Char Dham Yatra 2024 : श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए सरकार ने लिया ये बड़ा फैसला
Char Dham Yatra 2024 : चारों धामों में श्रद्धालुओं की उमड़ रही भारी भीड़ के मद्देनजर उत्तराखंड गवर्नमेंट की ओर से बड़ा निर्णय लिया गया है। दरअसल, चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ को देखते हुए उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की ओर से एक आदेश जारी किया गया है जिसमें बोला गया कि वीआईपी दर्शन पर लगी रोक को 31 मई तक बढ़ाने का फैसला लिया गया है। ऐसा इसलिए ताकि सभी श्रद्धालु सरलता से चारों धामों के दर्शन कर सकें।
यही नहीं उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने चारों धामों में मंदिर परिसर के 50 मीटर के दायरे में वीडियोग्राफी/सोशल मीडिया के लिए रील बनाने पर बैन लगाने का आदेश जारी किया गया है। उन्होंने यह आदेश सचिव पर्यटन, आयुक्त गढ़वाल मंडल और संबंधित जिलों के डीएम और एसपी को दिया है
पिछले वर्ष की तुलना में देखा जाए तो श्रद्धालुओं की भीड़ में खास बढ़ोत्तरी हुआ है। इसमें करीब 61 प्रतिशत वृद्धि नजर आ रही है। वर्ष 2023 में पहले तीन दिनों में 95,000 तीर्थयात्री धार्मिक शहरों में पहुंचे थे। भीड़ को देखते हुए जानकारों ने चेतावनी दी है। उनके मुताबिक यदि यही सिलसिला रहा तो इस वर्ष 80 लाख से अधिक तीर्थयात्री चार धाम यात्रा के लिए पहुंच सकते हैं।
वीआईपी दर्शन 31 मई के बाद
चारों धामों में श्रद्धालुओं की उमड़ रही भारी भीड़ को देखते हुए उत्तराखंड गवर्नमेंट ने 31 मई तक वीआईपी दर्शन की प्रबंध न करने तथा हरिद्वार और ऋषिकेश में ऑफलाइन पंजीकरण 19 मई तक बंद रखने का फैसला लिया है। आपको बता दें कि चार धाम यात्रा 10 मई को प्रारम्भ हुई थी और आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पहले छह दिन में ही देश-विदेश के 3,34,732 श्रद्धालु यहां पहुंचे। 25 अप्रैल से चारधामों के लिए पंजीकरण प्रारम्भ हुआ था और गुरुवार शाम तक 27 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पंजीकरण किए जा चुके हैं।
उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र भेजा गया है। इस पत्र में बोला गया है कि शुरूआती दिनों में ही पवित्र धामों में श्रद्धालुओं की अप्रत्याशित संख्या को देखते हुए भीड़ के बेहतर प्रबंधन के लिए 31 मई तक वीआईपी दर्शन की प्रबंध नहीं की जा सकती है। गौरतलब है कि इससे पहले 30 अप्रैल को राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर 25 मई तक चारधामों में वीआईपी दर्शन की प्रबंध पर रोक की बात कही गयी थी।