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‘शाहबानो की तरह राम मंदिर पर कोर्ट का फैसला भी पलट देंगे राहुल गांधी : आचार्य प्रमोद कृष्णम

नई दिल्ली: पूर्व कांग्रेस पार्टी नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने दावा किया है कि उच्चतम न्यायालय द्वारा राम मंदिर टकराव पर अपना निर्णय सुनाए जाने के बाद, कांग्रेस पार्टी नेता राहुल गांधी ने बोला था कि यदि पार्टी सत्ता में आती है तो वह शाह बानो के निर्णय की तरह इस निर्णय को भी पलट देंगे. प्रियंका गांधी के सलाहकार रह चुके आचार्य प्रमोद कृष्णम ने बोला कि, “मैंने कांग्रेस पार्टी में 32 वर्ष से अधिक समय बिताया है और जब राम मंदिर का निर्णय आया, तो राहुल गांधी ने अपने करीबी सहयोगियों के साथ बैठक में बोला था कि कांग्रेस पार्टी गवर्नमेंट बनने के बाद, वे एक महाशक्ति आयोग बनाएंगे और राम मंदिर के निर्णय को पलट देंगे. जैसे राजीव गांधी ने शाह बानो पर उच्चतम न्यायालय के निर्णय को पलट दिया था.

पूर्व कांग्रेस पार्टी नेता आचार्य प्रमोद ने बोला कि राहुल गांधी ने यह बयान अपने करीबी सहयोगियों के बीच एक बैठक में दिया, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) स्थित पार्टी के एक वकील भी शामिल थे. गौरतलब है कि 1985 में, उच्चतम न्यायालय ने इंदौर की एक मुसलमान स्त्री शाह बानो के पक्ष में निर्णय सुनाया था, जिसने तलाक के बाद अपने पति से गुजारा भत्ता मांगा था, लेकिन तत्कालीन पीएम राजीव गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस पार्टी गवर्नमेंट ने एक अधिनियम के माध्यम से उच्चतम न्यायालय का निर्णय पलट दिया था. उस समय राजीव गांधी गवर्नमेंट में मंत्री रहे आरिफ मोहम्मद खान आज भी कहते हैं कि, कट्टरपंथियों के दबाव के कारण कांग्रेस पार्टी गवर्नमेंट ने सुरुप्रेमे न्यायालय का निर्णय पलट दिया था, जबकि ये कानून और इस्लाम, दोनों के हिसाब से ठीक निर्णय था. आरिफ खान कहते हैं कि, शाह बानो को गुजारा भत्ता मिलना चाहिए था, लेकिन गवर्नमेंट कट्टरपंथियों और मौलवियों के आगे झुक गई. राजीव गवर्नमेंट के इस निर्णय के विरोध में आरिफ मोहम्मद ने मंत्री पद से त्याग-पत्र दे दिया था, फ़िलहाल खान केरल के गवर्नर हैं.

वहीं, पिछले सप्ताह कृष्णम ने दावा किया था कि पार्टी जल्द ही प्रियंका गांधी और राहुल गांधी के दो गुटों में बंट जाएगी. उन्होंने बोला था कि, “जिस तरह से राहुल गांधी ने अमेठी छोड़ा है, उससे कांग्रेस पार्टी पार्टी के कार्यकर्ताओं का आत्मशक्ति गिरा है. प्रियंका गांधी चुनाव नहीं लड़ रही हैं, यह अब उनके समर्थकों के दिलों में ज्वालामुखी का रूप ले रहा है जो 4 जून के बाद फूटेगा. कांग्रेस पार्टी फिर से कमजोर होकर दो गुटों में बंट जाएगी, एक राहुल गांधी का और दूसरा प्रियंका गांधी का. मुझे लगता है कि राहुल गांधी को रायबरेली के बजाय रावलपिंडी से चुनाव लड़ना चाहिए, क्योंकि उनकी लोकप्रियता और मांग पाक में बढ़ रही है.” दरअसल, पाक के पूर्व मंत्री फवाद चौधरी लगातार राहुल गांधी का समर्थन कर रहे हैं, वो कह चुके हैं कि बीजेपी को सत्ता में नहीं आना चाहिए, राहुल ठीक कर रहे हैं. वहीं, राहुल गांधी के बयान भी  पाकिस्तानी मीडिया में सुर्खियां बटोरते हैं, कुछ बार पाकिस्तानी नेताओं ने राहुल के बयान का इस्तेमाल तरराष्ट्रीय मंच पर हिंदुस्तान को बदनाम करने के लिए भी किया है.

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