गृह मंत्री अमित शाह ने कर्नाटक में भाजपा के भीतर उभरे विद्रोह को किया शांत
बेंगलुरु . केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कर्नाटक में बीजेपी के भीतर उभरे उपद्रव को शांत कर दिया.
गृहमंत्री शाह ने कर्नाटक के पूर्व उपमुख्यमंत्री केएस ईश्वरप्पा से बात की, जिन्होंने राज्य में बीजेपी के विरुद्ध उपद्रव का झंडा बुलंद किया है. गृहमंत्री ने उन्हें नयी दिल्ली में उनसे मिलने को बोला है.
गृहमंत्री ने मांड्या से निर्दलीय सांसद सुमलता अंबरीश से भी बात की और उन्हें एनडीए उम्मीदवार का समर्थन करने के लिए तैयार किया.
सूत्रों ने कहा कि शाह ने वरिष्ठ नेता ईश्वरप्पा से बात की. गाैरतलब है कि ईश्वरप्पा ने चुनाव में शिवमोग्गा लोकसभा क्षेत्र में बीजेपी के उम्मीदवार, बीएस येदियुरप्पा के बेटे बीवाई राघवेंद्र के सामने खड़े होने की बात कही है.
शाह ने ईश्वरप्पा की बात सुनी और उनसे चुनाव से हटने का निवेदन किया.
गृह मंत्री ने ईश्वरप्पा को बुधवार को नयी दिल्ली में उनसे मिलने के लिए आमंत्रित किया है.
सूत्रों ने कहा कि ईश्वरप्पा ने नयी दिल्ली में शाह से मिलने और अपनी शिकायतों पर चर्चा करने पर सहमति जताई.
इस बीच, सूत्रों ने कहा कि सुमलता अंबरीश के साथ गृहमंत्री की चर्चा सफल रही.
मांड्या की मौजूदा सांसद सुमलता अंबरीश बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहती थीं, लेकिन पार्टी ने यह सीट जद (एस) को दे दी.
सुमलता अंबरीश ने बोला कि वह अपने समर्थकों के साथ बैठक के बाद कोई निर्णय लेंगी.
शाह के आश्वासन के बाद, वह पूर्व मुख्यमंत्री और जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी की उम्मीदवारी का समर्थन करने के लिए सहमत हो गईं.
जद (एस) विधायक और कोर कमेटी के अध्यक्ष जीटी देवेगौड़ा ने बोला कि सुमलता अंबरीश जल्द ही कुमारस्वामी को समर्थन देने के घोषणा करेंगी.
इस बीच, ईश्वरप्पा ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बोला कि वह बुधवार को नयी दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात करेंगे.
ईश्वरप्पा ने कहा,“मेरा संघर्ष परिवारवाद की राजनीति के विरुद्ध है. परिवारवाद की राजनीति को बढ़ावा मिलने से बीजेपी कार्यकर्ता आहत हैं. गृह मंत्री अमित शाह ने मुझे शिवमोग्गा में बीजेपी उम्मीदवार के विरुद्ध चुनाव लड़ने से हटने का निर्देश दिया है. लेकिन, मैंने बता दिया है कि यदि कर्नाटक में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष का पद किसी अन्य नेता को दिया जाता है, तो मैं चुनाव से हटने को तैयार हूं.
ईश्वरप्पा ने कहा,“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र में परिवारवाद के विरुद्ध संघर्ष प्रारम्भ किया है. लेकिन, कर्नाटक में भाजपा की कमान एक परिवार के हाथ में है, उसे बदलना होगा. मैं नयी दिल्ली में इस पर चर्चा करूंगा. लेकिन, मैं शिवमोग्गा से चुनाव लड़ने से पीछे नहीं हटूंगा.”
जब बीएस येदियुरप्पा से उनके घर जाने की योजना के बारे में पूछा गया, तो ईश्वरप्पा ने कहा, कि अपने बेटे की हार को महसूस करने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री उनसे मिलने का प्रस्ताव रख रहे हैं.
उन्होंने कहा, “वह (येदियुरप्पा) मेरे घर को जानते हैं, उन्हें मुझसे मिलने दीजिए.”