जानें, UPSC क्लियर होने के बाद कितने दिनों की होती हैं IPS की ट्रेनिंग
यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) के लिए जिन उम्मीदवारों को भारतीय पुलिस सर्विस (IPS) के लिए चुना जाता है, उन्हें काफी कठिन ट्रेनिंग दी जाती है. केवल यूपीएससी क्लियर करने से राष्ट्र को आईपीएस अधिकारी नहीं मिलता. कम लोग जाते हैं, यूपीएससी परीक्षा में पास होने के बाद से लगभग दो वर्ष बाद एक आईपीएस अधिकारी तैयार होता है. आइए इस बारे में विस्तार से जान लेते हैं ट्रेनिंग के बारे में.
आईपीएस का फुल फॉर्म भारतीय पुलिस सर्विस है. आईपीएस का कार्य राष्ट्र में कानून और प्रबंध बनाए रखना है. सबसे पहले आपको बता दें, आईपीएस ट्रेनिंग को चार भागों में बांटा गया है. ये चार भाग इस प्रकार है.
– फाउंडेशन कोर्स (LBSNAA, मसूरी)- तीन महीने के लिए
– फेज I ट्रेनिंग- नेशनल पुलिस एकेडमी सरदार वल्लभभाई पटेल (SVPNPA), हैदराबाद (ट्रेनिंग का समय 11 महीने का होता है)
– डिस्ट्रिक्ट प्रैक्टिकल ट्रेनिंग (6 महीने के लिए)
– फेज II ट्रेनिंग- नेशनल पुलिस एकेडमी सरदार वल्लभभाई पटेल (SVPNPA), हैदराबाद (ट्रेनिंग का समय 1 महीने का होता है)
ऐसे होती है ट्रेनिंग
– जब उम्मीदवार यूपीएससी की परीक्षा पास करते हैं, तो सबसे पहले उन्हें फाउंडेशन कोर्स के लिए लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (LBSNAA) भेजा जाता है. इस कोर्स का समय 3 महीने का होता है.
– इस कोर्स को पूरा होने के बाद आईपीएस पद के लिए चुने गए उम्मीदवारों को नेशनल पुलिस एकेडमी सरदार वल्लभभाई पटेल (SVPNPA), हैदराबाद भेजा जाता है. यहां ट्रेनिंग का समय 11 महीने का होता है.
– SVPNPA, हैदराबाद में फेज I के 11 महीने की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद आईपीएस अधिकारी ट्रेनी को अपने कैडर के एक जिले में 6 महीने की ट्रेनिंग के लिए भेजा जाता है. जिसे पूरा करने के बाद ऑफिसरों को फिर से SVPNPA में जाना होता है.
– डिस्ट्रिक्ट प्रैक्टिकल ट्रेनिंग पूरी होने के बाद ऑफिसरों को एक महीने के लिए फिर से SVPNPA, हैदराबाद लौटना पड़ता है. यहां उनकी फाइनल ट्रे्निंग होती है. जिसके बाद 1 वर्ष 9 महीने की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद राष्ट्र के लिए आईपीएस अधिकारी तैयार किया जाता है. अंत में उन्हें जिला कैडर दे दिया जाता है और राष्ट्रपति भवन में शपथ दिलवाई जाती है.