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जानें, कब दिखेगा 54 साल बाद लगने वाला ये सूर्य ग्रहण

इस वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण लगने में अब बस कुछ ही दिन बचा हुआ है. ऐसे में क्या आपको मालूम है कि ये सूर्य ग्रहण कई मायनों में बहुत खास है. बता दें, आनें वाले 8 अप्रैल यानी सोमवार को सूरज पर लगने वाला ग्रहण पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा. मतलब अब तक सबसे लंबा लगने वाला पूर्ण सूर्य ग्रहण, जो 54 वर्ष बाद लगने वाला है. तो चलिए बताते हैं आपको कि, आखिर ये पूर्ण सूर्य ग्रहण क्या होता है और ये सूर्य ग्रहण किन मायनों में खास बताया जा रहा है…?

सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है. चंद्रमा के सूरज और पृथ्वी के बीच आने वाली घटना को सूर्य ग्रहण बोला जाता है. इस बार का सूर्य ग्रहण, चैत्र मास की अमावस्या के दिन लगने जा रहा है. यह ग्रहण सोमवार यानी 8 अप्रैल को रात 9 बजकर 12 मिनट पर प्रारम्भ होगा और रात 2 बजकर 22 मिनट पर खत्म हो जाएगा. इस सूर्यग्रहण के बीच का समय रात 11 बजकर 47 मिनट पर होगा. तब ये अपने पूरे रूप में होगा, इसलिए इसे पूर्ण सूर्यग्रहण बोला जाता है.  अब क्योंकि इस बार के सूर्य ग्रहण की अवधि 05 घंटे 10 मिनट की होगी, इसलिए पिछले 54 वर्ष में लगने वाला ये सबसे लम्बा सूर्य ग्रहण होगा. जो मीन राशि और रेवती नक्षत्र में लगने वाला है. मगर ये हिंदुस्तान में नहीं दिखाई देगा. इसलिए इस ग्रहण का सूतक काल हिंदुस्तान के लोगों पर मान्य नहीं होगा.

इसके ज्योतिष शास्त्र में क्या अर्थ हैं चलिए वो भी जान लेते है…

ज्योतिष शास्त्र के हिसाब से लोगों के जीवन पर इस सूर्य ग्रहण का असर पूरी तरह से पड़ता है. शास्त्रों की माना जाए तो ग्रहण जहां लगता है और जहां नजर आता है इसका असर भी वहीं पड़ता है. ऐसे में क्यूंकि ग्रहण हिंदुस्तान में नहीं दिखेगा इसलिए, इसका सूतक काल भी हिंदुस्तान में मान्य नहीं होगा. यानी इस ग्रहण के दौरान हिंदुस्तान में रहने वाले सभी लोगों के लिए दिनचर्या में कोई परिवर्तन करना जरूरी नहीं है.

पूर्ण सूर्य ग्रहण क्या होता है?

ऐसा समय जब पृथ्वी, सूर्य तथा चंद्रमा एक सीधी लाइन में आते हैं, जिसके वजह से पृथ्वी का एक हिस्सा में पूरी तरह से अंधेरा छा जाता है. इसी को पूर्ण सूर्य ग्रहण बोला जाता है. अन्य ग्रहणों से हटकर आप इसे खुली आंखों से बिना किसी यंत्र के भी देख सकते हैं. मगर इस ग्रहण का लुफ्त हिंदुस्तान के लोग नहीं उठा पाएंगे.

54 वर्ष बाद सबसे लंबा लगने वाला सूर्य ग्रहण

इस बार का आनें वाले 8 अप्रैल को लगने वाला ग्रहण पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा और ये सूर्य ग्रहण काफी लंबा बताया जा रहा है, जो की पूरे 54 वर्ष बाद लगने वाला है. मगर इस ग्रहण को हिंदुस्तान के लोग नहीं देख पाएंगे. ये ग्रहण कनाडा, उत्तरी अमेरिका, मैक्सिको में दृश्यमान होगा. इसके अतिरिक्त कोस्टा रिका, क्यूबा, डोमिनिकन, फ्रेंच पोलिनेशिया, जमैका में भी इस ग्रहण को देखा जा सकेगा. जिसकी आरंभ दक्षिणी प्रशांत महासागर से होगी.

इस सूर्य ग्रहण के दौरान क्या नहीं करना चाहिए

  1. किसी सुनसान जगह, जैसे श्मशान घात और कब्रिस्तान जैसी जगहों पर अकेले नहीं जाना चाहिए. ऐसी मान्यता है कि इस दौरान नकारात्मक शक्तियां काफी हावी रहती है.
  2. ग्रहण के दौरान सोना नहीं चाहिए.
  3. ग्रहण के दौरान सुई में धागा नहीं लगाना चाहिए.
  4. ग्रहण के दौरान कहीं भी यात्रा नहीं करना चाहिए.
  5. साथ ही शारीरिक संबंध बनाने की भी मनाही होती है.

सूर्य ग्रहण के दौरान क्या-क्या करना चाहिए

  1. सूर्य ग्रहण के बाद लोगों को गंगाजल से स्नान करना चाहिए.
  2. साथ ही पूरे घर और देवी देवताओं को सही करना भी जरूरी होता है.
  3. वहीं ग्रहण के समय नंगी आंखों से सूर्य को देखने से बचना जरूरी होता है.
  4. ऐसे समय पर बाहर जाने से बचने के साथ ही ध्यान रखें कि आप कोई भी गलत काम न करें.
  5. ग्रहण के बाद ईश्वर हनुमान जी की उपासना करें.

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