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सेमीकंडक्टर में बड़ी ताकत बनेगा भारत

केंद्र सरकार ने तीन सेमीकंडक्टर यूनिट्स के लिए स्वीकृति दी है। पिछले कुछ वर्षों में सेमीकंडक्टर्स की डिमांड तेजी से बढ़ी है। इसकी मैन्युफैक्चरिंग करने वाली कंपनियों की संख्या कम होने से डिमांड को पूरा करने में मुश्किल हो रही है। देश में तीन सेमीकंडक्टर यूनिट्स का कंस्ट्रक्शन जल्द शुरू हो जाएगा।

कम्युनिकेशंस, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्टर Ashwini Vaishnaw ने बताया, “प्रधानमंत्री ने देश में सेमीकंडक्टर यूनिट लगाने का एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। पहली यूनिट टाटा ग्रुप और पावरचिप-ताइवान की होगी। यह गुजरात के धोलेरा में लगेगी।” उन्होंने कहा कि इन तीनों यूनिट्स में कुल 1.26 लाख करोड़ रुपये का इनवेस्टमेंट होगा। अश्विनी का कहना था, “इससे 50,000 वेफर्स की मैन्युफैक्चरिंग होगी। इसकी वार्षिक मैन्युफैक्चरिंग 300 करोड़ चिप्स की होगी। पूर्वोत्तर में पहली सेमीकंडक्टर यूनिट असम में होगी।” इन यूनिट्स से लगभग 20,000 टेक्नोलॉजी जॉब्स और लगभग 60,000 इनडायरेक्ट जॉब्स मिलेंगी।

अश्विनी ने बताया, “देश में इन यूनिट्स के साथ सेमीकंडक्टर के लिए इकोसिस्टम स्थापित होगा। देश के पास चिप डिजाइन में मजबूत क्षमता है। इन यूनिट्स के साथ चिप फैब्रिकेशन में भी क्षमता बनेगी।” सेमीकंडक्टर की मैन्युफैक्चरिंग के लिए पिछले वर्ष केंद्र सरकार ने इंसेंटिव्स देने की घोषणा की थी। अमेरिकी कंपनी Micron Technology की भी देश में सेमीकंडक्टर्स की मैन्युफैक्चरिंग शुरू करने की योजना है। Micron Technology ने गुजरात के साणंद में एडवांस्ड सेमीकंडक्टर असेंबली प्लांट लगाने की तैयारी की है। इस प्लांट का कंस्ट्रक्शन Tata Projects करेगी। यह प्लांट 93 एकड़ में होगा। पिछले वर्ष प्रधानमंत्री मोदी ने देश में सेमीकंडक्टर की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने वालों को केंद्र सरकार की ओर से 50 प्रतिशत तक की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की थी।

मोदी ने कहा था कि उनकी सरकार ने सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री के लिए बहुत सी सुविधाएं दी हैं। उनका कहना था कि देश में सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री की जोरदार ग्रोथ होगी। सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री के लिए इकोसिस्टम तैयार किया जा रहा है। उन्होंने बताया था कि सेमीकंडक्टर डिजाइन पर कोर्सेज को शुरू करने के लिए 300 कॉलेज की पहचान की गई है। मोदी का कहना था कि दुनिया में हुई प्रत्येक औद्योगिक क्रांति के पीछे लोगों की महत्वाकांक्षाएं थी और वह मानते हैं कि चौथी औद्योगिक क्रांति का कारण भारत की महत्वाकांक्षाएं होंगी। Reliance Industries ने भी सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग में उतरने की योजना बनाई है। इसके लिए टेक्नोलॉजी पार्टनरशिप को लेकर कंपनी की विदेशी चिपमेकर्स के साथ बातचीत हो रही है। हालांकि, कंपनी ने इस बारे में फैसला नहीं किया है कि वह इस सेक्टर में इनवेस्टमेंट करना चाहती है या नहीं।

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