प्रदेश में 25 सितम्बर या उसके बाद से विदा होना शुरू हो जाएगा मानसून
जयपुर, 23 सितंबर (हि।स।)। बंगाल की खाड़ी में बने कम दवाब के तंत्र का असर शनिवार से राजस्थान के कई जिलों में दिख सकता है। राज्य के कोटा, उदयपुर, जयपुर और भरतपुर संभाग के कुछ जिलों में शुक्रवार रात तेज बारिश हुई। बारां, सवाई माधोपुर, झालावाड़ के कई हिस्सों में दो इंच तक बरसात हुई। मौसम जानकारों का अनुमान है कि राज्य में इस सिस्टम का असर 24 सितम्बर तक रहेगा। सोमवार 25 सितम्बर या उसके बाद से प्रदेश में मानसून की विदाई की स्थितियां बनने लगेगी। मानसून विदा होना प्रारम्भ हो जाएगा।
मौसम केन्द्र जयपुर की रिपोर्ट के मुताबिक गुजरे 24 घंटे में अजमेर, बारां, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, दौसा, धौलपुर, जयपुर, झालावाड़, करौली, कोटा, सवाई माधोपुर और प्रतापगढ़ जिले में बारिश हुई। बारां के मांगरोल, अजमेर के केकड़ी और सवाई माधोपुर के चौथ का बरवाड़ा में दो इंच तक बरसात हुई। नए मौसमी तंत्र के कारण शुक्रवार दोपहर जयपुर शहर के कई हिस्सों में मामूली बारिश हुई। इसके बाद धूप खिलने के साथ ही उमस का असर दिखा। शनिवार से राजधानी समेत प्रदेश के 16 जिलों में अगले दो से तीन दिन बारिश का दौर बना रहेगा। प्रदेश के दक्षिण पूर्व और पश्चिम के कुछ जिलों में अगले 24 घंटे में मामूली से मध्यम बारिश होने के आसार हैं।
मौसम केन्द्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने कहा कि वर्तमान में झारखंड और उसके आसपास के क्षेत्र के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ है। मानसून की ट्रफ लाइन जैसलमेर से होकर गुजर रही है। इस सिस्टम के असर से शनिवार को बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ जिले में कहीं-कहीं भारी बारिश होने का अनुमान है। इसके अतिरिक्त अजमेर, जयपुर, भरतपुर, सवाई माधोपुर, कोटा, झालावाड़, उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, टोंक, भीलवाड़ा समेत कई जिलों में मामूली से मध्यम बारिश हो सकती है।
राजस्थान से मानसून की विदाई भी 25 सितम्बर से प्रारम्भ हो सकती है। मौसम जानकारों के अनुसार पश्चिमी राजस्थान और पाक के आसपास अब हवा की दिशा बदलने लगी है। वहां एंटी साइक्लोन बनने की स्थितियां बन रही है। इसमें हवा घड़ी की दिशा में घूमती है, जो मानसून की विदाई के लिए अनुकूल होती है। हालांकि पूर्वी राजस्थान के कुछ भागों में बारिश की गतिविधियां अगले हफ्ते में जारी रहने की सम्भावना है।