राष्ट्रीय

Kejriwal के केस में इब्राहिम का नाम आया सामने, दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा…

दिल्ली के शराब घोटाले के मुद्दे में अरविंद केजरीवाल तिहाड़ कारावास में बंद हैं. वहीं अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के नाम से तो आप सभी परिचित ही है, वो हिंदुस्तान का मोस्ट वांटेड क्रिमिनल है. लेकिन दोनों का दूर दूर तक कोई कनेक्शन नहीं है. लेकिन दिल्ली उच्च न्यायालय ने केजरीवाल मुकदमा में ऐसी टिप्पणी कर दी की अचानक दौड़ इब्राहिम का नाम सामने आ गया. इसे सुनकर हर कोई चौंक गया. दरअसल, दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका लगाई गई जिसमें बोला गया कि कारावास में बंद अरविंद केजरीवाल को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये चुनाव प्रचार की इजाजत दे दी जाए. ताकि वोटर तक उनकी पार्टी की विचारधारा के बारे में कहा जा सके. 

इस पर ही टिप्पणी करते हुए उच्च न्यायालय ने बोला कि यदि ऐसे ही परमिशन दे दिया तो कल को दौड़ इब्राहिम भी चुनाव लड़ेगा और ऐसे ही प्रचार भी करेगा. केजरीवाल के लिए याचिका लगाने वाला शख्स एक लॉ स्टूडेंट है. इसने अपनी याचिका में ऐसी मांग की थी कि चुनाव आयोग को ऐसा सिस्टम बनाना चाहिए कि ताकि अरैस्ट नेताओं को जब तक गुनेहगार नहीं ठहराया जाता तब तक उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये चुनाव प्रचार की इजाजत दी जाए. इस याचिका में बोला गया कि केजरीवाल की गिरफ्तारी की वजह से वोटर को आम आदमी पार्टी की विचारधारा और योजनाओं की जानकारी देने का आधार कम हो गया है. इसके अतिरिक्त सियासी दलों के नेता अपने प्रचार करने के संविधान के मौलिक और कानूनी अधिकार से भी वंचित हैं.

दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस याचिका को देखकर याचिकर्ता की ऐसी क्लास लगाई की सभी देखते रह गए. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की प्रतिनिधित्व वाली पीठ ने इस पर टिप्पणी करते हुए बोला कि ऐसे तो दाऊद इब्राहिम और अन्य कुख्यात क्रिमिनल जैसे आदमी एक सियासी पार्टी स्थापित कर सकते हैं, चुनाव में भाग ले सकते हैं और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अभियान चला सकते हैं. पीठ ने यह भी बोला कि दुष्कर्म और मर्डर जैसे जघन्य अपराधों के गुनेहगार आदमी भी संभावित रूप से अपने उद्देश्यों के लिए एक सियासी पार्टी बना सकते हैं. न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा सहित पीठ ने बोला कि वे ऐसी याचिकाओं के पीछे के प्रचार से अवगत हैं और इसके बारे में अच्छी तरह से सूचित हैं. उन्होंने हाल ही में कई याचिकाओं को निपटाया है और तुच्छ दलीलें प्रस्तुत करने के लिए याचिकाकर्ताओं पर जुर्माना भी लगाया है.

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button