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Madhya Pradesh: अमित शाह का दिग्विजय पर तंज, बोले…

मतदाताओं से कांग्रेस पार्टी नेता दिग्विजय सिंह को ‘स्थायी’ चुनावी विदाई देने का आग्रह करते हुए, केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को फिदवी लाहौरी के एक मशहूर उर्दू दोहे का इस्तेमाल किया और मध्य प्रदेश के राजगढ़ में लोगों से उन्हें रिकॉर्ड अंतर से हराने की अपील की. उन्होंने मतदाताओं से बीजेपी प्रत्याशी रोडमल नागर को भारी जीत दिलाने का आह्वान किया. रायगढ़ में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए शाह ने बोला कि अब समय आ गया है कि उन्हें (दिग्विजय सिंह) राजनीति से स्थाई विदाई दी जाए. मेरी आप सभी से एक प्रार्थना है कि उनकी स्थाई विदाई करो, लेकिन- आशिक का जनाज़ा है ज़रा झूम के निकले… और इसके लिए आपको भारी मतों के अंतर से उनकी हार सुनिश्चित करनी होगी. राजगढ़ की जनता इन्हें घर बैठा दे.

अनुभवी कांग्रेस पार्टी नेता दिग्विजय सिंह 33 वर्ष के अंतराल के बाद राजगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से आम चुनाव लड़ रहे हैं, जिसे उनका क्षेत्र माना जाता है. दिग्विजय पर वार करते हुए अमित शाह ने बोला कि दिग्गी राजा की राय से अपने घोषणा पत्र में बोला है कि कांग्रेस पार्टी गवर्नमेंट आएगी, तो मुसलमान पर्सनल लॉ लाएंगे. इनकी गवर्नमेंट तो आनी नहीं है, मगर मैं फिर भी आपसे पूछता हूं कि क्या शरिया कानून से राष्ट्र चलना चाहिए? ये कांग्रेस पार्टी पार्टी पर्सनल लॉ की बात करके, पिछले दरवाजे से राष्ट्र में शरिया कानून लाने की बात करती है.

भाजपा नेता ने बोला कि दिग्विजय सिंह ने भगवा आतंकवाद शब्द बोला था. ये पाकिस्तानी आतंकी हाफिज सईद को साहब कहकर बुलाते हैं, जाकिर नाइक को गले लगाते हैं, अफजल गुरु की फांसी का विरोध करते हैं और PFI पर बैन का भी विरोध करते हैं. उन्होंने बोला कि ये बहुत बार आए और बहुत बार गए. अब समय आ गया है, इनको परमानेंट विदाई देने का. राजनीति से दिग्विजय सिंह की परमानेंट विदाई राजगढ़ वालों को करनी है.

शाह ने बोला कि कांग्रेस पार्टी 70 वर्ष से राम मंदिर के मामले को अटका रही थी, लटका रही थी, भटका रही थी. आपने मोदी जी को दूसरी बार पीएम बनाया, उन्होंने 5 वर्ष में ही मुकदमा भी जीता, भूमिपूजन भी किया और 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा कर जय श्रीराम कर दिया. उन्होंने बोला कि राहुल बाबा को प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण भेजा गया, लेकिन वो नहीं गए. क्योंकि ये अपनी वोटबैंक से डरते हैं. जो निमंत्रण मिलने के बाद न मंदिर गए, न अयोध्या गए, इन लोगों को कभी माफ नहीं किया जा सकता.

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