मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर भूख हड़ताल
महाराष्ट्र में एक बार फिर से मराठा आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन प्रारम्भ हो गए हैं। इस बीच सोमवार को सीएम एकनाथ शिंदे ने प्रदर्शनकारियों के विरुद्ध दर्ज एफआईआर वापस लेने की घोषणा की। इसके अलावा, आंदोलन प्रमुख मनोज जारांगे से आग्रह किया है कि वे अनिश्चितकालीन अनशन खत्म करें।
यह है पूरा मामला
मनोज जरांगे के नेतृत्व में आंदोलनकारी 29 अगस्त से जालना जिले में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर भूख स्ट्राइक कर रहे हैं। स्थिति तब बिगड़ी जब डॉक्टरों की राय पर पुलिस ने जरांगे को हॉस्पिटल में भर्ती कराने की प्रयास की। लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया। इसके बाद, एक सितंबर को आंदोलन हिंसक हो गया। अंबाड तहसील में धुले-सोलापुर रोड पर अंतरवाली सराटी गांव में हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। पुलिस ने घटना को लेकर कई लोगों के विरुद्ध मुद्दा दर्ज किया है।
जानिए क्या कहे मुख्यमंत्री शिंदे
मुख्यमंत्री शिंदे ने सोमवार को बोला कि राज्य गवर्नमेंट ने मराठा आरक्षण की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों के विरुद्ध दर्ज एफआईआर को वापस लेने का निर्णय किया है। इसके लिए ऑफिसरों को जरूरी निर्देश दिए हैं। उन्होंने बोला कि सरकार ने प्रदर्शनकारियों के विरुद्ध लाठीचार्ज करने वाले तीन पुलिस ऑफिसरों को भी निलंबित करने का निर्णय किया है। मुख्यमंत्री ने आगे बोला कि महाराष्ट्र एक प्रगतिशाली राज्य है। हम हर समुदाय के बीच सद्भाव और शांति चाहते हैं। मनोज जारांगे से अनशन वापस लेने के लिए निवेदन किया गया है। मैं पर्सनल रूप से अपना अनशन समाप्त करने का निवेदन करता हूं।
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