जानें वो किस्सा, जब जोशी ने बालासाहेब के एक आदेश पर दिया था CM पद से इस्तीफा
नागपुर: महाराष्ट्र के पूर्व सीएम मनोहर जोशी (Manohar Joshi) के मृत्यु से सियासी गलियारों में शोक फैल गया है. हिंदू दिल सम्राट बालासाहेब ठाकरे (Balasaheb Thackeray) के सच्चे शिवसैनिक के तौर पर जाने जाने वाले मनोहर जोशी ने दुनिया को अलविदा कद दिया. जोशी एक संस्कारीन और संयमी नेता थे, वे अपने सौम्य स्वभाव के लिए जाने जाते थे. उन्होंने 40 वर्षों तक शिवसेना के लिए काम किया.
शिवसेना के प्रमुख नेताओं में से एक मनोहर जोशी थे, उनके मन में बाला साहब को लेकर बहुत आदर था. इसकी एक प्रसिद्ध कहानी यह है कि मातोश्री से आये हिंदुहृदयसम्राट के एक आदेश पर मनोहर जोशी ने सीएम पद से त्याग-पत्र (Resigned from the post of सीएम ) दे दिया था. आइए जानते है इस दिलचस्प किस्से के बारे में…
समर्पण और सम्मान का किस्सा
जानकारी के लिए आपको बता दें कि वर्ष 1995 में राज्य में बीजेपी और शिवसेना गठबंधन अस्तित्व में आया. इस गवर्नमेंट में बाला साहेब ठाकरे के आदेश पर मनोहर जोशी को शिवसेना का पहला सीएम नियुक्त किया गया था. 1995 में मनोहर जोशी ने शिवाजी पार्क मैदान में सीएम पद की शपथ ली.
मनोहर जोशी पर आरोप
लेकिन 1999 में उन्हें सीएम पद से हटना पड़ा. इसके पीछे का जो किस्सा है उसे आज भी लोग भूले नहीं है. जी हां दरअसल मनोहर जोशी पर इल्जाम था कि उन्होंने होने दामाद गिरीश व्यास के विद्यालय के लिए पुणे में एक प्लॉट आरक्षित किया है. इन आरोपों को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति गरमा गई है. जिसके बाद बाला साहेब ठाकरे ने मनोहर जोशी को सीएम पद से त्याग-पत्र देने के लिए कहा.
एक आदेश पर छोड़ा सीएम पद
बता दें कि उसी समय बाला साहेब ठाकरे ने मनोहर जोशी को संदेश भेजा. जिसमें लिखा था, “प्रिय मुख्यमंत्री, आप अभी जहां भी हों, कृपया सब कुछ बंद कर दें और तुरंत अपना त्याग-पत्र गवर्नर को सौंप दें. फिर मुझसे मिलने आएं.” बालासाहेब के इस एक फरमान पर मनोहर जोशी ने महाराष्ट्र का सीएम पद छोड़ा.