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Inheritance Tax: ‘विरासत टैक्स’ पर कांग्रेस का बड़ा दावा, कहा…

इंडियन ओवरसीज कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने जब अमेरिका में लगने वाले ‘विरासत टैक्स’ का जिक्र किया, तो बीजेपी ने उसे लोकसभा चुनाव में भुनाने में कोई कसर बाकी नहीं रखी. बुधवार को पीएम मोदी से लेकर बीजेपी के छोटे बड़े सभी नेता, इस मामले पर कांग्रेस पार्टी को घेरते हुए नजर आए. मुद्दे में बैकफुट पर भी आई. कांग्रेस पार्टी ने बोला कि ये पित्रोदा का निजी बयान है. 

हालांकि, कुछ ही घंटे बाद कांग्रेस पार्टी पार्टी के नेता जयराम रमेश ने बीजेपी पर पलटवार किया. कांग्रेस पार्टी नेता ने इल्जाम लगाया कि ‘विरासत टैक्स’ तो मोदी गवर्नमेंट लागू करना चाहती थी. जयराम रमेश ने बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय द्वारा किए गए एक ट्वीट का स्क्रीन शॉट वायरल कर दिया. उस ट्वीट में मालवीय ने लिखा था, ‘मैं विरासत में मिली संपत्ति पर कर लगाने के जयंत सिन्हा के विचार के पक्ष में हूं.

बतौर जयराम रमेश, मोदी गवर्नमेंट में तत्कालीन वित्त राज्य मंत्री रहे जयंत सिन्हा ने सार्वजनिक रूप से यह बोला था कि वो 2014 में इनहेरिटेंस टैक्स यानी ‘विरासत कर’ लागू करना चाहते थे. इतना ही नहीं, 1996 और 1999 के लोकसभा चुनावों के लिए बीजेपी के घोषणापत्र में यह था.

जयराम रमेश ने अपने ट्वीट में यह भी लिख दिया कि अब मालवीय अपने पुराने ट्वीट को डिलीट कर सकते हैं. कांग्रेस पार्टी नेता पवन खेड़ा ने भी ‘एक्स’ पर लिखा, अब मालवीय को यह अफसोस हो रहा होगा कि उन्होंने अपने उस ट्वीट को डिलीट क्यों नहीं किया. यूथ कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष श्रीनिवास बी ने भी लिख दिया, कसम है यदि तुमने ये ट्वीट डिलीट किया तो. बतौर जयराम रमेश, कांग्रेस पार्टी के न्यायपत्र में कहीं भी ‘पुनर्वितरण’ शब्द नहीं लिखा है, जबकि 1996 और 1999 के लोकसभा चुनावों के लिए बीजेपी ने जो घोषणापत्र जारी किया था, उसमें ‘पुनर्वितरण’ शब्द का उल्लेख था.

जयराम रमेश ने दो टूक बोला है कि विरासत कर लागू करने की कांग्रेस पार्टी की कोई योजना नहीं है. पीएम रहते हुए राजीव गांधी ने 1985 में एस्टेट ड्यूटी को समाप्त कर दिया था. सच तो यह है कि मोदी गवर्नमेंट ही ऐसा करना चाहती है. उन्होंने अपने इस बयान के पक्ष में कई तर्क दिए हैं. मोदी गवर्नमेंट में वित्त राज्य मंत्री रहे जयंत सिन्हा ने सार्वजनिक रूप से बोला था कि वो 2014 में इनहेरिटेंस टैक्स लागू करना चाहते थे. उसके बाद 2017 में ऐसी रिपोर्ट्स सामने आई थी कि मोदी गवर्नमेंट इनहेरिटेंस टैक्स को फिर से लागू करने जा रही है. वर्ष 2018 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इनहेरिटेंस टैक्स की प्रशंसा करते हुए बोला था, पश्चिमी राष्ट्रों में इस तरह के टैक्स से अस्पतालों और शिक्षण संस्थानों को काफी मात्रा में आर्थिक सहायता मिलता है. जयराम रमेश ने कहा, ऐसी न्यूज रिपोर्ट्स भी सामने आईं थी कि मोदी गवर्नमेंट केंद्रीय बजट 2019 में इनहेरिटेंस टैक्स पेश करेगी.

कांग्रेस नेता ने प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी से यह प्रश्न किया कि इस मामले पर आपकी पार्टी का स्टैंड क्या है. सैम पित्रोदा ने बोला था, अमेरिका में विरासत कर (टैक्स) लगता है. किसी के पास 100 मिलियन $ की संपत्ति है. यदि वो आदमी मर जाता है तो उसमें से सिर्फ़ 45 प्रतिशत संपत्ति ही उसके बच्चों को ट्रांसफर होगी. बाकी राज्य के पास चली जाएगी. यानी उसे गरीबों में बांट दिया जाता है. यह दिलचस्प कानून है. इसमें बोला गया है कि आपने अपनी पीढ़ी में जो संपत्ति बनाई है और अब जा रहे हैं तो ऐसे में आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए. पूरी नहीं, आधी, जो मुझे मुनासिब लगता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘विरासत कर’ के बयान को लेकर भारतीय ओवरसीज कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष सैम पित्रोदा और उनकी पार्टी पर निशाना साधा. मोदी ने कहा, यह पार्टी भावी पीढ़ियों के लिए बचत की संस्कृति को समाप्त करने की प्रयास कर रही है. छत्तीसगढ़ के सरगुजा में एक चुनावी रैली में बोलते हुए पीएम ने कहा- कांग्रेस पार्टी का पंजा (हाथ) लोगों द्वारा ‘कड़ी मेहनत’ से जमा की गई संपत्ति को उनके बच्चों से छीन लेगा. विपक्षी दल ने पारिवारिक वसीयत पर ‘कर’ लगाने की योजना बनाई है. मोदी ने जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की लोकप्रिय टैगलाइन को दोहराते हुए कहा, ‘कांग्रेस का मंत्र है, ‘जिंदगी के साथ भी और जीवन के बाद भी लूटो. पीएम ने कहा, कांग्रेस पार्टी लोगों पर जिंदा रहते हुए भी अधिक कर लगाएगी. जब आप जिंदा नहीं रहेंगे, तो यह आप पर विरासत कर का बोझ डालेंगे. जिन लोगों ने पूरी कांग्रेस पार्टी पार्टी को अपनी पैतृक संपत्ति माना और इसे अपने बच्चों को दे दिया, वे अब नहीं चाहते कि भारतीय अपनी संपत्ति अपने बच्चों को दें.

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