज्ञानिकों की संख्या की मांग की गई है

इसके साथ ही सेवानिवृत्ति उम्र बढ़ाने की दिशा में अतिरिक्त वित्तीय सहायता पर भी अपडेट मांगे गए हैं पहली बार नहीं है जब गवर्नमेंट द्वारा वैज्ञानिकों की सेवानिवृत्ति उम्र बढ़ने पर विचार किया जा रहा है विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के नेतृत्व में 2015 में गवर्नमेंट के विभिन्न अंगों में काम करने वाले अनुसंधान वैज्ञानिकों की सेवा शर्तों में समानता लाने के लिए एक मसौदा मंत्रिमंडल नोट में रखा गया था मंत्रालय द्वारा सामान्य प्रवृत्ति सेवानिवृत्ति के लगभग वैज्ञानिकों को एक्सटेंशन देने की तैयारी की जा रही है जिससे उनके कार्यकाल दो या 5 वर्षों तक बढ़ सकते हैं पृथ्वी विज्ञान विभाग के स्वास्थ्य संस्थानों में काम करने वाले वैज्ञानिकों को भी इस प्रस्ताव के दायरे में लाया जा सकता है

 

Related Articles

Back to top button