भारत के खिलाफ अमेरिका का खतरनाक बयान, मोदी सरकार ने कहा…
भारत में किसी भी समय चुनावों का घोषणा हो सकता है। लेकिन चुनावों से ठीक पहले अमेरिका ने अपना रंग दिखा दिया है। अमेरिका ने एक बार फिर हिंदुस्तान विरोधी बयान दिया है। ये बयान एक बड़ी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिया गया है। सीएए को लेकर अमेरिकी स्टेट विभाग के प्रवक्ता ने भी हिंदुस्तान को नीचा दिखाने की प्रयास की। उन्होंने बोला कि हम भी चिंतित हैं कि ये कानून पास कैसे हो गया। हम बारिकी से पूरे मुद्दे पर नजर रख रहे हैं। दरअसल, एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक पत्रकार अपने दिल में हिंदुस्तान के विरुद्ध खूब जहर भरकर लाया था। इस पत्रकार ने अमेरिकी स्टेट विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर से पूछा कि हिंदुस्तान ने एक विवादित कानून पास कर दिया है। इसके साथ ही उसने इसे मुसलमान विरोधी बताते हुए बोला कि इस कानून में सभी धर्मों को स्थान दी गई है लेकिन मुसलमानों को नहीं।
अब हिंदुस्तान की तरफ से भी इस पर पलटवार किया गया है। गवर्नमेंट ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के कार्यान्वयन पर अमेरिका के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए बोला है कि यह हिंदुस्तान का आंतरिक मुद्दा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने शुक्रवार को एक बयान में बोला कि जो लोग हिंदुस्तान की बहुलवादी परंपराओं को नहीं समझते हैं, उनके लिए बेहतर होगा कि वे व्याख्यान देने का कोशिश न करें। जयसवाल ने बोला कि हिंदुस्तान का संविधान अपने सभी नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देता है। अल्पसंख्यकों के प्रति किसी भी चिंता या व्यवहार का कोई आधार नहीं है। वोट बैंक की राजनीति को संकट में फंसे लोगों की सहायता के लिए एक प्रशंसनीय पहल के बारे में विचार निर्धारित नहीं करना चाहिए।
जिन लोगों को हिंदुस्तान की बहुलवादी परंपराओं और क्षेत्र के विभाजन के बाद के इतिहास की सीमित समझ है, उनके व्याख्यान देने का कोशिश नहीं किया जाना चाहिए। हिंदुस्तान के साझेदारों और शुभचिंतकों को उस इरादे का स्वागत करना चाहिए जिसके साथ यह कदम उठाया गया है। जयसवाल ने यह भी बोला कि अमेरिका की टिप्पणियाँ गलत, गलत सूचना और अनुचित” थीं।