प्रज्वल रेवन्ना केस में नया मोड़, NCW ने कहा…
संभोग स्कैंडल में बुरे फंसे कर्नाटक के सांसद और पूर्व पीएम देवगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना के मुकदमा में राष्ट्रीय स्त्री आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने बड़ा बयान दिया है. एनसीडब्ल्यू ने गुरुवार को बोला कि कोई भी पीड़िता कर्नाटक के सांसद प्रज्वल रेवन्ना के विरुद्ध कम्पलेन दर्ज कराने के लिए आगे नहीं आई है. आयोग के पास पहुंची एक स्त्री शिकायतकर्ता ने इल्जाम लगाया कि उसके साथ जनता दल (एस) नेता के विरुद्ध फर्जी कम्पलेन दर्ज करने के लिए जबरदस्ती की गई.
महिला आयोग ने कई मीडिया संगठनों के उन दावों का भी खंडन किया कि प्रज्वल रेवन्ना मुद्दे में 700 स्त्रियों ने कम्पलेन दर्ज कराई थी.
आयोग ने कहा, “ऑनलाइन शिकायतें दर्ज कराने वाली 700 महिलाएं एक सामाजिक कार्यकर्ता समूह से जुड़ी हैं और मुद्दे में प्राथमिक शिकायतकर्ता के साथ उनकी कोई सीधी भागीदारी या संबंध नहीं है.”
आयोग ने मीडिया में चल रही खबरों के उत्तर में स्त्रियों के अधिकारों और सम्मान को बनाए रखने के लिए अपनी अटूट प्रतिबद्धता दर्शाते हुए स्वत:कार्रवाई प्रारम्भ की. आयोग ने बोला कि संबंधित ऑफिसरों द्वारा समय पर कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने से कई जरूरी निष्कर्ष सामने आए.
रिपोर्ट में पीड़ितों द्वारा यौन उत्पीड़न की शिकायतों के आधार पर दो मामलों के पंजीकरण का संकेत दिया गया है, साथ ही एक सम्बन्धी द्वारा किडनैपिंग के लिए दाखिल एक अतिरिक्त कम्पलेन भी दर्ज की गई है.
आयोग ने एक बयान में बोला ”इस मुद्दे में कोई भी पीड़ित आयोग में कम्पलेन दर्ज कराने के लिए आगे नहीं आया है. एक स्त्री शिकायतकर्ता आयोग में सिविल वर्दी पहने तीन व्यक्तियों के विरुद्ध कम्पलेन दर्ज कराने आई थी, जिन्होंने कथित तौर पर स्वयं को कर्नाटक पुलिस अधिकारी के रूप में पेश किया और उस पर इस मुद्दे में झूठी कम्पलेन देने के लिए दबाव डाला. उन्होंने बोला कि उसे टेलीफोन करके कम्पलेन करने की धमकी दी जा रही है.
बयान में बोला गया ”यह पता चला है कि इस शिकायतकर्ता को व्यक्तियों के एक समूह द्वारा संभावित उत्पीड़न और झूठे आरोपों की धमकी के अनुसार कम्पलेन दर्ज करने के लिए विवश किया गया था. पीड़िता ने स्थिति की गंभीरता को रेखांकित करते हुए अपने परिवार के कल्याण के लिए सुरक्षा की मांग की है.”