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ममता बनर्जी : TMC के 10 नेता PM से कर चुके हैं मुलाकात

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी से आज सुबह (20 दिसंबर) मुलाकात की. उन्होंने पश्चिम बंगाल में केंद्र से मिलने वाले फंड को रोके जाने की कम्पलेन की. इस मामले पर पीएम ने ममता बनर्जी से कहा है- राज्य और केंद्र के अधिकारी इस मामले को सुलझाएंगे. मीटिंग  के उपरांत ममता ने कहा है कि केंद्र ने गरीबों का पैसा रोक दिया है. INDIA के पीएम कैंडिडेट को लेकर पूछे गए प्रश्न पर उन्होंने कहा- मैंने ही मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम की सिफारिश की थी.

ममता बनर्जी ने कहा है कि तृण मूल काँग्रेस के 10 नेता पीएम से मुलाकात कर चुके हैं. हमें 100 दिन का बकाया फंड नहीं दिया जा रहा है. कई योजनाएं भी हैं जिसका फंड को रोक दिया है. मीटिंग में हमने कहा है कि – गरीबों का पैसा रोकना ठीक नहीं है. हालांकि, प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने मेरी बात को ध्यान से सुना और कहा है कि केंद्र और स्टेट सरकार के अधिकारी आपस में बैठकर तय करेंगे. ममता ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला है कि- एक लाख 16 हजार करोड़ रुपए बाकी है जो केंद्र राज्य को नहीं दे रहा है.

ममता ने कहा है कि- अरविंद केजरीवाल ने खड़गे को पीएम फेस बनाने का समर्थन किया पीएम कैंडिडेट को लेकर ममता बनर्जी ने कहा है कि- गठबंधन से भी पीएम के लिए कोई फेस होना चाहिए. इसलिए मैंने मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम दे दिया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसका समर्थन भी किया था. मिमिक्री मुकदमा को लेकर ममता बनर्जी ने कहा है कि इस मामले पर तृण मूल काँग्रेस का संसदीय दल फैसला कर रहा है. इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगी. यदि राहुल वीडियो नहीं बनाते तो पता नहीं चलता.

I.N.D.I.A के नेताओं की चौथी बैठक मंगलवार (19 दिसंबर) दिल्ली के अशोका होटल में की गई. जिसमे पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने प्राहड़ना मंत्री चेहरे के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम का सुझाव रखा. अरविंद केजरीवाल ने इसका समर्थन भी किया. यह जानकारी बैठक के बाद MDMK (मरूमलारची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम) के सांसद वाइको ने ही दी भाई. हालांकि पीएम फेस के प्रश्न पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने खामोशी साध ली.

पत्रकारों के प्रश्न के उत्तर में खड़गे ने कहा कि- पहले हम सभी को लोगों को जीतकर आना है, इसके उपरांत इस पर विचार होगा. इस पर काम करेंगे. यदि हमारे पास सांसद नहीं होंगे तो पीएम के चेहरे के बारे में बात करके हम क्या करेंगे. बैठक में कांग्रेस पार्टी नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और RLD से जयंत चौधरी भी थे.

मीटिंग में 28 पार्टियों ने हिस्सा लिया: मीटिंग के उपरांत  मल्लिकार्जुन खड़गे ने बोला है कि चौथी मीटिंग में 28 पार्टियों ने भाग लिया. नेताओं ने अपने विचार गठबंधन के सामने रख दिया. लोगों के भलाई में सबको मिलकर अपना काम करना है या मामले को उठाना है. पूरे राष्ट्र में कम से कम 8-10 मीटिंग करने का फैसला हुआ है. बीजेपी गवर्नमेंट में राष्ट्र की संसद से सांसदों को निलंबित किया जा रहा है. यह अलोकतांत्रिक है. इसके लिए सबको मिलकर लड़ना होगा जिसके लिए हम तैयार हैं.

बैठक में इन पांच मुद्दों पर चर्चा हुई: बता दें कि सीट शेयरिंग फॉर्मूला फाइनल करना बैठक में 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर सीट शेयरिंग का मामला चर्चा का केंद्र रहा. बीजेपी के खिलाफ 400 सीटों पर कॉमन कैंडिडेट उतारने के टारगेट पर बात की. वहीं, कांग्रेस पार्टी का कोशिश है कि वह 275 से 300 सीटों पर अपने कैंडिडेट उतारे. पार्टी अन्य दलों को केवल 200-250 सीटें देने के पक्ष में है.

कोऑर्डिनेटर कौन होगा? मीटिंग में I.N.D.I.A के कोऑर्डिनेटर के नाम पर भी बात हुई. इसके लिए उद्धव ठाकरे, ममता बनर्जी, नीतीश कुमार के नामों पर विचार भी कर सकते है. वैकल्पिक एजेंडा और मामले क्या होने वाले है? बैठक में रणनीति बनाई गई कि बीजेपी के सनातन और भगवा जैसे मुद्दों के उत्तर में वे किन मुद्दों को लेकर जानता के मध्य जाएं. मोदी और बीजेपी विरोध से हटकर I.N.D.I.A के पास राष्ट्र के लिए क्या प्लान है, इस पर भी बात हुई. चुनाव अभियान और मैनेजमेंट I.N.D.I.A के नेताओं ने चर्चा कि कैंडिडेट फाइनल होने के बाद लोकसभा चुनाव के लिए टोन कैसे सेट कर दिया जाए. कहां कितनी रैलियां होंगी और स्टार कैम्पेनर कौन होने वाले है. चुनाव अभियान की ब्रांडिंग कैसे होगी, इसके लिए किन एजेंसियों की सहायता ली जा सकती है. सदन से सांसदों के निलंबन पर चर्चा बैठक में लोकसभा और राज्यसभा से 141 सांसदों के निलंबन पर भी बात की गई है. विपक्षी दलों ने सांसदों के सस्पेंशन की आलोचना की.

कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए नेशनल अलायंस कमेटी बनाई:  इतना ही नहीं बैठक से पहले कांग्रेस पार्टी ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए 5 मेंबर्स की नेशनल अलायंस कमेटी भी बनाई गई है. अशोक गहलोत, भूपेश बघेल, सलमान खुर्शीद और मोहन प्रकाश इसके मेंबर्स हैं. मुकुल वासनिक को कमेटी का संयोजक बना दिया गया.

सामना ने लिखा- I.N.D.I.A को संयोजक की जरूरत: बैठक से पहले शिवसेना के मुखपत्र सामना ने लिखा, “हमारे पास पीएम पद के लिए बहुत सारे चेहरे हैं चॉइस ही चॉइस है, यह बोलना सिर्फ़ दिल बहलाने के लिए ख्याल अच्छा है. I.N.D.I.A को एक समन्वयक की आवश्यकता है, एक चेहरे की आवश्यकता है. 19 तारीख की बैठक में फैसला लेना होगा और उसके बाद ही अगला कदम उठाना होगा. 2024 के लिए इण्डिया ब्लॉक का चेहरा कौन? मोदी के सामने कौन? इन सभी प्रश्नों का उत्तर देना होगा.

कांग्रेस जीत का केक अकेले खाना चाहती है: सामना: “5 राज्यों में हुए चुनाव में तीन राज्य I.N.D.I.A ने नहीं बल्कि कांग्रेस पार्टी ने खो दिए है, कांग्रेस पार्टी जीत का केक अकेले खाना चाहती थी इसलिए राज्य की छोटी पार्टियों को I.N.D.I.A से दूर रखा गया, मध्य प्रदेश में अखिलेश यादव को जानबूझकर दूर ही रखा है.
अब ऐसा कहा जाने लगा है कि जहां कांग्रेस पार्टी स्वयं के दम पर जीतने की आसार रखती है वहां पर वह किसी और को साथ लेने को तैयार नहीं होती और अपने अहंकार के साथ-साथ I.N.D.I.A को भी नुकसान पहुंचती है.

लेख में कांग्रेस पार्टी को नसीहत- I.N.D.I.A का महत्व समझें:  बता दें कि “कांग्रेस को युति का महत्व समझना चाहिए. यह अच्छा है कि कांग्रेस पार्टी ने इस बैठक की पहल की, लेकिन यह देखना जरूरी होने वाला है कि कांग्रेस पार्टी के निमंत्रण का सम्मान करते हुए कितने बाराती और कितने बैंड वाले जुटते हैं. अरविंद केजरीवाल की पार्टी के कई प्रमुख नेता कारावास में हैं ऐसे में कांग्रेस पार्टी को एक बड़े भाई के तौर पर आगे आकर जज्बा दिखाना भी जरुरी है. दिल्ली में केवल इकट्ठा होना, दोपहर का भोजन करना और सबके हाथ पोंछकर कर घर चले जाने की प्रबंध में अब सुधार होना भी बहुत ही अधिक जरुरी है.

I.N.D.I.A की पिछली तीन बैठकें…

तीसरी बैठक: 5 कमेटियां बनीं, चुनाव की रणनीति बनाई गई: I.N.D.I.A अलायंस की तीसरी बैठक मुंबई में 31 अगस्त-1 सितंबर के मध्य हुई थी. मीटिंग में अलायंस ने 5 कमेटियों का गठन किया था. इनमें कैंपेन कमेटी, कोऑर्डिनेशन/स्ट्रैटजी कमेटी, मीडिया, सोशल मीडिया और रिसर्च कमेटी शामिल हैं. इस बैठक में 28 विपक्षी दलों ने पांच राज्यों में हो चुके चुनाव की रणनीति भी बनाई गई थी.

दूसरी बैठक : गठबंधन का नाम I.N.D.I.A तय किया गया: विपक्षी एकता की दूसरी बैठक 17-18 जुलाई को बेंगलुरु में हुई थी. 2024 के आम चुनाव में  भाजपा को हराने के लिए विपक्ष के 26 दल एक साथ आ गए थे. इस बैठक में विपक्षी दलों के गठबंधन का नाम INDIA रखने का निर्णय किया गया. इसका फुल फॉर्म भारतीय नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस है.

पहली बैठक: नीतीश ने अगुआई की, 15 दल शामिल हुए: विपक्षी गठबंधन की पहली बैठक पटना में आयोजित की गई थी. इस बैठक की अगुआई बिहार के सीएम नीतीश कुमार के द्वारा ही की गई थी. बैठक में विपक्ष के 15 दल शामिल हुए थे. ये बैठक अगले लोकसभा चुनाव में मोदी गवर्नमेंट का सामना करने के लिए विपक्ष को एक साथ लाने के लिए रही.

 

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