राष्ट्रीय

नोएडा के इन 16 जगहों पर कुत्तों के काटने की सबसे अधिक संख्या की गई दर्ज

नोएडा: नोएडा में 16 ऐसी जगहें हैं, जहां कुत्ते लोगों को सबको ज्‍यादा काट रहे हैं तीन महीने के सर्वेक्षण के बाद स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे 16 ‘हॉटस्पॉट’ की पहचान की है इन 16 जगहों पर कुत्तों के काटने की सबसे अधिक संख्या दर्ज की गई है

लिहाजा, इस महीने के अंत तक अधिकारी एक व्यापक अभियान की योजना बना रहे हैं, जिसमें कुत्तों की नसबंदी और एंटी-रेबीज और इम्युनोग्लोबुलिन टीकाकरण के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना शामिल हो सकता है यह अभियान राष्ट्रीय रेबीज़ नियंत्रण कार्यक्रम का हिस्सा है

टीओआई की एक रिपोर्ट कहती है कि स्वास्थ्य विभाग विशेष अभियान के लिए संसाधन जुटाने की तैयारी कर रहा है, जिसके लिए वह 80,000 रुपये खर्च करेगा स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बोला कि ‘यह अभियान क्षेत्र में जानवरों के काटने के मामलों के बाद कुत्ते के मालिकों और अन्य निवासियों के बीच बढ़ते विवादों को लेकर है हमें अभी भी अपनी योजना को विस्तार से तैयार करना बाकी है

रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष के पहले तीन महीनों में, शहर में कुत्तों के काटने के 37,864 मुद्दे दर्ज किए गए, जिनमें फरवरी में सबसे अधिक मुद्दे (14,262) दर्ज किए गए

अधिकारी ने आगे बोला कि, “पिछले महीने शहर भर में कुत्तों के काटने के लगभग 11,000 मुद्दे सामने आए सर्वेक्षण में पहचाने गए 16 हॉटस्पॉट में भंगेल, सेक्टर 130 और 45, जेजे कॉलोनी और खोड़ा शामिल हैं

उन्होंने बोला कि इन क्षेत्रों के निवासियों को जागरूकता कार्यक्रमों में टीकाकरण का महत्व सिखाया जाएगा जब कुत्ते की लार मानव त्वचा के संपर्क में आती है तो एंटी-रेबीज इंजेक्शन लगाना महत्वपूर्ण है गहरी चोट या श्लेष्म झिल्ली संदूषण के मामलों में, चिकित्सक एंटी-रेबीज वैक्सीन के साथ-साथ आरआईजी घुसपैठ का भी व्यवस्था करते हैं

उन्होंने कहा, “स्वास्थ्य केंद्रों के सर्वेक्षण से हमें इन उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों को पहचानने में सहायता मिली, जिससे लक्षित हस्तक्षेप कोशिश संभव हो सके” उन्होंने बोला कि काटने के मामलों में वृद्धि केवल आवारा कुत्तों से ही नहीं, बल्कि पालतू जानवरों से भी हुई है

2023 में, जानवरों के काटने के 1.2 लाख मामलों में से अधिकतर (1.1 लाख से अधिक) का कारण कुत्ते का काटना था, जिसमें बंदर, बिल्लियां और अन्य जानवर शामिल थे

स्वास्थ्य अधिकारी ने मौसमी उतार-चढ़ाव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आमतौर पर गर्मी और मानसून के महीनों के दौरान, विशेष रूप से जुलाई से अक्टूबर के दौरान कुत्ते के काटने के मामलों में वृद्धि होती है

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button