सरकार ने आयुष्मान योजना के तहत इलाज खर्च की सीमा की दोगुनी, समझिए पूरा प्लान
2024 का लोकसभा चुनाव करीब है। फरवरी में अंतरिम बजट पेश किया जाना है। इससे पहले हेल्थ इंश्योरेंस को लेकर टेंशन में रहने वाले लोगों के लिए अच्छी समाचार आई है। जी हां, केंद्र गवर्नमेंट आयुष्मान योजना को विस्तार देने जा रही है। ‘भास्कर’ की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि गवर्नमेंट आयुष्मान योजना के अनुसार उपचार खर्च की सीमा दोगुनी कर 10 लाख रुपये करने की सोच रही है। इस निर्णय का असर व्यापक होगा। राष्ट्र में करीब 41 करोड़ लोगों के पास हेल्थ बीमा नहीं है।
सरकार का पूरा प्लान समझिए
- रिपोर्ट के अनुसार उपचार के लिए मिलने वाली 5 लाख रुपये की सहायता को बढ़ाकर 10 लाख रुपये किया जा सकता है।
- इस स्कीम के दायरे में उन करीब 41 करोड़ लोगों को भी शामिल किया जा सकता है जिनके पास अभी स्वास्थ्य बीमा नहीं है।
- फिलहाल आयुष्मान योजना के अनुसार कुल 60 करोड़ लोगों को लाने का लक्ष्य है, जो पूरा होना बाकी है।
मिडिल क्लास की बल्ले-बल्ले!
भाजपा ने कुछ सप्ताह पहले छत्तीसगढ़ चुनाव के समय हेल्थ बीमा 10 लाख रुपये करने का वादा भी किया था। अब ‘मोदी की गारंटी’ के अनुसार ऐसा राष्ट्रीय स्तर पर किया जा सकता है। हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि इसे चुनाव के समय पेश किया जाएगा या पहले लाया जाएगा। खास बात यह है कि निःशुल्क उपचार की स्कीम में गरीबी रेखा के ऊपर वाले मिडिल क्लास के परिवारों को भी शामिल किया जा सकता है। बची जनसंख्या को न्यूनतम प्रीमियम के माध्यम से कवर किया जा सकता है। यदि ऐसा होता है तो अमेरिका समेत पश्चिमी राष्ट्रों में पूरी जनसंख्या के लिए जिस सोशल सिक्योरिटी की बात होती है, वैसा ही कुछ हिंदुस्तान में भी देखने को मिल सकता है।
एक संसदीय समिति ने सिफारिश की है कि गवर्नमेंट उपचार का खर्च बढ़ाने पर गंभीरता से सोचे। ऐसे में बताया जा रहा है कि अंतरिम बजट में इसको लेकर बड़ी घोषणा हो सकती है। आयुष्मान योजना की समीक्षा में यह बात पता चली है कि कई मुकदमा में 5 लाख रुपये की लिमिट पर्याप्त नहीं है। कुछ बड़ी सर्जरी और उपचार में खर्च काफी अधिक होता है। कुछ कठिन सर्जरी अभी इसके दायरे में भी नहीं है। समिति ने बोला है कि मिडिल क्लास के परिवार के सामने रोग की चपेट में आने के कारण गरीबी रेखा के नीचे जाने का जोखिम बना रहता है।
आयुष्मान स्कीम + राज्यों की योजनाएं | 69 करोड़ लोग कवर |
सामाजिक स्वास्थ्य बीमा | 14 करोड़ |
निजी बीमा कवर | 11.5 करोड़ |
देश में स्वास्थ्य बीमा योजना से कवर कुल लोग | 94.5 करोड़ लोग (70 प्रतिशत) |