कोविड के बाद से हार्ट अटैक में बढ़ोतरी,समय रहते जीवनशैली में करें सुधार
मुंबई: मुंबई में औसतन हर 1 घंटे और 12 मिनट यानी 72 मिनट पर हार्ट अटैक के कारण एक आदमी की मृत्यु दर्ज की गई है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, दिल से संबंधित रोग का पैनडेमिक प्रारम्भ हो चुका है। यदि समय रहते लोग सतर्क नहीं हुए, तो आने वाले दिनों में रोग से ग्रसित होने वालों और मृत्यु की संख्या और भी बढ़ सकती है। यह संभावना डॉक्टरों ने जताई है।
कोविड के बाद से हार्ट अटैक में बढ़ोतरी
बीएमसी स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, 2018 से लेकर 2022 तक (2021 को छोड़कर) कुल 29,553 लोगों की शहर में हार्ट अटैक से मौत हुई है। आंकड़ों का विश्लेषण करें, तो बीते 4 सालों में हर 72 मिनट में एक आदमी की मृत्यु का कारण हार्ट अटैक रहा है। कोविड संकट के बाद से हार्ट अटैक के आंकड़ों में वृद्धि दर्ज की गई है, जो जानकारों के लिए भी चिंता का विषय बना हुआ है।
समय रहते जीवनशैली में करें सुधार
मुंबईकरों में जिस गति से गैर संचारी बीमारी जैसे हार्ट अटैक, डायबिटीज, हाइपरटेंशन, किडनी फेल होने और कैंसर का प्रमाण बढ़ रहा है, यह चिंता का विषय बनता जा रहा है।नायर हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजिस्ट विभाग के प्रमुख प्रो। डाक्टर अजय चौरसिया ने कहा कि हम दिल की रोग के पैनडेमिक से गुजर रहे हैं। समय रहते यदि हमने अपनी जीवनशैली में सुधार नहीं किया, तो दिल बीमार और उससे होने वाली मृत्यु की संख्या बढ़ सकती है।
बीपी और शुगर जांच में हार्ट प्रॉब्लम
डॉक्टर ने कहा, ‘मेरे हिसाब से 25 की उम्र के बाद से ही एक बार आदमी को अपने लिपिड प्रोफाइल, ईसीजी, 2डी ईको करना चाहिए। यदि इस जांच में कोई अनियमितता आती है, तो समय पर आगे की जांच और उपचार हो सके। नॉन कम्युनिकेबल डिजीज (NCD) ओपीडी में रोगी के साथ आने वाले उनके घरवालों में से 35 प्रतिशत लोगों को डायबिटीज या फिर ब्लड प्रेशर की परेशानी डिटेक्ट हुई है।
इन लोगों को यह पता ही नहीं था कि उन्हें उक्त परेशानी है। जानकारी कम होने या फिर हेल्थ को तवज्जो नहीं देने के कारण यह रोगी आगे चलकर हार्ट अटैक या ब्रेन स्ट्रोक का शिकार होकर हॉस्पिटल पहुंचे हैं।