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3 दिसंबर को राजस्थान में नई विधानसभा का होगा गठन

 Rajasthan Assembly Elections 2023: राजस्थान में नयी विधानसभा के गठन 3 दिसंबर को रिज़ल्ट के बाद होगा मुसलमान बाहुल्य क्षेत्र वाली किशनपोल सीट के लिए कांग्रेस पार्टी ने विधायक अमीन कागजी और भाजपा के चंद्रमनोहर बंटवाड़ा में सीधा मुकाबला हुआअब रिज़ल्ट के आने के पहले चर्चाएं ये प्रारम्भ हो गई कि आखिर किसका पलड़ा हल्का और किसका भारी?

कम वोटर्स,लेकिन मतदान सबसे अधिक बढ़ा

राजधानी जयपुर में किशनपोल विधानसभा सीट ऐसी सीट है जहां पर सबसे कम वोटर्स हैं,और यहां पर स्त्री वोटर्स की संख्या एक लाख से भी कम है इस सीट पर कुल वोटर्स की संख्या 1,93,136 है, जिसमें स्त्री वोटर्स की संख्या 91,698 है

खास बात यह है कि हर विधानसभा सीट पर वोटर्स की संख्या लगातार बढ़ती रही है लेकिन किशनपोल सीट पर करीब 6 हजार वोटर्स कम हो गए हैं,लेकिन सबसे कम वोटर्स होने के बावजूद यहां मतदान फीसदी बढाकिशनपोल में 4.96 फीसदी मतदान बढा हैजिसके बाद कांग्रेस पार्टी कयास लगा रही है कि वोटिंग फीसदी उनके खातें में बढ़ा,जबकि भाजपा कह रही है कि मोदी के रोड शो का असर हुआ

कैसा रहा सियासी इतिहास

किशनपोल विधानसभा सीट के सियासी इतिहास की बात करें तो 1990 में भाजपा के रामेश्वर भारद्वाज को जीत मिली वह 1993 में फिर से विजयी हुए 1998 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर महेश जोशी ने जीत हासिल की थी उसके बाद अगले 15 वर्षों तक यह सीट बीजेपी के ही खाते में रही

मोहनलाल 3 बार बने विधायक

2003 के चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार मोहनलाल गुप्ता ने किशनपोल सीट पर जीत हासिल की फिर 2008 में भी मोहनलाल गुप्ता चुने गए 2013 में भी मोहनलाल गुप्ता ने लगातार 3 जीत के साथ ही जीत की हैट्रिक लगाईहालांकि 2018 में कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी अमीन कागजी विधायक चुने गए अमीन इस सीट के पहले मुसलमान नेता है, जिन्होंने इस सीट से जीत हासिल की

भैरोंसिंह शेखावत ने दो बार जीता किशनपोल

जयपुर शहर की दिल स्थली कहे जाने वाली किशनपोल विधानसभा सीट से पूर्व उपराष्ट्रपति और पूर्व सीएम भैरो सिंह शेखावत दो बार विधायक चुने गए भैरों सिंह शेखावत ने 1962 में और दूसरा चुनाव 1967 में जीता था इस क्षेत्र में हिंदुओं का पलायन लगातार चर्चा का विषय बना हुआ है

 

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