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Kamalnath Birthday : जानें, प्रसिद्ध व्यापारी से लेकर सीएम बनने तक का सफर

मध्य प्रदेश राज्य की राजनीति में कमलनाथ एक चर्चित नाम हैं कमल नाथ मध्य प्रदेश के सीएम रह चुके हैं, लेकिन बहुमत न होने के कारण मार्च, 2020 में उन्हें त्याग-पत्र देना पड़ा लेकिन राज्य के अतिरिक्त कमलनाथ केंद्रीय राजनीति में भी एक जाना-पहचाना नाम हैं, क्योंकि वे अस्सी के दशक से केंद्रीय राजनीति में एक्टिव हैं कांग्रेस पार्टी द्वारा बनाई गई सरकारों में उन्हें कई बार केंद्रीय मंत्री भी बनाया गया और उन्होंने कई बड़े मंत्रालय भी चलाए इतना ही नहीं 16वीं लोकसभा में प्रोटेम स्पीकर की भी नियुक्ति कर दी गई है उनकी सियासी पहुंच का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा लोकसभा से नौ बार निर्वाचित हुए हैं और वर्तमान में कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता माने जाते हैं इस आर्टिकल में हम आपको वरिष्ठ कांग्रेस पार्टी नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमल नाथ की जीवनी के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं

कमल नाथ का जन्म एवं परिवार

कमल नाथ का जन्म 18 नवंबर, 1946 को कानपुर, यूपी (ब्रिटिश काल में) में हुआ था कमल नाथ राष्ट्र के उन नेताओं में से हैं जिनका जन्म आजादी से पहले हुआ था उनके पिता का नाम महेंद्र नाथ और माता का नाम लीला था उनकी माँ एक साधारण गृहिणी थीं जबकि उनके पिता एक मशहूर उद्योगपति थे उनके पिता, महेंद्र नाथ ने फिल्मों की प्रदर्शनी, वितरण, प्रकाशन और व्यापार में शामिल एक फर्म की स्थापना की

कमल नाथ एक अमीर परिवार से हैं और उनके दादा केदार नाथ भी एक व्यापारी थे उनका ज्वेलरी का बिजनेस था ऐसा बोला जाता है कि कमल नाथ के जन्म के कुछ समय बाद, उनका परिवार बड़े व्यापारिक अवसरों की तलाश में कानपुर छोड़कर बंगाल में बस गया और उनके दादा केदार नाथ ने सबसे पहले अतरचेडी गांव में एक कोठी बनवाई, जो आज भी वहां उपस्थित है बाद में उनका परिवार गांव छोड़कर बंगाल की राजधानी कोलकाता में बस गया कोलकाता में रहकर उनके दादा ने अपना कारोबार बढ़ाया और यही आर्थिक समृद्धि कमल नाथ की कामयाबी के लिए मिल का पत्थर साबित हुई बाद में कमल नाथ ने 27 जनवरी 1973 को अलका नाथ से विवाह कर ली उनके दो बेटे हैं, उनके नाम नकुल नाथ और बकुल नाथ हैं कमल नाथ हिंदू धर्म का पालन करते हैं वह जाति से खत्री (पंजाबी) हैं

कमल नाथ शिक्षा

कमल नाथ ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा देहरादून के मशहूर बोर्डिंग विद्यालय – ‘दून स्कूल’ से पूरी की आपको बता दें, यह वह विद्यालय है जहां राष्ट्र की प्रसिद्ध शख़्सियतों के बच्चे पढ़ते थे और राजीव गांधी, संजय गांधी और अमिताभ बच्चन जैसी शख़्सियतों ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा इसी विद्यालय से प्राप्त की थी कमल नाथ का परिवार भी एक बहुत अमीर परिवार हुआ करता था और यही कारण था कि कमल नाथ की प्रारंभिक शिक्षा एक बोर्डिंग विद्यालय में हुई जहाँ एक सामान्य घर के बच्चे के लिए यह अकल्पनीय था

कमल नाथ की यह बोर्डिंग विद्यालय की शिक्षा उन्हें राजनीति में बड़ा चेहरा बनाने में मददगार साबित हुई कारण यह था कि जिस समय कमल नाथ वहां पढ़ रहे थे, उस समय पीएम इंदिरा गांधी के दोनों बेटे और कांग्रेस पार्टी के तात्कालिक आलाकमान राजीव गांधी और संजय गांधी भी वहां पढ़ रहे थे और कमल नाथ की उन दोनों से दोस्ती हो गई जो बाद में उन्हें सीधे राजनीति में लाने और शीर्ष पर पहुंचाने में मददगार साबित हुआ देखने वाली बात यह थी कि कमल नाथ और संजय गांधी के बीच दोस्ती इस स्तर पर थी कि तत्कालीन कांग्रेस पार्टी आलाकमान और पीएम इंदिरा गांधी कमल नाथ को अपना तीसरा बेटा मानती थीं हालाँकि, बाद में कमल नाथ ने अपनी कॉलेज की पढ़ाई कोलकाता में पूरी की और 1968 में सेंट जेवियर्स कॉलेज, कोलकाता यूनिवर्सिटी से बीकॉम पूरा किया

कमल नाथ का सियासी करियर

कमल नाथ का सियासी यात्रा अस्सी के दशक में प्रारम्भ माना जाता है, लेकिन वह सत्तर के दशक से ही कांग्रेस पार्टी के शीर्ष परिवार में शामिल हो गये थे इसीलिए उन्हें राजनीति खासकर कांग्रेस पार्टी में अन्य सामान्य नेताओं की तरह कोई पापड़ नहीं बेलना पड़ा कमल नाथ ने अपने जीवन का पहला चुनाव साल 1980 में मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र से जीतकर जीता इसके बाद कमलनाथ लगातार आगे बढ़ते गए 1985 में दूसरी बार आठवीं लोकसभा के लिए, 1989 में तीसरी बार नौवीं लोकसभा के लिए और फिर 1991 में दसवीं लोकसभा के लिए छिंदवाड़ा से सांसद बने

1991 में वह पहली बार केंद्रीय मंत्री भी बने फिर वह लगातार कांग्रेस पार्टी की विभिन्न सरकारों में केंद्रीय मंत्री बनते रहे विभाग भले ही अलग था, लेकिन कांग्रेस पार्टी में उनका कद ऊंचा था गांधी परिवार से निकटता के कारण उनका सियासी उत्थान जारी रहा और 17 दिसंबर 2018 को कमलनाथ मध्य प्रदेश जैसे राष्ट्र के प्रमुख राज्य के 18वें सीएम बने लेकिन विधानसभा में कांग्रेस पार्टी पार्टी का बहुमत खो जाने के कारण उन्हें 20 मार्च, 2020 को मध्य प्रदेश के सीएम पद से त्याग-पत्र देना पड़ा अभी राज्य में भाजपा की गवर्नमेंट है और शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश के सीएम हैं लेकिन राज्य में अभी भी कमलनाथ को कांग्रेस पार्टी का बड़ा चेहरा माना जाता है और कांग्रेस पार्टी को कमल नाथ और उनकी राजनीति पर पूरा भरोसा है राज्य के सीएम पद से त्याग-पत्र देने के बाद कमल नाथ मार्च 2020 से अप्रैल 2022 तक मध्य प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे हैं

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