राष्ट्रीय

अयोध्या : श्रीराम मंदिर परिसर के पास बनेगा ‘मल्टीमीडिया शो फव्वारा’

अयोध्या यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की गवर्नमेंट अयोध्या में बन रहे श्रीराम मंदिर (Ram Mandir) परिसर के पास 100 करोड़ रुपये का एक मेगा ‘मल्टीमीडिया शो फव्वारा’ (Lotus-Shaped Fountain) बनाने की एक भव्य योजना लेकर आई है लगभग 25,000 लोग एक समय में एम्फीथिएटर शैली की बैठने की प्रबंध में इस मेगा फाउंटेन को देख सकेंगे News18 ने इस योजना की जो जानकारी हासिल की है, उसमें गुप्तार घाट से नया घाट तक 20 एकड़ में कमल के आकार का फव्वारा बनाने की कल्पना की गई है और यह 50 मीटर तक पानी को ऊपर फेंकेगा यह फव्वारा परिसर वास्तव में दिव्य और आध्यात्मिक अनुभव देने के लिए बनाया जाएगा, जो श्रीराम मंदिर की भव्यता को और बढ़ाएगा

यह श्रीराम मंदिर की पूरी अवधारणा में जल तत्वों के विशेष महत्व को एक नयी पहचान देने की प्रयास है इस फव्वारे का उद्देश्य मंदिर के इस हिस्से को सिर्फ़ प्रतीक्षा क्षेत्र से आध्यात्मिक प्रेरणा की एक ताजा और आरामदायक स्थान में बदलना है जो एक तरह से मंदिर का पूरक है यह ईश्वर राम की महाकाव्य कहानी बताने के लिए एक उपयुक्त स्थान के रूप में भी काम करेगा जो तीर्थयात्रियों और पर्यटकों दोनों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव देगा इसका उद्देश्य एक ‘जादुई जगह’ बनाना है, जहां जल तत्व” आगंतुकों को शांत होने, प्रार्थना करने और एक साथ आने का मौके देगा

महज शोभा के लिए नहीं है फव्वारा
दस्तावेजों में बोला गया है कि मल्टीमीडिया शो फाउंटेन को शांति और आत्मनिरीक्षण के अभयारण्य, श्रीराम मंदिर के शांत दायरे में अपनी स्थान मिल गई है इस फव्वारे का उद्देश्य राम मंदिर परिसर में मात्र एक शोभा बढ़ाने वाली स्थान होने से कहीं अधिक है वास्तव में यह मंदिर के लोकाचार को बढ़ाने के रूप में कार्य करता है और उसी शांति और शांति का प्रतीक है जो मंदिर से उत्पन्न होता है फव्वारे और मंदिर के माहौल के बीच यह सामंजस्य एक सामंजस्यपूर्ण सामंजस्य बनाता है, जो भक्तों और आगंतुकों को एक समग्र अनुभव प्रदान करता है, जो उनके अस्तित्व के आध्यात्मिक और संवेदी दोनों आयामों को छूता है

डिजाइन
फव्वारे का वास्तुशिल्प डिजाइन कमल के सुंदर रूप की तरह होगा, जो हिंदुस्तान का राष्ट्रीय फूल है यह भारतीय संस्कृति के अनुसार है इस प्रतिष्ठित प्राकृतिक तत्व कमल को फव्वारे की डिजाइन में शामिल करने से हिंदुस्तान की पहचान और विरासत के साथ एक मजबूत और दिल का लगाव कायम होता है फव्वारे के डिजाइन में हिंदू धर्म की सात पवित्र नदियों- गंगा, यमुना, सरस्वती, सिन्धु, नर्मदा, गोदावरी और कावेरी के प्रतीक के रूप में कमल से प्रेरित सात पंखुड़ियां शामिल हैं दस्तावेजों में बोला गया है कि फव्वारे में केंद्रीय फूल बनाने वाली सात पंखुड़ियां ईश्वर विष्णु के सातवें अवतार ईश्वर राम का प्रतीक हैं

फव्वारे के सभी सात प्रवेश द्वार हिंदू धर्म की सात पवित्र नदियों का प्रतीक होंगे और आगंतुकों के बैठने के लिए फव्वारे के चारों ओर मौजूद एम्फीथिएटर को सात खंडों में बांटा जाएगा सभी प्रवेश द्वारों के बीच बैठने की जगहें हिंदुस्तान की दिव्य भूमि का प्रतीक हैं, जहा से होकर पवित्र नदियां गुजरती हैं फव्वारा कमल के आकार की पंखुड़ियों के तीन स्तरों से बनने वाला है पंखुड़ियों के हर स्तर के शीर्ष पर स्प्रे से पानी के विशाल बादल बन जाएंगे, जो फव्वारे में एक शाही रंग-रूप देंगे पंखुड़ियों के किनारों पर बहता पानी सीढ़ीदार झरने बनाएगा इसका लोगों पर आश्चर्यजनक असर होगा

दर्शकों का अनुभव
यह फव्वारा अपने दर्शकों को भिन्न-भिन्न अनूठे अनुभव प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है दिन के दौरान फव्वारा कई चरणों वाले झरनों जैसा होगा, जो पानी की करीबी से जुड़ी कल्याण की भावनाओं के साथ ताजगीऔर शांति देगा शाम के बाद यह फव्वारा एक विशाल मंच में बदल जाएगा जहां विशेष रूप से डिजाइन किए गए जल शो दर्शकों को रामायण की दुनिया में पहुंचा देंगे डॉक्यूमेंट्स में बोला गया है कि केंद्रीय पूल पूरे फव्वारा परिसर का केंद्र बिंदु है और उसका व्यास 100 मीटर है यहां पर पानी, रोशनी और आवाज को मिलाकर मल्टीमीडिया शो चलेगा

इस पूल के सात प्रवेश द्वारों पर पानी की सुरंगें होंगी, जो अपने मनमोहक आकर्षण के साथ लोगों को केंद्रीय पूल की ओर आकर्षित करेंगी पानी, रोशनी और वास्तुशिल्प डिजाइन की आपसी क्रिया सिर्फ़ यहां पहुंचने पर ही इसको एक मनोरम यात्रा में बदल देने वाली है, जो फव्वारे के भीतर एक अविस्मरणीय अनुभव के लिए माहौल तैयार करती है विशेष रूप से रात के दौरान पानी की सुरंगें एक मंत्रमुग्ध कर देने वाली आकर्षण बन जाती हैं, जो तुरंत अतिथियों का ध्यान आकर्षित करती हैं केंद्रीय पूल 25,000 बैठने की जगहों वाले एक एम्फीथिएटर से घिरा होगा

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