गुजरात पुलिस ने अपहरण के सिर्फ 48 घंटे बाद उत्तर प्रदेश की एक 14 वर्षीय लड़की को सफलतापूर्वक किया रेस्क्यू
अहमदाबाद: गुजरात पुलिस ने नवसारी जिले से किडनैपिंग के केवल 48 घंटे बाद मंगलवार (14 नवंबर) को यूपी की एक 14 वर्षीय लड़की को सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर लिया. घटना में एक करोड़ रुपये की फिरौती की मांग शामिल थी. ऑफिसरों द्वारा त्वरित कार्रवाई की गई, जिससे क्राइम में सीधे तौर पर शामिल चार व्यक्तियों को पकड़ा गया. इस मुद्दे में मुख्य आरोपियों की पहचान समीर पठान, अभिषेक चौधरी, मोहित चौधरी और प्रदीप चौधरी के रूप में की गई है, एक आरोपी के नाम का पुलिस ने अभी खुलासा नहीं किया है.
इस ऑपरेशन की कामयाबी की कुंजी व्हाट्सएप कॉल और स्नैपचैट डेटा का सावधानीपूर्वक तकनीकी विश्लेषण था. प्रौद्योगिकी के इस रणनीतिक इस्तेमाल ने अपराधियों के जगह और गतिविधियों का पता लगाने में जरूरी किरदार निभाई. इसके अतिरिक्त, दिल्ली, राजस्थान और यूपी में पुलिस बलों के साथ सहयोगात्मक कोशिश और कारगर सामंजस्य अपहृत किशोरी की शीघ्र बरामदगी में सहायक रहे. विभिन्न राज्य पुलिस बलों के बीच सूचना और संसाधनों के बिना रुकावट आदान-प्रदान ने किडनैपिंग मुद्दे में एक समकालिक और अच्छी तरह से समन्वित प्रतिक्रिया की सुविधा प्रदान की.
इस पूरे कष्टदायक अनुभव के दौरान, लड़की के माता-पिता ने व्हाट्सएप का इस्तेमाल करके अपहरणकर्ताओं के साथ संपर्क बनाए रखा, यहां तक कि उनकी वार्ता के हिस्से के रूप में 12,000 रुपये की राशि हस्तांतरित करने पर भी सहमति व्यक्त की. मुद्दे में निर्णायक मोड़ स्नैपचैट और व्हाट्सएप कॉल रिकॉर्ड की जांच से आया, जिससे जरूरी जानकारी मिली जिससे लड़की और उसे बंधक बनाने वालों दोनों पर नज़र रखने में सहायता मिली.
पुलिस महानिरीक्षक, सूरत वी. चन्द्रशेखर ने कहा है कि, किडनैपिंग का खुलासा तब हुआ जब क्रिमिनल 10 नवंबर को नवसारी के गांडीवी क्षेत्र से युवा लड़की को जबरदस्ती ले गए. घटना के बाद, उन्होंने उसके माता-पिता को व्हाट्सएप कॉल की एक श्रृंखला प्रारम्भ की, जिसमें पैसे की मांग की गई. कानून प्रवर्तन ने कथित अपहरणकर्ताओं में से तीन – समीर पठान, अभिषेक चौधरी और प्रदीप चौधरी को सफलतापूर्वक पकड़ लिया – जब वे लखनऊ के आसपास एक बस में चढ़े. एक अन्य मुख्य संदिग्ध मोहित चौधरी को भी दिल्ली की एक झुग्गी बस्ती से पकड़ा गया था. प्रौद्योगिकी के व्यापक इस्तेमाल और पुलिस की त्वरित प्रतिक्रिया ने मुद्दे को सुलझाने और अपहृत लड़की की सुरक्षा सुनिश्चित करने में जरूरी किरदार निभाई.
शुरुआत में, नवसारी पुलिस ने पीड़िता की हरकतों का पता लगाया और पता चला कि उसे ट्रेन से राजस्थान ले जाया गया था. उन्होंने तुरंत पड़ोसी राज्य की सरकारी रेलवे पुलिस से सहायता मांगी. इसके बाद, नयी जानकारी सामने आई जिससे पता चला कि लड़की को दिल्ली की एक झुग्गी बस्ती में लाया गया था. जगह पर पहुंचने पर, मोहित चौधरी को पकड़ लिया गया, और उसने शेष संदिग्धों द्वारा लड़की को बस के माध्यम से लखनऊ ले जाने के इरादे के बारे में जरूरी जानकारी प्रदान की.