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उच्च न्यायालय ने अशोक गहलोत को जारी किया नोटिस

जयपुर: राजस्थान हाई कोर्ट ने शनिवार (2 सितंबर) को राज्य के सीएम और कांग्रेस पार्टी नेता अशोक गहलोत को उनकी उस टिप्पणी पर नोटिस जारी किया, जिसमें सीएम ने इल्जाम लगाया गया था कि न्यायपालिका में करप्शन व्याप्त है हाई कोर्ट की जयपुर पीठ के न्यायमूर्ति मनिन्द्र मोहन श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार की दो-न्यायाधीशों की पीठ ने मुख्यमंत्री गहलोत को नोटिस जारी कर उनसे उस विवादास्पद टिप्पणी के संबंध में उत्तर देने को बोला है

अदालत ने कहा, ”बयान की सामग्री यदि प्रतिवादी द्वारा दी गई है तो प्रथम दृष्टया ऐसा मुद्दा बनता है कि यह अदालतों को बदनाम करता है, क्योंकि यह किसी विशेष मुद्दे या मामलों की श्रेणी का संदर्भ नहीं देता है, बल्कि यह समग्र रूप से न्यायपालिका की सामान्य प्रकृति के विरुद्ध जाता हैन्यायालय ने यह नोटिस एक जनहित याचिका के उत्तर में जारी किया, जो उच्चतम न्यायालय के वकील और पूर्व न्यायिक अधिकारी शिव चरण गुप्ता द्वारा दाखिल की गई थी वकील गुप्ता ने दावा किया कि मुख्यमंत्री गहलोत द्वारा की गई कथित टिप्पणी राज्य न्यायपालिका की छवि को खराब करने और कम करने जैसी है

इसके बाद हाई कोर्ट ने नोटिस जारी किया और सीएम गहलोत को उत्तर देने के लिए 3 सप्ताह का समय दिया है अब इस मुद्दे की सुनवाई 3 अक्टूबर को होगी याचिकाकर्ता, अधिवक्ता गुप्ता ने न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया कि राजस्थान हाई कोर्ट नियम, 1952 में कोई विशिष्ट प्रावधान नहीं है, जो उस ढंग या प्रक्रिया को प्रदान कर सके, जिसके माध्यम से न्यायालय स्वत: संज्ञान ले सके उन्होंने बोला कि इसी कारण से, उन्होंने इस मामले पर न्यायालय का ध्यान आकर्षित करने के लिए एक याचिका दाखिल की है बता दें कि, 30 अगस्त को मीडिया से बात करते हुए, राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत ने कथित तौर पर बोला था कि, ‘आज तो बताइए इतना करप्शन हो रहा है न्यायपालिका के अंदर इतना भयावह करप्शन है, कई वकील लोग तो मैंने सुना है लिख के ले जाते हैं जजमेंट और जजमेंट वही आता है’ कथित तौर पर, उन्होंने कहा, ‘न्यायपालिका के अंदर क्या हो रहा है? चाहे निचला हो, चाहे ऊपर हो, हालात बड़े गंभीर हैमुख्यमंत्री गहलोत की इसी टिप्पणी पर उच्च न्यायालय ने उनसे उत्तर माँगा है

 

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