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Lok Sabha Elections 2024: हाईकोर्ट ने डीके शिवकुमार को दी अंतरिम राहत

बेंगलुरु: कर्नाटक हाई कोर्ट ने लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के आरोपों का सामना कर रहे उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार को अंतरिम राहत दी है.

न्यायमूर्ति कृष्ण एस दीक्षित ने उनके विरुद्ध दर्ज एफआईआर को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर संबंधित ऑफिसरों को अगली सुनवाई तक उनके विरुद्ध आगे की कार्रवाई करने से परहेज करने का निर्देश दिया. मुद्दा 19 अप्रैल को भारतीय चुनाव आयोग में बीजेपी की कम्पलेन के बाद दर्ज किया गया था, जिसमें इल्जाम लगाया गया था कि शिवकुमार, जो कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं, ने मतदाताओं को ब्लैकमेल करने का कोशिश किया था. बीजेपी ने दावा किया कि राजराजेश्वरी नगर में एक चुनावी भाषण के दौरान, अपने भाई और लोकसभा उम्मीदवार डीके सुरेश के लिए प्रचार करते हुए, शिवकुमार ने मतदाताओं से कांग्रेस पार्टी को वोट देने के बदले में कावेरी जल आपूर्ति और अधिभोग प्रमाणपत्र देने का वादा किया था.

आपत्ति व्यक्त करते हुए, कोर्ट ने प्रश्न किया कि क्या शिवकुमार के नाम पर की गई टिप्पणी भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 171बी (रिश्वतखोरी) और 171सी (चुनावों पर अनुचित प्रभाव) के अनुसार क्राइम होगी. न्यायाधीश ने मुद्दे पर गहराई से विचार करने की जरूरत पर बल दिया और जानना चाहा कि क्या शिवकुमार के बयान आरोपित धाराओं के मापदंडों पर पूरी तरह खरे उतरते हैं. हालाँकि, न्यायालय ने शिवकुमार के वकील से बोला कि वह अपने मुवक्किल को अपने भाषणों में अधिक सावधान रहने की राय दें.

इसके अतिरिक्त, इसने शिवकुमार को भेजे गए नोटिस का उत्तर देने के लिए चुनाव आयोग द्वारा दिए गए समय के बारे में भी चिंता जताई. शिवकुमार को अंतरिम राहत देते हुए, कोर्ट ने चुनावी भाषणों के गिरते मानकों पर निराशा व्यक्त की और बोला कि गुणवत्ता, सामग्री और प्रस्तुति ‘बेहद कम’ हो गई है. न्यायमूर्ति दीक्षित ने टिप्पणी की कि यह अनिश्चित है कि क्या ऐसे मानक और खराब हो सकते हैं. न्यायालय ने शिवकुमार के वकील का आश्वासन दर्ज किया कि कांग्रेस पार्टी नेता को अपनी टिप्पणियों पर सावधानी बरतने की राय दी गई थी.

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